Cigarette Factory की जांच के लिए भेजा गया पत्र, वाराणसी में कारखाना सील करने के बाद शुरू हुई कार्रवाई
सेटिंग के तहत चल रहे नकली ब्रांडेड सिगरेट बनाने के खेल का भंडाफोड़ हो जाने के चार दिन बाद गुरुवार को वाराणसी पुलिस ने फैक्ट्री की जांच करने के लिए संबंधित विभाग को पत्र भेजा।
वाराणसी, जेएनएन। सेटिंग के तहत चल रहे नकली ब्रांडेड सिगरेट बनाने के खेल का भंडाफोड़ हो जाने के चार दिन बाद गुरुवार को मिर्जामुराद पुलिस ने फैक्ट्री की जांच करने के लिए संबंधित विभाग को पत्र भेजा। मिर्जामुराद थाना के कार्यवाहक प्रभारी राधेश्याम ने बताया कि उच्चाधिकारियों के निर्देश पर नकली सिगरेट फैक्ट्री की जांच के लिए नारकोटिक्स व उद्योग विभाग को मौके पर आकर जांच करने के लिए पत्र लिखा गया है। विभागीय जांच रिपोर्ट व तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस द्वारा आगे की कारवाई करेगी।
बताते चलें कि मिर्जामुराद कस्बा के निकट राने चट्टी पर ज्ञानपुर नहर किनारे स्थित एक किराए के मकान में एक माह से ब्रांडेड नकली सिगरेट बनाने की सूचना पर बीते रविवार की रात सीओ (बड़ागांव), तहसीलदार (राजातालाब) व थाना प्रभारी ने मयफोर्स ऑटोमेटेड प्लांट के अंदर छापेमारी की थी। प्लांट के अंदर मशीन से सिगरेट बनाया जा रहा था। पुलिस को देख मजदूर खिसक गए। प्लांट के अंदर से पीएफ-10, गोल्ड प्रीमियम, टोटल, मैक्स, पेरिस समेत अन्य ब्रांड के सिगरेट रैपर व कच्चा माल बरामद हुए थे। एक प्लांट के अंदर से कई ब्रांडेड रैपर मिलने से नकली सिगरेट के कारोबार का खेल सामने आया था। प्लांट समेत कुछ दूरी पर स्थित गोदाम को सील करने के साथ ही एक ढाबा पर बोरे में रखे सुर्ती को सीज किया गया था। मजे कि बात यह कि प्लांट के गेट पर किसी ब्रांड का कोई बोर्ड भी नहीं लगा था और न ही कंपनी का नाम लिखा था। मंडुवाडीह थाना क्षेत्र में भी पिछले वर्ष 30 अगस्त को इसी तरह की नकली सिगरेट बनाने की एक फैक्ट्री पकड़ी गई थी। कंपनी का मामला भभुआ-बिहार से जुड़ा था। मिर्जामुराद की फैक्ट्री का मामला भी भभुआ-बिहार से ही जुड़ा है। जांच में अभी तक जो कागजात मिले हैं सभी बिहार के ही मिले हैं।