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Locusts Attack : सोनभद्र में टिड्डियों का आया दल, बड़ी संख्या देख किसानों के माथे पर बल

Locusts Attack फसलों के लिए आसमानी आतंकी कहे जाने वाला टिड्डियों का दल बुधवार की शाम तक सोनभद्र के घोरावल पहुंच गया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 08:43 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 12:18 AM (IST)
Locusts Attack : सोनभद्र में टिड्डियों का आया दल, बड़ी संख्या देख किसानों के माथे पर बल
Locusts Attack : सोनभद्र में टिड्डियों का आया दल, बड़ी संख्या देख किसानों के माथे पर बल

सोनभद्र, जेएनएन। फसलों के लिए आसमानी आतंकी कहे जाने वाला टिड्डियों का दल बुधवार की शाम तक घोरावल पहुंच गया। यहां बाजार सहित आसपास के इलाकों में इनकी मौजूदगी से किसानों के माथे पर बल देखा गया। कृषि विभाग भी इलाके की स्थिति से अपने को अपडेट रखना शुरू कर दिया है। साथ ही किसानों को जरूरी सुझाव भी दिया जा रहा है।

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देश के कई हिस्सों में टिड्डियों के दल पहुंचने और फसलों को नुकसान पहुंचाने की जानकारी मिलने पर कृषि निदेशालय ने जिले में पत्र भेजकर अधिकारियों को पहले से ही सतर्क रहने के लिए कहा है। इसी आधार पर यहां कृषि विभाग के अधिकारी सभी क्षेत्रों में नजर बनाए हुए हैं।

घोरावल के खंडदेउर गांव में सैकड़ों की संख्या में टिड्डे आसमान में मंडराते दिखे। यह देख किसानों ने कृषि विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया। थोड़ी ही देर में यह दल घोरावल बाजार में दिखा। कृषि विभाग के जानकार बताते हैं कि इनका दल जहां भी जाता है वहां हरे पत्तों पर बैठकर उन्हें नुकसान पहुंचाता है। ये रात में ज्यादा खतरनाक होते हैं। दिन में उड़ते रहते हैं। एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं। रात में जहां रुकते हैं वहां फसलों को चट कर जाते हैं।

किसानों को पहले से अलर्ट कर दिया गया था

घोरावल क्षेत्र में टिड्डियों का दल आया हुआ है। किसानों को पहले से अलर्ट कर दिया गया था। खेतों में  रसायन की छिड़काव की भी सलाह दी गई है। वहीं ढोल, थाली, ताली आदि बजवाने का भी इंतजाम किया जा रहा है। विभाग की ओर से दवा का छिड़काव कराया जा रहा है। साथ ही उच्चाधिकारियों को भी जानकारी दी जाएगी।

-जनार्दन कटियार, जिला कृषि रक्षा अधिकारी।

कीटनाशक का छिड़काव किया जा सकता है

कीटनाशक क्लोरपीरिफॉस, लिंडा आदि कीटनाशक का छिड़काव किया जा सकता है। हालांकि तेज आवाज, आग आदि से भी टिड्डियों का दल भागता है।

  -डा. रूद्र प्रताप सिंह, कृषि विज्ञान केंद्र कोटवा के विषय वस्तु विशेषज्ञ।

राजस्थान में हवाई छिडक़ाव नहीं होने से पूर्वांचल में बढ़ा खतरा

फसलों पर टिड्डियों का हमला शुरू हो गया है। वह फसलों की पत्तियों को चट कर जा रहे हैं। इसके कारण किसान परेशान हैं। टिड्डियों को लेकर किसान और कृषि विभाग अलर्ट मोड में आ गए हैं। वाराणसी के मिर्जामुराद क्षेत्र के कोरी गांव के किसान अशोक सिंह ने बताया कि गन्ने की पत्ती, पशुओं की चरी और धान की नर्सरी को टिड्डी क्षति पहुंचा रहे है। कृषि विज्ञान केंद्र के डा. नवीन कुमार सिंह ने बताया टिड्डी दल वाराणसी में भी तबाही मचा रहा है। पूर्वांचल के कई जिलों में गंभीर खतरा है। हवा की दिशा से टिड्डी दल बहुत तेजी से चलता है। जो फसलों, सब्जियों को चट जाता है। लॉकडाउन के चलते राजस्थान में हवाई छिडक़ाव न होने से खतरा ज्यादा है।

टिड्डी का एक झुंड दस हाथी, 25 ऊंट और ढाई हजार आदमियों जितना नुकसान पहुंचाता है। किसानों को यह समझना होगा कि टिड्डी दल किस समय फसलों पर बैठ रहा, उसी हिसाब से दवा छिड़काव करना चाहिए। वैसे अधिकांश यह शाम के समय ही फसलों पर बैठती है। इस वर्ष टिड्डी को लेकर हाई अलर्ट घोषित किया गया है।

कृषि विज्ञान केंद्र के ही डा. एनके सिंह ने बताया कि आस-पास के जनपदों में भी टिड्डी दल के आक्रमण का खतरा मंडरा रहा है। टिड्डी दल राजस्थान से मध्य प्रदेश होते प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में आ चुका है। फिलहाल झांसी तक पहुंचने की सूचना मिली है। ये टिड्डी दल किसी क्षेत्र में शाम 6 से 8 बजे के आसपास पहुंचकर जमीन पर बैठ जाते हैं। जहां रातभर फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं और फिर सुबह 8 -9 बजे के करीब उड़ान भरते हैं। बताया कि टिड्डी से फसल बचाने को किसान समय -समय पर दवा का छिडक़ाव करते रहें।


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