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रोज 500 बॉल फेंककर बेटे को बनाया सिकंदर, नौकर ने कराई हुनर की पहचान, जानिए कौन है भारतीय क्रिकेट टीम का नया चेहरा

शिवम ने भले ही अब बांग्लादेश के खिलाफ बल्लेबाजी करेगा लेकिन असल में उसे वहां तक पिता राजेश दुबे के जुनून ने पहुंचाया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 25 Oct 2019 01:33 PM (IST)Updated: Fri, 25 Oct 2019 06:28 PM (IST)
रोज 500 बॉल फेंककर बेटे को बनाया सिकंदर, नौकर ने कराई हुनर की पहचान, जानिए कौन है भारतीय क्रिकेट टीम का नया चेहरा
रोज 500 बॉल फेंककर बेटे को बनाया सिकंदर, नौकर ने कराई हुनर की पहचान, जानिए कौन है भारतीय क्रिकेट टीम का नया चेहरा

भदोही [संग्राम सिंह]। शिवम दुबे ने भले ही अब बांग्लादेश के खिलाफ बल्लेबाजी करेगा, लेकिन असल में उसे वहां तक पिता राजेश दुबे के जुनून ने पहुंचाया है। 27 वर्षीय शिवम का चयन भारत की टी-20 क्रिकेट टीम में हुआ है। चार साल की छोटी उम्र में उसके हुनर को मुुंबई के अंधेरी स्थित घर में काम करने वाले नौकर ने पहचाना था। पिता को बताया था कि बेटा बहुत बढिय़ा क्रिकेट खेलता है। सातवीं कक्षा पास पिता ने उसे क्रिकेटर बनाने का जुनून बना लिया।

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दसवीं तक पढ़ाई करने वाले शिवम ने क्रिकेट को ही अपना सब कुछ मान लिया। पिता ने घर में शिवम के लिये विकेट तैयार किया। वहीं सुबह और शाम प्रैक्टिस घंटों होती थी। पिता बॉलिंकरते और वह बैटिंग। राजेश रोज शिवम को 500 बॉल फेंकते थे। ऐसी ट्रेनिंग वे पूरे 10 साल तक दिये। इस बीच शिवम को क्रिकेट का हर करतब पिता ने सिखाया। वही मालिश करते और वही शिवम का डॉयट प्लान तैयार करते थे। ग्राउंड मेें बेटे के साथ बाप भी दौड़ते। करीब 14 वर्ष की आयु में इंडियन क्रिकेटर चंद्रकांत पंडित से ट्रेनिंग लेना शुरू किया। यहां से शिवम चला तो पीछे मुड़कर नहीं देखा। भदोही के मानिकपुर निवासी राजेश दुबे बताते हैं कि वह खुद मुंबई में ही पैदा हुए हैं। बहुत पहले ही वे गांव छोड़कर यहीं बस गये और मुंबई के रह गये। भदोही में उनके भाई रमेश दुबे पूर्व सांसद हैं।

बिक गया जींस का कारोबार 

बेटे को क्रिकेटर बनाने में पिता का जींस का कारोबार बिक गया। माता माधुरी दुबे ने भी बेटे का खूब साथ दिया। उन्हें भी क्रिकेट खूब पसंद है। खूब परिश्रम किया है शिवम ने। आखिर में शिवम का चयन 15 सदस्यीय टीम में हो गया है। शिवम बताते हैं कि उन्होंने इसके लिये खूब परिश्रम किया है। पिता ने उन्हें सफल बनाने के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया। दिन-रात एक कर दिया। हमने भी खूब स्ट्रगल किया। मेरे दोस्तों ने भी मेरा हौसला खूब बढ़ाया।

कुछ ऐसा रहा सफर

शिवम को भारत-ए टीम में अपने शानदार प्रदर्शन के बूते पहली बार भारतीय टीम में चुना गया है। 16 साल से सक्रिय क्रिकेट खेलना शुरू किया है। वर्ष 2015-16 मेें रणजी मुंबई के लिये मैच खेले, जिसमें उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। करीब एक हजार रन पूरी सीरीज में बनाये थे। इसी प्रदर्शन के आधार पर वर्ष 2017-18 में विराट कोहली की अगुवाई वाली आइपीएल क्रिकेट आरसीबी ने उन पर पांच करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। चार मैच खेले थे लेकिन प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं रहा। फिर भी शिवम आगे बढ़ते रहे। चार महीने पहले इंडिया ए टीम में उनका चयन हो गया। यहां पर उन्हें नेशनल क्रिकेट एकेडमी बंगलुरु के हेड कोच भारतीय क्रिकेटर राहुल द्रविड़ ने क्रिकेट के गुर सिखाये। मसलन पुल शॉट, स्टेट ड्राइव समेत कई शॉट सीखे। यहां से वे वेस्टइंडीज और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हुए मैच में शानदार प्रदर्शन किया। हाल ही में विजय हजारे ट्राफी में शिवम ने 58 गेंद में शतक बनाकर भारतीय चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर खींच लिया।


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