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Lockdown crisis पूर्वांचल की सबसे बड़ी मंडी पान दरीबा में सड़ गए करोड़ों की कीमत के पान

Lockdown crisis पूर्वांचल की सबसे बड़ी मंडी पान दरीबा में दुकान बंद रहने से करोड़ों के पान सड़ गए। इससे 300 कारोबारियों की कमर टूट गई है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 31 May 2020 08:04 PM (IST)Updated: Mon, 01 Jun 2020 09:18 AM (IST)
Lockdown crisis पूर्वांचल की सबसे बड़ी मंडी पान दरीबा में सड़ गए करोड़ों की कीमत के पान
Lockdown crisis पूर्वांचल की सबसे बड़ी मंडी पान दरीबा में सड़ गए करोड़ों की कीमत के पान

वाराणसी, [मुकेश चंद्र श्रीवास्तव]। Lockdown crisis वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के लिए चल रहे लॉकडाउन के कारण सभी उद्योग-व्यापार प्रभावित हुआ है। इससे पान-मसाला कारोबार भी अछूता नहीं रहा। पहले यहां पर प्रतिदिन दो करोड़ से अधिक पान-मसाले, बीड़ी, सिगरेट आदि की बिक्री हो जाती थी। लॉकडाउन में पूरी तरह यह कारोबार ठप हो गया। यहीं नहीं पूर्वांचल की सबसे बड़ी मंडी पान दरीबा में दुकान बंद रहने के कारण करोड़ों के पान सड़ भी गए। इसके कारण यहां पर मौजूद करीब 300 कारोबारियों की कमर टूट गई। अब बस अनलॉक-1 से सभी की उम्मीद जगी है।

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एक तो लॉकडाउन के कारण दुकानें बंद रहने से बीड़ी-सिगरेट व मसाले के व्यवसाय पर असर पड़ा ही। साथ ही अधिकतर लोगों ने स्वेच्छा से ही कोरोना के खतरे से बचने के लिए धूमपान और तंबाकू का सेवन करने ना के बराबर कर दिया था। कारण कि इसके सेवन से कोरोना संक्रमण का खतरा कई गुना च्यादा हो जाता है। इसीलिए चिकित्सकों के सुझाव पर लोगों से कश न लगाने की की राह अपना ली थी। तमाम इसके शौकीनों ने अपनी इच्छा को दबा ली थी। उनका धुआं उड़ाने का शौक धुआं-धुआं हो गया था। हालांकि चोरी-छिपे कुछ विक्रेता यह जहर बेचने एवं कुछ लोग खरीदने से बाज नहीं आ रहे थे। प्रत्यक्ष रूप में पान दरीबा बाजार में 200 दुकानदार होलसेल के व्यापार से जुटे हैं। इसके अलावा रिटेल में पान दुकान करीब 25 हजार होगी।

200 की जगह 20 रुपये में बिकने लगा पान

लॉकडाडन में छूट मिलने के कारण लोग पान खा तो रहे हैं लेकिन मीठा ही। बिना जर्दा, सुपारी, कत्था-चूना के ही लोगों में पान का आनंद लेने का ट्रेंड बढ़ा है। इसके कारण पान का कारोबार तो लगभग चल पड़ा है। लॉकडाउन से पहले एक ढोली पान करीब 150-200 रुपये में बिकता था, जिसमें 150-200 पान के पत्ते रहते थे। वहीं लॉकडाउन में 10 से 20 रुपये ढोली बिकने लगा।

कारोबार के फिर से गति पकड़ने की संभावना

वाराणसी पान मैटेरियल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सैयद जावेद का कहना है कि मंडी में प्रतिदिन करीब एक करोड़ के सिगरेट, बीड़ी, व मसाले बिक जाते थे। इसके साथ ही करीब एक करोड़ रुपये का ही पान, जर्दा, कत्था, चूना का भी कारोबार था। लॉकडाउन के कारण इस पर काफी प्रभाव पड़ा। करीब 300 दुकानदारों के लगभग दो-दो लाख के पान सड़ गए। अब छूट मिलने से इस कारोबार के फिर से गति पकड़ने की संभावना है।


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