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Coronavirus Varanasi City News Update : 161 नए संक्रमित मिले, मरीजों की संख्या 4716

बीएचयू लैब से सोमवार को प्राप्त रिपोर्ट में कोरोना संक्रमण के 161 नए संक्रमितों की पहचान हुई है। जिसके बाद जिले में कोरोना मरीजों की संख्या 4716 हो गयी है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 10 Aug 2020 11:07 AM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2020 12:09 AM (IST)
Coronavirus Varanasi City News Update : 161 नए संक्रमित मिले, मरीजों की संख्या 4716
Coronavirus Varanasi City News Update : 161 नए संक्रमित मिले, मरीजों की संख्या 4716

वाराणसी, जेएनएन। बीएचयू लैब से सोमवार को  प्राप्त रिपोर्ट में कोरोना संक्रमण के 161 नए संक्रमितों की पहचान हुई है। जिसके बाद जिले में कोरोना मरीजों की संख्या 4716 हो गयी है। वाराणसी में अब तक कुल 2930 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। आज इस बीमारी से 3 और लोगों की मौत हुई है। जिले में कुल 85 लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है। वर्तमान में जिले में एक्टिव कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 1701 है। एडीएम प्रशासन ने दो दिन पहले अपना सैंपल जांच के लिए दिया था। सूत्रों के मुताबिक इसके बाद भी वे लगातार बैठकें लेते रहे। एडीएम सिटी सहित कई अन्य प्रशासनिक अधिकारी उनके सीधे संपर्क में थे। कांटेक्ट ट्रेसिंग के तहत अब सभी की जांच की जाएगी।

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उधर, उनके कोरोना पॉजिटिव होने के बाद कलेक्ट्रेट परिसर को दो दिन के लिए सील कर दिया गया है। तेजी से फैल रहे संक्रमण के बीच जिले में अब कुल कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 4555 हो गई है। वहीं इनमें से 2755 मरीज ठीक होकर अपने घरों को जा चुके हैं। जबकि बीएचयू लेवल-थ्री हॉस्पिटल में इलाज के दौरान नई सड़क निवासी 56 वर्षीय पुरुष व चिराहूपुर सारनाथ निवासिनी 32 वर्षीय महिला ने दम तोड़ दिया। जिले में अब कुल 1719 सक्रिय कोरोना मरीज हैं। अब तक कुल 66802 सैंपल लिए गए, जिनमें से 57756 की रिपोर्ट आ चुकी है। इनमें से 4555 पॉजिटिव व 53201 निगेटिव रहे। वहीं 8356 सैंपलों की रिपोर्ट आनी बाकी है।

सिगरा थाना क्षेत्र में हुई है सबसे अधिक मौतें

जिले में कोरेाना से छह अगस्त तक हुई मौतों में सबसे अधिक सिगरा थाना क्षेत्र में हुई हैं। कुल 76 मौतों में से 41 मौतें सिगरा, कैंट, चौक, मंडुआडीह, भेलूपुर व लंका थाना क्षेत्रों में हुई हैं। इन थाना क्षेत्रों की पीएचसी पर अब सर्वाधिक पॉजिटिव केस आ रहे हैं। इसलिए इन थाना क्षेत्र के निवासियों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। किसी भी व्यक्ति में लक्षण दिखे तो ईएसआइसी अस्पताल या नजदीकी पीएचसी में जाकर जांच जरूर कराएं। साथ ही डाक्टर की सलाह पर एंटी बायोटिक का कोर्स शुरू कर दें।

लक्षण दिखने  पर शुरू कर दें इलाज

बढ़ते कोरोना मामलों के बीच यह बात जिला प्रशासन के सामने आई कि लक्षण दिखने के बाद जांच कराने और रिपोर्ट मिलने में काफी विलंब हो रहा है। यह मरीज के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। इसलिए जिन लोगों में भी लक्षण दिखे, उसे फौरन जांच करानी चाहिए। जांच का सैंपल देने के साथ ही उसको अपना इलाज भी शुरू कर देना चाहिए। इसमें लिए रिजल्ट का इंतजार न किया जाए। अक्सर देखा गया है कि इलाज में देरी की वजह से व्यक्ति की तबीयत इतनी अधिक खराब हो जाती है कि उसके फेफड़े कोरोना से प्रभावित होने लगते हैं, जिसके बाद उसे सीधे वेंटिलेटर पर ले जाना पड़ता है। ऐसी स्थिति में भी उसकी स्थिति नहीं सुधरती और अस्पताल पहुंचने के दो-तीन दिन के भीतर ही व्यक्ति दम तोड़ देता है।

व्यापारिक गतिविधयों से जुड़े लोग ज्यादा प्रभावित

जिले में कुल कोरोना पॉजिटिव मामले में से करीब 50 फीसद मरीज व्यापारिक गतिविधयों से जुड़े हैं। दरअसल, दुकानदार या अन्य प्रकार के व्यापार से जुड़े व्यक्ति अधिक लोगों के संपर्क में आते हैं और उन्हें कोरोना होने की आशंका भी सबसे अधिक होती है। दुकानों पर शारीरिक दूरी के नियम का पालन न होना व मास्क को लेकर कोताही असका प्रमुख कारण है। इन आंकड़ों के हिसाब से बाजार या दुकानों में जरा सी भी लापरवाही होने से कोरोना के मामले तत्काल बढ़ जाएंगे। शहर के लंका, कैंट, सिगरा, मंडुवाडीह, भेलूपुर थाना क्षेत्रों में विशेष रूप से ऐसे केस में बढ़ोतरी हुई है। व्यापारिक समूह में भी इसी क्षेत्र से सबसे ज्यादा कोरोना पॉजिटिव केस निकले हैं। मौतों का आंकड़ा देंखें तो ७४ में से ३३ यानी करीब ४० फीसद व्यापारिक समुदाय से हैं। इसलिए इस वर्ग को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। व्यापार मंडल के माध्यम से प्रशासन सभी व्यापारियों का टेस्ट कराना चाहता है। इसके लिए क्षेत्रवार प्लान बनाया जाएगा। पहले चरण में लंका, भेलूपुर, कैंट, सिगरा थाना क्षेत्र कवर किये जाएंगे। जो भी व्यापारी कोरोना पॉजिटिव निकलेंगे उनका तत्काल इलाज शुरू कर दिया जाएगा। 

लापरवाही बरतने वाले दो प्रभारी चिकित्साधिकारियों को कारण बताओ नोटिस

कैंप कार्यालय में कोविड कार्यों की समीक्षा के दौरान रविवार को जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कोविड कार्यों में लापरवाही, समय से कांटेक्ट ट्रेसिंग एवं सैंपलिंग में कोताही तथा समय से डाटा फीड न करने पर दो प्रभारी चिकित्साधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कारने का निर्देश दिया। सीएमओ डा. वीबी सिंह को निर्देशित करते हुए कहा कि कोनिया शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. रेणु सिन्हा व बजरडीहा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. अर्चन सिंह के खिलाफ अन्य अनुशासनात्मक कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाए।

जिलाधिकारी ने सीएमओ व अपर मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा लिए गए निर्णय एवं विगत सात अगस्त को समाचार पत्रों में प्रकाशित विज्ञापन के क्रम में आइएमए से उनके सदस्य चिकित्सकों एवं निजी अस्पतालों के चिकित्सकों की सूची बनाकर वॉक-इन-इंटरव्यू कराते हुए उनकी कोरोना में ड्यूटी सुनिश्चित की जाए। ज्ञात हो कि आइएमए अध्यक्ष व मानद सचिव ने अपने विगत तीन अगस्त को भेजे गए पत्र में जिलाधिकारी को प्रस्ताव दिया था कि समुचित पारिश्रमिक के आधार पर आइएमए के सदस्य कोविड-19 के तहत अपनी सेवा दे सकते हैं। इस दौरान जिलाधिकारी ने जनपद में संचालित नर्सिंग कालेज व पैरामेडिकल कालेज संचालकों से नर्सिंग, एएनएम, लैब टेक्नीशियन और लैब लैब असिस्टेंट कोर्स में अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं की सूची तैयार करने का भी निर्देश दिया, ताकि कम्यूनिटी सर्विस के तहत तत्काल उनका सहयोग लिया जा सके।

20 मिनट के भीतर मरीज को किया जाए भर्ती

जिलाधिकारी ने दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय के अधीक्षक को निर्देशित किया कि कोविड मरीजों के एंबुलेंस से वहां पहुंचने पर 15 से 20 मिनट मिनट के भीतर भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित करें। साथ ही तत्काल उनके उपचार की मुकम्मल व्यवस्था भी की जाए। डीएम ने अधीक्षक को अस्पताल में लगे वाटर प्यूरीफायरों को तत्काल सही कराने का निर्देश भी दिया। कहा अस्पताल में हाल ही में स्थापित फायर फाइटिंग सिस्टम जो अभी तक कार्यरत नहीं है, उसके लिए संबंधित निर्माण एजेंसी सी एंड डीएस से वार्ता कर जल्द से जल्द क्रियाशील कराया जाए। साथ ही अस्पताल में कोविड मरीजों के खानपान की व्यवस्था को स्वयं अपने निर्देशन में बेहतर करें। डीएम ने कहा कि छह शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कोविड-19 के सैंपलिंग कार्य में तेजी लाने के साथ स्वास्थ्य केंद्रों पर पांच-पांच अतिरिक्त लैब टेक्नीशियन लगाए जाएं।


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