वाराणसी में कोरोना संक्रमण काल में मजिस्ट्रेटों ने संभाली कमान, पटरी पर लौटी अस्पतालों की व्यवस्था
कोविड संक्रमण का संकट बरकरार है। आक्सीजन की कमी है तो अस्पतालों में बेड भी नहीं है। बावजूद जिंदगी बचाने की कोशिश जारी है। जिले में 43 अस्पतालों की कमान संभाल रहे मजिस्ट्रेटों की माने तो पहले से अब स्थिति ठीक है।
वाराणसी, जेएनएन। कोविड संक्रमण का संकट बरकरार है। आक्सीजन की कमी है तो अस्पतालों में बेड भी नहीं है। बावजूद जिंदगी बचाने की कोशिश जारी है। जिले में 43 अस्पतालों की कमान संभाल रहे मजिस्ट्रेटों की माने तो पहले से अब स्थिति ठीक है। अस्पतालों की व्यवस्था बहुत हद तक पटरी पर लौटने लगी है। हालांकि यह नहीं कह सकते कि मुकम्मल है पर कुछ राहत मरीज व उनके परिजन अवश्य कर रहे होंगे। इसकी मुख्य वजह जिलाधिकारी व नोडल अधिकारी अपर नगर मजिस्ट्रेट तृतीय की कोशिश है।
मजिस्ट्रेटों का एक अलग वाट्सअप ग्रुप है। सभी के जिम्मे निगरानी को अस्पताल आवंटित है। अस्पताल पहुंचने वाले मरीज की स्थिति गंभीर होने पर सबसे पहले ग्रुप पर मैसेज कर दिया जाता है। नजदीकी अस्पताल में जगह होने पर तत्काल वहां भर्ती या किसी अन्य में करने की सलाह दी जाती है। मजिस्ट्रेटगण तत्काल मैसेज करते हैं कि मेरे यहां इस अस्पताल में एक बेड रिक्त है। मरीज गंभीर स्थिति में है तो तत्काल भेजें। यह बात मरीज के परिजन तक पहुंचा दी जाती है... कुछ सुनिए मजिस्ट्रेटों की जुबानी।
शायद मेरी छोटी सी मदद से किसी की जिंदगी बच जाए
मणि हास्पिटल चितईपुर, इंद्रा हास्पिटल अखरीबाई पास व गैलेक्सी हास्पिटल महमूरगंज की कमान संभाल रहे मजिस्ट्रेट आशीष तिवारी का कहना है कि मरीजों के परिजनों के फोन लगातार आते रहते हैं। कभी देर रात भी आते हैं लेकिन फोन उठाते हैं। इसलिए कि शायद मेरी छोटी सी मदद से किसी की जिंदगी बच जाए। गैलेक्सी में एक भी बेड नहीं है। इंद्रा में कोविड की जगह नाॅन कोविड मरीजों के लिए आरक्षित कर दिया गया है। यह पूछने पर क्यों बंद किया गया तो मजिस्ट्रेट का कहना था कि डीएम के आदेश के क्रम में रोक लगाई गई है। इसके पीछे महत्वपूर्ण अस्पतालों को पहले आक्सीजन उपलब्ध कराना है। मणि हास्पिटल के आईसीयू में एक भी बेड नहीं पर आइसोलेशन में एक दो बेड रिक्त हैं।
इन दोनों अस्पतालों को आगाह कर दिया गया है कि रेमडीसिविर इंजेक्शन न होने पर न लिखे। इसको फोलाे कर रहे हैं। वरना, आए दिन इसको लेकर हंगामा की स्थिति बन रही थी। व्यवस्था पहले से अच्छी है। मजिस्ट्रेटों के वाट्सग्रुप पर 24 घंटे मैसजिंग होती रहती है। सभी अपने स्तर से जी जान से कार्य को मूर्तरूप दे रहे हैं। हालांकि आशीष तिवारी के साथ एक और मजिस्ट्रेट खाद्य सुरक्षा अधिकारी शिवेंद्र गुप्ता लगाए गए थे लेकिन दो साल पहले ही देवरिया तबादला हो गया। डीएम कार्यालय से ही ड्यूटी लगाने में गड़बड़ी हुई थी। मजे की बात है कि शिवेंद्र कहते हैं कि मैंने किसी को यह नहीं बताया कि मेरा तबादला हो गया है। मैं तत्काल दूसरे मजिस्ट्रेट का नम्बर उस व्यक्ति को मैसेज कर देता हूं। नम्बर सार्वजनिक होने के कारण प्रतिदिन पांच छह फोन आते हैं। फिलहाल अकेले ही आशीष इन अस्पतालों की निगरानी में जुटे हुए हैं।
मरीजों व उनके परिजनों के बीच भोजन भी वितरण कराया जा रहा है
बीएलडब्ल्यू व हेरिटेज लंका की कमान संभाल रहे मजिस्ट्रेट व खाद्य सुरक्षा अधिकारी रमेश सिंह का कहना है कि पिछले पांच दिनों में गुरुवार पहला दिन है जब मरीजों के फोन कम आए। वजह पता नहीं। फिलहाल, दोनों ही अस्पताल में बेड नहीं है। बरेका में कुल 40 आक्सीजन बेड पर मरीज हैं। हरिटेज में 30 आक्सीजन बेड भरा हुआ है। आइसीयू में भी बेड खाली नहीं है। इस अस्पताल को कोविड अस्पताल भी शासन से घोषित होने की बात कही जा रही है। इसमें बेड की संभावना है लेकिन आक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्वित करानी होगी। इस दिशा में कार्य हो रहा है। उम्मीद है कि कुछ बेड यहां बढ़ सकते हैं। मरीजों के परिजनों की शिकायतें आती हैं। बहुत हद तक अस्पताल प्रशासन से मिलकर दूर कराने की काेशिश होती है। मरीजों व उनके परिजनों के बीच भोजन भी वितरण कराया जा रहा है।
आक्सीजन व रेमडीसिविर इंजेक्शन की मांग ज्यादा है
मेडसिटी हास्पिटल कमच्छा, मेडविन हास्पिटल मैदागिन व गंगा सेवा सदन चांदपुर की कमान संभालने वाले मजिस्ट्रेट जितेंद्र कुमार का फोन कुछ देर से मिला। हालांकि उन्होंने बताया कि गंगा सेवा सदन को कोविड मरीजों के इलाज की अब इजाजत नहीं होगी। मेडसिटी में छह व मेडविन में तीस मरीजों का इलाज चल रहा है। कोई शिकायत नहीं है। आक्सीजन व रेमडीसिविर इंजेक्शन की मांग ज्यादा है।
मरीजों की छोटी सी शिकायत पर भी प्रबंधन से सीधे बात करता हूं
मैक्सवेल हास्पिटल डाफी, ओरियाना हास्पिटल दुर्गाकुंड , सांईनाथ हास्पिटल व उपकार हास्पिटल सुंदरपुर की निगरानी को तैनात मजिस्ट्रेट महातिम यादव का कहना है कि भाग दौड़ की वजह से आक्सीजन लेवल मेरा 84 हो गया है। तबीयत कुछ ठीक नहीं है लेकिन विश्वास है कि ठीक हो जाएंगे। उपकार हास्पिटल में 15 मरीजों का इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि इसके बाद इसमें सिर्फ नॉनकोविड मरीजों का ही इलाज होगा। ओरियाना में 54 व मैक्सवेल में बीस मरीज भर्ती हैं। इन चारों अस्पतालों में बेड रिक्त नहीं है। हालांकि मरीजों का फीडबैक ठीक है। मरीजों की छोटी सी शिकायत पर भी प्रबंधन से सीधे बात करता हूं। मरीज व उनके परिजनों को किसी प्रकार का कष्ट न हो इसके लिए संकल्पबद्ध हूं।
मरीज के परिजनों की छोटी मोटी शिकायतों को फौरी मौके पर ही हल करा दिया जाता है
फोर्ड हास्पिटल समानेघाट, कुलवंति हास्पिटल लंका, न्यू जागृति हास्पिटल चितईपुर व शरभ हास्पिटल लंका पर नजर रखे रहे मजिस्ट्रेट शशि कुमार स्वयं कोविड संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। दूसरे मजिस्ट्रेट सराेज कुमार का कहना है कि कुलवंति व न्यू जागृति में नए कोविड मरीजों की भर्ती पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। फोर्ड अस्पताल में 20 व शरभ में 14 मरीजों का इलाज चल रहा है। किसी में बेड नहीं है। मरीज के परिजनों की छोटी मोटी शिकायतों को फौरी मौके पर ही हल करा दिया जाता है।
अव्यवस्था को लेकर किसी प्रकार की शिकायत नहीं है
मेरीडियन हास्पिटल सारनाथ, दीर्घायु हास्पिटल सारनाथ, शिव सर्जिकल नर्सिंग होम पांडेयपुर, सार्थक सर्जिकल सेंटर पहडि़या व डीपी मेडिकल सेंटर पहडि़या की निगरानी कर रहे मजिस्ट्रेट पुरंदर यादव ने कहा कि मेजर कोई बड़ी शिकायत नहीं है। मेरीडियन में 12 कोविड मरीजों का इलाज चल रहा है। नए एडमिशन पर रोक है। दीर्घायु में 20, शिव सर्जिकल में तीस, सार्थक में 16 व डीपी में 16 कोविड मरीजों का इलाज जारी है। किसी में बेड रिक्त नहीं है। दूर दराज से रात में फोन आते हैं तो पूरी कोशिश होती है कि उसे किसी न किसी अस्पताल में भर्ती कराया जाए। अव्यवस्था को लेकर किसी प्रकार की शिकायत नहीं है।
मरीजों के परिजनों को अपना मोबाइल नम्बर भी दे रखा ताकि जरूरत पर तत्काल फोन कर सकें
अंनत हास्पिटल रोहनियां, जनता हास्पिटल अखरी बाई पास व राम विलास हास्पिटल चांदपुर की देखरेख को नियुक्त मजिस्ट्रेट भरत कुमार मिश्र का कहना है कि सिर्फ अनंत में नए मरीजों की भर्ती की छूट है। शेष यानी राम विलास में 9, जनता में 14 पुराने कोविड मरीजों का इलाज चल रहा है। इलाज के बाद यह नए कोविड मरीजों को नहीं भर्ती कर सकेंगे। भरत कुमार ने कहा कि जब भी फोन आते हैं तत्काल उठाने की कोशिश करता हूं। क्योंकि एक एक पल इस समय बहुत कीमती है। किसी की जान मेरी मदद से बच जाए तो इससे बड़ी कोई सेवा नहीं हो सकती। इन अस्पतालों के मरीजों के परिजनों को अपना मोबाइल नम्बर भी दे रखा ताकि जरूरत पर तत्काल फोन कर सकें।
मरीजों के भर्ती कराने को लेकर ज्यादा फोन आते हैं
नोवा हास्पिटल शिववुर, शिवम हास्पिटल लहरतारा व सन्मुख हास्पिटल बाबतपुर की निगरानी में जुटे मजिस्ट्रेट राजूपाल ने कहा कि सर्वाधिक एडमिट कराने को लेकर आ रहे हैं। नोवा में 28, शिवम में 12 मरीजों का इलाज चल रहा है। एक भी बेड खाली नहीं हैं। सन्मुख में नए मरीजों की भर्ती पर रोक है। चार पुराने मरीजों का इलाज जारी है। शिकायतें कम, मरीजों के भर्ती कराने को लेकर ज्यादा फोन आते हैं। वाट्सग्रुप व कोविड सेंटर आदि पर फोन कर तत्काल जानकारी दी जाती है ताकि उक्त मरीज की जान बच सके।
मरीजों की स्थिति से लगायत सब पर नजर है
सूर्योदय हास्पिटल अर्दली बाजार, आलोक हास्पिटल, एसएस हास्पिटल हरहुआ व त्रिमूर्ति अस्पताल भोजूबीर के लिए तैनात मजिस्ट्रेट सीताराम सिंह कुशवाहा ने बताया कि इन अस्पतालों में बेड नहीं है। कुछ गुंजाइश एसएस में बन सकती है वरना सूर्योदय में बीस, आलोक में 15 व एसएस में 22 व त्रिमूर्ति में बीस कोविड मरीजों का इलाज चल रहा है। एक दिन आक्सीजन को लेकर त्रिमूर्ति में हंगामा हुआ, इसके बाद किसी में कुछ नहीं हुआ। संचालक से प्रतिदिन बात होती है, मरीजों की स्थिति से लगायत सब पर नजर है। फोन पर सबसे बात करते हैं। हरसंभव मदद की कोशिश होती है। बहुत कुछ अधिकार में नहीं पर कोशिश करने से नहीं थकता।
इलाज को लेकर कोई शिकायत नहीं
ओपल हास्पिटल जानकारीनगर, वर्सोआ हास्पिटल चितईपुर व शुभम सदभावना बीएचयू नरिया के लिए नियुक्त मजिस्ट्रेट नंदलाल प्रसाद विश्वकर्मा ने कहा कि तीन ही अस्पताल में बेड नहीं है। आक्सीजन की डिमांड अवश्य है। कुछ अस्पताल अपने ढंग से तो कुछ जिला प्रशासन के सहयोग से इंतजाम कर रहे हैं। शुभम में 18 कोविड मरीज, वर्सोआ में 16 व ओपल में तीन कोविड मरीज हैं। इलाज को लेकर कोई शिकायत नहीं। अस्पताल प्रबंधन पर बराबर नजर रहती है।
कुछ के मोबाइल बंद, कुछ बैठक में शामिल
लक्ष्मी हास्पिटल परेडकोठी, सिंह मेडिकल एवं सर्जिकल अंधरापुल व एलायंस हास्पिटल मलदहिया की कमान संभालने वाले मजिस्ट्रेट सहायक अभियंता वीडीए आनंद कुमार अस्थाना व सहायक अभियंता सिंचाई सत्येंद्र पांडेय से फोन पर बात नहीं हो सकी। आनंद कुमार अस्थाना का मोबाइल शाम 5.59 से शाम 6.46 बजे तक स्वीच ऑफ बता रहा था वहीं सत्येंद्र पांडेय का मोबाइल से कोई रिस्पांस नहीं मिला। हालांकि कुछ अफसरों ने कहा कि संभव हो,मोबाइल डिस्चार्ज हो। दूसरी तरफ कुछ मजिस्ट्रेटों ने मतगणना की तैयारी को लेकर बैठक में शामिल होने की बात कही। ह