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लाॅकडाउन नहीं डाल सका 14 वर्षीय अनुष्ठान में विघ्न, 10 वर्ष से रामचरित मानस का पाठ जारी

गाजीपुर के भीमापार बाजार स्थित मां भीमा देवी दुर्गा मंदिर के पुजारी आचार्य राजकुमार पांडेय जिनके 14 वर्षीय रामचरित मानस अनुष्ठान में लाकडाउन भी विघ्न नहीं डाल सका।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 17 May 2020 09:05 PM (IST)Updated: Sun, 17 May 2020 11:29 PM (IST)
लाॅकडाउन नहीं डाल सका 14 वर्षीय अनुष्ठान में विघ्न, 10 वर्ष से रामचरित मानस का पाठ जारी
लाॅकडाउन नहीं डाल सका 14 वर्षीय अनुष्ठान में विघ्न, 10 वर्ष से रामचरित मानस का पाठ जारी

गाजीपुर [आशुतोष प्रकाश जायसवाल]। इस वैश्विक कोरोना महामारी के संकट काल में जहां लोग तरह-तरह के परेशानियों से जूझ रहे हैं, वहीं समाज में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो इस समय भी मानव कल्याण को लिया गया संकल्प पूरी दृढ़ता से पूरा कर रहे हैं। ऐसे ही हैं भीष्म रूपी संकल्प लिए सादात ब्लाक के भीमापार बाजार स्थित मां भीमा देवी दुर्गा मंदिर के पुजारी आचार्य राजकुमार पांडेय, जिनके 14 वर्षीय रामचरित मानस अनुष्ठान में लाकडाउन भी विघ्न नहीं डाल सका। यह आज भी अनवरत जारी है।

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लाॅकडाउन में वह अपने परिवार के सदस्यों व छोटी बेटियों के साथ इस महाअनुष्ठान को पूरा करने में लगे हैं।    आचार्य राजकुमार पांडेय ने मां दुर्गा मंदिर परिसर में ही 14 वर्ष तीन महीने तीन दिन रामचरित मानस पाठ कराने का संकल्प लिया है। यह रामचरितमानस पाठ चार अप्रैल वर्ष 2011 दिन सोमवार से शुरू हुआ जो आज तक अनवरत चल रहा है। इसे सात जुलाई 2025 तक चलना है। इस मानस पाठ में भीमापार बाजार सहित दूर-दराज से प्रतिदिन कई लोग आकर भागीदारी करते थे लेकिन लाकडाउन जैसे ही हुआ इस मंदिर पर लोगों का आवागमन पूर्णतया बंद हो गया। बाहर के श्रद्धालु व मानस भक्त के नहीं आने से रामचरित मानस पाठ को पूरा करना कठिन हो गया।

बीते चार अप्रैल को मानस पाठ का नौ वर्ष अनवरत रूप से पूर्ण होकर दसवें वर्ष की शुरुआत हो गई। आचार्य राजकुमार पांडेय ने बताया कि इस संकट में अब हमारे दो ही रास्ते बचे थे, या तो इस मानस पाठ का महाव्रत बीच में खंडित कर दूं या जैसे-तैसे परिवार के सहयोग से पूरा करूं। अब अपने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर इस अनुष्ठान को पूरा कर रहे हैं। 75 वर्षीय वयोवृद्ध पिता मन्नीदास पांडेय, 12 वर्षीय बड़ी बेटी विशाखा पांडेय, नौ वर्षीय पुत्री अनुराधा पांडेय, सात वर्षीय पुत्र विनायक पांडेय व 18 वर्षीय भतीजा नीरज पांडेय आदि के अलावा पत्नी रंभा पांडेय सहित दो तीन निकटस्थ लोगों के सहयोग से मानस पाठ अनवरत जारी है।

दसवें वर्ष में प्रवेश कर चुके इस रामचरित मानस पाठ के सातों कांड को अब तक कुल 1777 बार बांचा जा चुका है। राजकुमार पांडेय के मुताबिक एक बार मानस पाठ को पूरा करने में करीब 46 से 48 घंटे लगते हैं। बताया कि इस मानस पाठ को शुरू करने में व बीच-बीच में बहुत सी परेशानियां आईं लेकिन समय-समय पर दैवीय शक्तियों के आशीर्वाद से सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। बताया कि इस लाकडाउन में एक समय ऐसा लगा कि अब मानस पाठ नहीं हो सकता है लेकिन प्रभु पर भरोसा व उनके आशीर्वाद रूपी राम कीन्ह चाहहिं सोई होई, करै अन्यथा अस नहिं कोई को मानकर इसे उन्हीं पर छोड़ दिया हूं।


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