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Live Coronavirus Varanasi city news Update : दोपहर तक वाराणसी में 39 नये कोरोना संक्रमित मरीज मिले

पिछले महीने ट्रामा सेंटर बीएचयू में भर्ती हुए तीन मरीजों के कारण अब यहां के डाक्टर से लेकर पैरामेडिकल स्टाफ में कोरोना संक्रमण का खतरा मंडराने लगा है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 02 Aug 2020 11:19 AM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2020 02:14 PM (IST)
Live Coronavirus Varanasi city news Update : दोपहर तक वाराणसी में 39 नये कोरोना संक्रमित मरीज मिले
Live Coronavirus Varanasi city news Update : दोपहर तक वाराणसी में 39 नये कोरोना संक्रमित मरीज मिले

वाराणसी, जेएनएन। जिले में रविवार को दोपहर तक 39 नये कोरोना वायरस संक्रमित मरीज मिले। इसके साथ ही जिले में एक्टिव कोरोना मरीजों की संख्या 1794 हो गई है। शनिवार की शाम से रविवार को दोपहर तक बीएचयू लैब से प्राप्त 219 रिपोर्ट में से 39 नये कोरोना संक्रमित मरीज पाये गये। इस प्रकार वाराणसी जनपद में कुल कोरोना मरीजों की संख्या 2988 हो गई है। जबकि 1135 मरीज स्वस्थ होकर अपने अपने घरों के लिए डिस्चार्ज हो चुके हैं। वर्तमान में एक्टिव कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 1794 है। जबकि 59 लोगों की अब तक मृत्यु हो चुकी है।

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वहीं दूसरी ओर पिछले महीने ट्रामा सेंटर, बीएचयू में भर्ती हुए तीन मरीजों के कारण अब यहां के डाक्टर से लेकर पैरामेडिकल स्टाफ में कोरोना संक्रमण का खतरा मंडराने लगा है। तीनों मरीज की रिपोर्ट छह दिन बाद पॉजिटिव मिली थी। इस दौरान न सिर्फ उनका ऑपरेशन किया गया, बल्कि पोस्ट ओटी वार्ड व जनरल वार्ड में इलाज भी चला। छह दिन में कई डाक्टर, जूनियर डाक्टर व नर्सिंग स्टाफ मरीजों के संपर्क में रहे थे। 

ट्रामा सेंटर में भर्ती तीन में से दो मरीजों को बीएचयू अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया, जबकि मीरजापुर के मरीज की मौत हो गई थी। सूत्रों के मुताबिक इन सबके बावजूद न तो संपर्क में आए लोगों की ट्रेसिंग कराई गई और न ही जांच। अब यही लापरवाही रेजिडेंट डॉक्टरों में कोरोना संक्रमण का कारण बन रही है। वहीं अस्थि रोग विभाग के एक जूनियर रेजिडेंट में कोरोना की पुष्टि होने पर उसके साथ के 13 अन्य जूनियर रेजिडेंट को एहतियातन क्वारंटाइन कर दिया गया। इसका हवाला देेते हुए विभागाध्यक्ष ने आर्थोपेडिक इमरजेंसी ओटी अस्थाई रूप से रोकने की मांग थी, जिसे ट्रामा सेंटर के प्रोफेसर इंचार्ज ने हालात के मद्देनजर स्वीकार कर लिया। सूत्रों की मानें तो ट्रामा सेंटर में आर्थोपेडिक इमरजेंसी ओपीडी व ओटी हाइवे स्थित एक निजी चिकित्सालय को लाभ पहुंचाने के लिए जानबूझ कर बंद कराई गई है। 

कहां से हुआ संक्रमित, नहीं हो रही पुष्टि 

प्रोफेसर इंचार्ज के मुताबिक अस्थि रोग विभाग का जूनियर रेजिडेंट कहां और किन परिस्थितियों में संक्रमित हुआ, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। आर्थोपेडिक वार्ड में भर्ती मरीजों की भी जांच की गई, मगर इनमें से कोई भी कोरोना संक्रमित नहीं मिला। 

इमरजेंसी रूम में उपचार के बाद रेफर किए जा रहे मरीज

ट्रामा सेंटर आने वाले सभी मरीजों को स्क्रीनिंग एरिया से गुजरना होता है। कोरोना संक्रमण की आशंका पर मरीज को होल्डिंग एरिया में रखा जाता है, और उसकी कोरोना जांच की जाती है। रिपोर्ट निगेटिव आने पर ट्रामा सेंटर व पॉजिटिव आने पर बीएचयू अस्पताल में आइसोलेशन में मरीज का इलाज किया जाता है। आर्थोपेडिक के मरीजों को इमरजेंसी कक्ष में ही प्राथमिक उपचार कर जिला अस्पताल रेफर किया जा रहा है। नए मरीज भर्ती नहीं लिए जा रहे, वहीं पहले से भर्ती मरीजों का इलाज जारी है। इसके अलावा न्यूरोसर्जरी, जनरल सर्जरी व प्लास्टिक सर्जरी में पहले की तरह ही चिकित्सीय सेवाएं उपलब्ध हैं। 

- प्रो. एसके गुप्ता, प्रोफेसर इंचार्ज-ट्रामा सेंटर, बीएचयू।  


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