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जौनपुर में प्लास्टिक के निस्तारण के लिए पंचायत स्तर पर लगाई जाएंगी मशीनें, आय में होगा इजाफा

जौनपुर में प्लास्टिक के निस्तारण के लिए न्याय पंचायत स्तर पर मशीनें लगाई जाएंगी। इसके लिए जिला प्रशासन की तरफ से पहले प्लास्टिक संग्रहण केंद्र बनवाया जाएगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 23 Jul 2020 02:06 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jul 2020 05:35 PM (IST)
जौनपुर में प्लास्टिक के निस्तारण के लिए पंचायत स्तर पर लगाई जाएंगी मशीनें, आय में होगा इजाफा
जौनपुर में प्लास्टिक के निस्तारण के लिए पंचायत स्तर पर लगाई जाएंगी मशीनें, आय में होगा इजाफा

जौनपुर, [दीपक उपाध्याय]। गांवों को पर्यावरण प्रदूषण से मुक्त रखने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से नई पहल शुरू की जा रही है। इसके तहत मिट्टी के प्रदूषण का कारक बनी पाॅलीथिन व प्लास्टिक के निस्तारण के लिए न्याय पंचायत स्तर पर मशीनें लगाई जाएंगी। जिससे गांवों के कचरे में से इनको निकालकर गलाया जाएगा। जिसे सरकारी कार्यदायी संस्थाओं को सड़क बनाने के लिए देने के साथ ही अन्य अवशिष्टों से कंपोस्ट खाद तैयार कराई जाएगी। जिसे बेचकर ग्राम पंचायत के खाते में पैसा जमा कराया जाएगा। इसके लिए जिला प्रशासन की तरफ से पहले प्लास्टिक संग्रहण केंद्र बनवाया जाएगा। अगर सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो जल्द ही इसका काम शुरू हो जाएगा। 

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पहले प्लास्टिक संग्रहण केंद्र बनाया जाएगा

जिले में 1749 ग्राम पंचायतें तो 217 न्याय पंचायतें हैं। सीडीओ अनुपम शुक्ला की अध्यक्षता में गांवों में प्लास्टिक व पालीथिन निस्तारण के लिए प्लान तैयार किया जा रहा है। इसके तहत पहले न्याय पंचायत स्तर पर प्लास्टिक संग्रहण केंद्र बनाया जाएगा। इसके लिए नौ फीट लंबा, नौ फीट चौड़ा, छह मीटर ऊंचा कमरा बनवाया जाएगा। इसमें सफाई कर्मियों की मदद से प्लास्टिक के कचरों को एकत्रित किया जाएगा। यह संग्रहण केंद्र ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन व सामुदायिक भवन बनने के पास तैयार किए जाएंगे। इसको तैयार करने में जहां 10 से 12 हजार रुपये खर्च आएंगे। इसके बाद प्लास्टिक सेग्रीगेशन मशीन को लगाने 20 से 25 हजार रुपये खर्च आएगा। यह खर्च ग्राम पंचायतों के बजट से होगी। इस मशीन को लगाने के लिए कर्नाटक, तमिलनाडू व दिल्ली की कुछ कंपनियों से बात चल रही है। सस्ता व अच्छी मशीन की खरीदारी के लिए विभिन्न कंपनियों से कोटेशन मांगा गया है।

मशीन ऐसे करेगी काम

सीडीओ ने बताया कि प्लास्टिक सेग्रीगेशन मशीन के अंदर प्लास्टिक डालने पर अपशिष्ट गल जाता है। तरल प्लास्टिक कचरे को जहां फैक्ट्रियों, सरकारी कार्यदायी संस्थाओं को सड़क बनाने के लिए दिया जाएगा तो वहीं अन्य गीले अपशिष्ट से खाद तैयार की जाएगी। जिसे बेचकर ग्राम पंचायतों के खाते में धन डाल दिया जाएगा।  

क्‍या बोले अधिकारी

सीडीओ अनुपम शुक्ला का कहना है कि गांवों को प्लास्टिक व पालीथिन से मुक्त करने का प्लान चल रहा है। इसके तहत न्याय पंचायतों पर प्लास्टिक सेग्रीगेशन मशीन लगाई जाएगी। कूड़े में से प्लास्टिक को निकालकर मशीन में गला दिया जाएगा तो अन्य कचरों से कंपोस्ट खाद बनाई जाएगी। दोनों को ही बेचकर ग्राम पंचायतों के खाते में डालकर आय बढ़ाई जाएगी। प्लास्टिक के तरल कचरों का सड़कों को बनाने में उपयोग किया जाएगा।


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