पांच लाख के लिए LIC AGENT की हुई थी हत्या, सुराग मिटाने के लिए दो दोस्तों को मारा
वाराणसी मेंपिछले साल अक्टूबर में एलआइसी एजेंट के अपहरण और हत्या समेत ट्रिपल मर्डर का मामला उजागर हो गया। एजेंट की हत्या उसके खाते में आए पांच लाख रुपयों के लिए हुई थी।
वाराणसी, जेएनएन। पिछले साल अक्टूबर में एलआइसी एजेंट के अपहरण और हत्या समेत ट्रिपल मर्डर का मामला गुरुवार को उजागर हो गया। एजेंट की हत्या उसके खाते में आए पांच लाख रुपयों के लिए हुई थी। हत्या का सुराग मिटाने के लिए फिल्मी स्टाइल में दो दोस्तों को भी मार दिया गया। पुलिस ने मामले में सीरियल किलर समेत छह आरोपितों को गिरफ्तार किया है, जबकि दो फरार हैं। मृतक बृजेश का मोबाइल, हत्या में प्रयुक्त बाइक, मृतक सुमित श्रीवास्तव का मोबाइल, घटना में प्रयुक्त बाइक व कार और दो लाख 48 हजार रुपये बरामद किया गया है।
पुलिस यातायात लाइन के ऑडिटोरियम भवन में आयोजित पे्रेस कांफ्रेंस में एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि 23 अक्टूबर, 2019 को थाना मंडुवाडीह पर सुमित श्रीवास्तव नाम के व्यक्ति की गुमशुदगी लिखी गई। पुलिस ने उसके बैंक एकाउंट की जानकारी ली तो मालूम हुआ कि उसको पांच लाख रुपये का लोन एक्सिस बैंक से प्राप्त हुआ है। यह भी पता चला कि उसके गुमशुदा होने के बाद भी उसके एकाउंट से पैसों का लेन-देन अन्य खातों में हुआ है। साथ ही उसके एटीएम व पेटीएम का प्र्रयोग किया गया है। सुमित के खाते से रुपये का लेन-देन राजू के एकाउंट में और राजू के खाते से उस रुपये को बृजेश विश्वकर्मा के एकाउंट में भी भेजा गया है। पुलिस ने पता किया तो मालूम हुआ कि बृजेश विश्वकर्मा राजातालाब रोहनिया का रहने वाला है। इसके बाद थाना रोहनिया व मंडुवाडीह से दो टीमों का गठन किया गया। सुमित श्रीवास्तव को पांच लाख रुपये का लोन प्राप्त होने की जानकारी उसके ही एक मित्र नीलकंठ जायसवाल को थी। नीलकंठ ने दोस्त अभिषेक जायसवाल के साथ मिलकर पैसे हड़पने की साजिश की। इसके बाद उसने सौरभ, विकास पटेल, रामविलास पटेल, पंकज पटेल, शशिकांत को भी लालच देकर अपनी योजना में शामिल कर लिया। इसके बाद अभिषेक ने नीलकंठ से सुमित को विकास के पंप कोरौता थाना लोहता पर लाने के लिए कहा। नीलकंठ 23 अक्टूबर को अपनी मोटरसाइकिल से कबीर चौरा अस्पताल से सुमित को लेकर उस पंप पर पहुंचा। उक्त पंप पर पूर्व से मौजूद सभी आरोपितों ने सुमित श्रीवास्तव की गला दबाकर हत्या कर दी। शव को रामविलास पटेल द्वारा लाई गई कार से राजगढ़ मीरजापुर के जंगल में फेंक दिया गया।
पुलिस छापे से बौखला गए थे आरोपित
इधर बीच पुलिस ने बृजेश के घर पर छापा मारा तो अभिषेक ने बृजेश को फोन किया और उसे राजातालाब बुलाया। अभिषेक, सौरभ और सोनू मोदनवाल अपने साथ बृजेश को लेकर बच्छांंव स्थित गंगा घाट के किनारे गए। यहां बृजेश की भी हत्या कर शव को नदी में फेंक दिया। नौ नवंबर 2019 को बृजेश का शव गंगा किनारे बरामद हुआ। उसके मोबाइल की डिटेल से अभिषेक, सौरभ, राजू व अन्य के बारे में पता चला। एजेंट के खाते से राजू को भी पैसे ट्रांसफर हुए थे। पुलिस राजू की तलाश में लगी। इस पर राजू को पार्टी के बहाने उसी ट््यूबवेल पर बुलाया, जहां सुमित की हत्या की गई थी। ट्यूबवेल के कमरे पर अभिषेक, सौरभ, रामविलास पटेल, विकास पटेल और शशिकांत ने मिलकर राजू की गला दबाकर हत्या कर दी। उसके शव को कार में रखकर चुनार वाले पुल से गंगा नदी में फेंक दिया। बृजेश के मोबाइल की काल डिटेल से मामला परत दर परत खुलता चला गया। पुलिस ने बुधवार को तीनों हत्याओं के मास्टरमाइंड लोहता भिटारी निवासी अभिषेक जायसवाल, लहरतारा बौलिया निवासी बैंककर्मी नीलकंठ जायसवाल, लोहता निवासी राम विलास पटेल, पंकज पटेल, शशिकांत उर्फ जवानी व विकास पटेल को गिरफ्तार कर लिया। हत्याओं में शामिल राजातालाब निवासी सौरभ और सोनू मोदनवाल अभी फरार हैं।