Lockdown Crisis साहब ! वेतन देना तो दूर, कंपनी मालिक ने हमें नौकरी से ही निकाल दिया
Lockdown Crisis पंजाब से घर लौट रहे युवक ने बताया कि वेतन नहीं मिला तो घर से रुपये मांगे। इसके बाद पेट्रोल डलवाकर बाइक से घर के लिए निकलें।
वाराणसी [शैलेंद्र सिंह पिंटू]। साहब, लॉकडाउन में वेतन देना तो दूर कंपनी मालिक ने नौकरी से ही निकाल दिया। दो माह से पास रखे चंद रुपयों से गुजारा कर रहा था कि नौकरी से भी हाथ धोना पड़ गया। लॉकडाउन में दूसरा कोई काम भी नही मिला। अंत मे श्रमिकों के सामने ऐसी मजबूरी आई कि उन्हें घर लौटने के लिए परिवार वालों को फोन कर बैंक खाते में मंगाना पड़ा। रुपये आते ही बाइक में पेट्रोल डलवाएं और गांव के लिए निकल पड़े। मिर्जामुराद में सोमवार को एटीएम से रुपये निकालने के लिए रुके प्रवासियों ने अपने दर्द बयां किए।
बिहार के दरभंगा (मधुबनी) निवासी श्रवण व मनीष नामक युवक पंजाब में धागा कंपनी में करीब तीन वर्ष से काम करते रहे। कोरोना महामारी के बीच लॉकडाउन होने पर कंपनी में काम बंद हो गया। दो माह तक किसी तरह जेब में रहे रुपयों से पेट की आग बुझाता रहा। कंपनी मालिक से वेतन मांगा। वेतन देने की बजाय उसने नौकरी से छुट्टी कर दी, कहा हमको अब आधे ही श्रमिक की जरूरत है, तुम लोग घर जाओ। जीवन यापन पर संकट के बादल गहराने लगे।
अब जाऊं तो जाऊं कहां। जिंदगी बचाने के लिए मजबूरन गांव के माटी की याद आई। जेब भी खाली हो गया था। परिवार में फोन कर बैंक खाते में पेट्रोल की खातिर रुपया मंगाया, फिर बाइक में तेल भरवाया और निकल पड़ा मंजिल की ओर। चार दिन से बाइक चला रहा हूं,शरीर थक-सा गया है। परिवार में पहुंच अपनों से मिलने पर ही थकान दूर होगी।अब गांव में ही रोजगार तलाश आत्मनिर्भर बनेंगे और परदेश नहीं जाएंगे। कहा कि लॉकडाउन ने हमें दर्द ही दिया है। आज हम घर वापस जा रहे हैं तो सिर्फ इसलिए कि हम सुरक्षित रह सकें। हमारे जैसे कई लोगों ने लॉकडाउन में कष्ट झेला है। अब यही चाहत है कि कैसे भी सुरक्षित घर पहुंच जाए।