Coronavirus Varanasi City News Update : 160 नए संक्रमित मिले, 261 पुराने मरीज हुए ठीक
बीएचयू लैब से मंगलवार को प्राप्त रिपोर्ट में कोरोना संक्रमण के 160 नए संक्रमितों की पहचान हुई है। 261 पुराने मरीज ठीक हो गए और उन्हें डिचार्ज कर दिया गया।
वाराणसी, जेएनएन। बीएचयू लैब से मंगलवार को प्राप्त रिपोर्ट में कोरोना संक्रमण के 160 नए संक्रमितों की पहचान हुई है। 261 पुराने मरीज ठीक हो गए और उन्हें डिचार्ज कर दिया गया। आज इस बीमारी से तीन और लोगों की मौत हुई है। जिले में कुल 88 लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है।
अब शिक्षा विभाग कोरोना पॉजिटिव के संपर्कियों को खिलाएगा आईवर्मेक्टिन दवा
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कोरोना से जारी जंग में कोविड पॉजिटिव मरीजों के संपर्कियों की खोज करने व उन्हें तत्काल आईवर्मेक्टिन दवा उपलब्ध कराने की पहल की है। इसके लिए शिक्षा विभाग की 102 टीमें गठित करने के अलावा आपूर्ति विभाग, सिविल डिफेंस व रेलवे की भी मदद ली जाएगी।
बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक भी कोविड रैपिड रिस्पोंस टीम में कार्य करते हुए कोरोना पॉ•िाटिव मरीजों के निकट संपर्कियों की सूची तैयार करेंगे और उन्हें आईवर्मेक्टिन की गोली भी उपलब्ध कराएंगे। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग के स्टेट रिसोर्स ग्रुप (एसआरजी) और एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) शिक्षकों की 2 सदस्यीय कुल 102 टीमें गठित की गईं हैं। जिलाधिकारी ने बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश ङ्क्षसह के नेतृत्व में जिला समन्वयक भोला विश्वकर्मा एवं खंड शिक्षा अधिकारी जितेंद्र गौड़ को टीम सदस्यों के प्रशिक्षण, दैनिक कार्य एवं कार्य उपरांत रिपोर्टिंग की निगरानी और पर्यवेक्षण का दायित्व दिया है। यह सभी टीमें 11 अगस्त से आवंटित क्षेत्रों में कार्य करेंगी। जिलाधिकारी ने टीम को 10,500 व्यक्तियों के लिए आईवर्मेक्टिन की 84,000 गोलियां प्रदान की है। डीएम ने स्वयं अपने नेतृत्व में सिगरा स्थित कोविड कमांड/कंट्रोल सेंटर में 102 टीमों के लीडर्स को प्रशिक्षण प्रदान कराया और निर्देशित किया कि कोरोना पॉ•िाटिव मरीजों के निकट संपर्कियों का सर्वे कर उन्हें आईवर्मेक्टिन दवा खिलाने में तैनात सभी टीमें तत्परता से कार्य करें। साथ ही इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही और शिथिलता न बरतने की हिदायत की।
डीएम ने जिला आपूर्ति विभाग, सिविल डिफेंस, उत्तर रेलवे व सनबीम एवं डीपीएस ग्रुप के स्कूलों के माध्यम से सर्विलांस में निकले 6000 जरूरतमंद व्यक्तियों के लिए आईवर्मेक्टिन दवा की 48,000 गोलियां उपलब्ध कराईं। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी (आपूर्ति) नलनी कांत, उप-जिलाधिकारी विनय ङ्क्षसह, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. संजय राय, बेसिक शिक्षा अधिकारी आदि थे।
सिगरा थाना क्षेत्र में हुई है सबसे अधिक मौतें
जिले में कोरेाना से छह अगस्त तक हुई मौतों में सबसे अधिक सिगरा थाना क्षेत्र में हुई हैं। कुल 76 मौतों में से 41 मौतें सिगरा, कैंट, चौक, मंडुआडीह, भेलूपुर व लंका थाना क्षेत्रों में हुई हैं। इन थाना क्षेत्रों की पीएचसी पर अब सर्वाधिक पॉजिटिव केस आ रहे हैं। इसलिए इन थाना क्षेत्र के निवासियों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। किसी भी व्यक्ति में लक्षण दिखे तो ईएसआइसी अस्पताल या नजदीकी पीएचसी में जाकर जांच जरूर कराएं। साथ ही डाक्टर की सलाह पर एंटी बायोटिक का कोर्स शुरू कर दें।
लक्षण दिखने पर शुरू कर दें इलाज
बढ़ते कोरोना मामलों के बीच यह बात जिला प्रशासन के सामने आई कि लक्षण दिखने के बाद जांच कराने और रिपोर्ट मिलने में काफी विलंब हो रहा है। यह मरीज के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। इसलिए जिन लोगों में भी लक्षण दिखे, उसे फौरन जांच करानी चाहिए। जांच का सैंपल देने के साथ ही उसको अपना इलाज भी शुरू कर देना चाहिए। इसमें लिए रिजल्ट का इंतजार न किया जाए। अक्सर देखा गया है कि इलाज में देरी की वजह से व्यक्ति की तबीयत इतनी अधिक खराब हो जाती है कि उसके फेफड़े कोरोना से प्रभावित होने लगते हैं, जिसके बाद उसे सीधे वेंटिलेटर पर ले जाना पड़ता है। ऐसी स्थिति में भी उसकी स्थिति नहीं सुधरती और अस्पताल पहुंचने के दो-तीन दिन के भीतर ही व्यक्ति दम तोड़ देता है।