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नगर पंचायत गंगापुर की तर्ज पर होगा लोहता नगर पंचायत का गठन, वाराणसी में अब चार निकाय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अब चार निकाय वजूद में आ गए हैं। कैबिनेट की बैठक में सोमवार को लोहता नगर पंचायत को हरी झंडी मिल गई।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 05:20 PM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 05:20 PM (IST)
नगर पंचायत गंगापुर की तर्ज पर होगा लोहता नगर पंचायत का गठन, वाराणसी में अब चार निकाय
नगर पंचायत गंगापुर की तर्ज पर होगा लोहता नगर पंचायत का गठन, वाराणसी में अब चार निकाय

वाराणसी, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अब चार निकाय वजूद में आ गए हैं। कैबिनेट की बैठक में सोमवार को लोहता नगर पंचायत को हरी झंडी मिल गई। इससे पहले नगर निगम के अलावा नगर पालिका परिषद रामनगर व नगर पंचायत गंगापुर वजूद में था।

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जानकार बताते हैं कि नगर पंचायत गंगापुर की तर्ज पर ही लोहता नगर पंचायत का गठन होगा। हां, यह जरूर है कि आबादी के दृष्टिगत यहां वार्डों की संख्या 10 से अधिक हो सकती है। वर्तमान में गंगापुर नगर पंचायत में 10 वार्ड हैं। कैबिनेट के फैसले के बाद ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ गई। नगरीय सुविधाओं की तरह इस इलाके में भी मूलभूत सुविधाओं के विकास की उम्मीद जग गई। लोगों ने एक-दूसरे को बधाई दी और मिठाइयां बांट कर मुंह मीठा किया।

मंत्री अनिल राजभर को मिला श्रेय

लोहता नगर पंचायत की कवायद वर्ष 2012 से की जा रही है। इसके लिए वहां के ग्राम प्रधान की ओर से एक प्रस्ताव तत्कालीन नगर विकास मंत्री रहे आजम खां को दिया गया था। सपा सरकार ने ही लोहता नगर पंचायत के लिए सहमति दे दी थी। हालांकि कैबिनेट का फैसला आना शेष रह गया। प्रधान प्रतिनिधि इम्तियाज फारुकी ने बताया कि जब भाजपा की सरकार आई तो शिवपुर विधायक के तौर अनिल राजभर के समक्ष प्रस्ताव रखा गया। संयोग था कि अनिल राजभर को प्रदेश सरकार का मंत्री बना दिया गया जिसके बाद ग्रामीणों का यह प्रयास रंग लाया। ग्रामीण लोहता को नगर पंचायत का दर्जा मिलने का श्रेय मंत्र अनिल राजभर को दे रहे हैं। इस बाबत फेसबुक पर भी जानकारी को वायरल किया जा रहा है।

विश्व पटल पर बनारसी साड़ी से पहचान

लोहता प्रतिनिधि के अनुसार इलाके की पहचान विश्व पटल पर होती है। यहां की बनारसी साडिय़ां खूब पसंद की जाती हैं। पूरा इलाका बुनकर बाहुल क्षेत्र है। इसमें ङ्क्षहदू-मुस्लिम व अन्य धर्मों के लोग रहते हैं। यहां पर मिशनरी का एक कान्वेंट स्कूल भी संचालित है। लोहता की आबादी करीब 60 हजार है। यहां पर करीब 22 हजार मतदाता हैं। मुहल्ले के तौर पर देखें तो यहां पर 25 पुरा है जिसमें मुख्य रूप से धमरिया, अलावलपुर, बड़ी मस्जिद, इस्लामपुर, बड़ी बाजार, मीना बाजार, छोटी बाजार, रसूलपुर, बजरंग नगर, नईबस्ती आदि प्रमुख हैं।

गंदगी पहचान, बीमारियों से जाती जान

बुनकारी के अलावा इस क्षेत्र की पहचान गंदगी भी है। यहां पर संक्रामक रोग तेजी से फैलता है। हर वर्ष डायरिया, डेंगू, मलेरिया, पीलिया आदि रोगों से बच्चे, बूढ़े, महिलाएं व युवाओं की जान जाती है। यहां पर अस्पताल के इंतजाम हैं लेकिन आबादी के सापेक्ष नाकाफी हैं। यह इलाका संवेदनशील भी है। धार्मिक मुद्दों पर माहौल तनावपूर्ण हो जाता है। इलाके में लोहता थाना है जो संवेदनशील थाने के रूप में जाना जाता है। चुनाव, तीज-त्योहारों पर विशेष सुरक्षा इंतजाम होते हैं। लोहता रेलवे स्टेशन भी है।

लोहता को इन सुविधाओं की जरूरत

सीवर सिस्टम, शौचालय, शुद्ध पेयजल, सफाई व्यवस्था, कचरा प्रबंधन, भूमिगत बिजली के तार, स्कूल, अस्पताल की जरूरत है।


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