आर-पार की लड़ाई को फिर विरोध में उतरे लेखपाल, जनपद की तीनों तहसीलों के लेखपाल जुटे सदर में, दिया धरना
सरकार पर उपेक्षात्मक रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए लेखपाल एक बार फिर विरोध में उतर गए। जनपद की तीनों तहसीलों के लेखपाल सोमवार को सदर तहसील में इकट्ठा हुए।
वाराणसी, जेएनएन। सरकार पर उपेक्षात्मक रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए लेखपाल एक बार फिर विरोध में उतर गए। जनपद की तीनों तहसीलों के लेखपाल सोमवार को सदर तहसील में इकट्ठा हुए और आर-पार की लड़ाई की हुंकार भरी। इस वजह से राजस्व से संबंधित सरकारी कार्य ठप रहे।
लेखपाल संवर्ग आठ सूत्री मांगों को लेकर पिछले सप्ताह हड़ताल पर रहा। इसके बावजूद सरकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। इससे लेखपालों का आक्रोश और भी बढ़ गया। उन्होंने एक बार फिर विरोध करने के लिए मैदान में उतरने का निर्णय लिया। प्रांतीय कार्यकारिणी के आह्वान पर सदर तहसील के लेखपालों ने जिला अध्यक्ष उमाशंकर सिंह के नेतृत्व में धरना दिया। सभा कर सभी ने आर-पार की लड़ाई लडऩे का निर्णय लिया।
लेखपालों ने चेतावनी दिया कि जब तक उनकी आठ सूत्री मांग पूरी नहीं होगी वे अपनी मांगों पर डटे रहेंगे। सभा का संचालन शिवशंकर चौबे ने किया। इस दौरान आयोजित सभा को आशीष वर्मा, अशोक सिंह, मान सिंह, संतोष पटेल आदि ने संबोधित किया।
लेखपालों की प्रमुख मांगें
- एपीसी की विसंगतियों को दूर किया जाए।
- कार्यों में वृद्धि के कारण प्रारंभिक वेतन ग्रेड पे बढ़ा कर 2800 किया जाए।
- लेखपालों को पदोन्नति एवं विभागीय परीक्षा के माध्यम से अवसर मिले।
- 2003 में चयनित लेखपालों को भी पुरानी पेंशन में शामिल किया जाए।
- मुख्य सचिव राजस्व की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार भत्तों में वृद्धि हो।
- लेखपालों का पदनाम बदल कर प्रस्तावित राजस्व उपनिरीक्षक किया जाए।
- किसान सम्मान निधि के क्रियान्वयन में लेखपालों को प्रशासनिक व्यय, इंसेंटिव हेतु प्रति खाता 18 रुपये भुगतान किया जाए।