गंगा का जलस्तर बढ़ा, देर रात घाटों का आपसी संपर्क भी कटा, बढ़ी चिंता
वाराणसी में गंगा नदी में उफान से देर रात घाटों का आपसी संपर्क कट गया।
वाराणसी : आखिरकार गंगा की लहरों ने आधी रात से पहले ही विभिन्न घाटों का आपसी संपर्क काट ही दिया। अब गंगा में उफान से वरुणा में भी पलट प्रवाह की आशंका है जिससे वरुणा के किनारे बसे लोगों की बाढ़ की जद में आने की संभावना बढ़ गई है। जिससे देर रात को गंगा ही नहीं बल्कि वरुणा के किनारे रहने वालों ने भी रातें जाग कर काटीं कि कहीं नदी का रुख और भी तल्ख न हो जाए।
गंगा बेसिन और सहायक नदियों के इलाकों से लेकर पहाड़ों तक पर तेज बारिश का असर अब गंगा में दिखने लगा है। बनारस में जलस्तर बढ़ने से गंगा घाटों की सीढि़या और मंदिर पानी में डूबने लगे हैं। सीढि़यों पर दुकान लगाने वाले लोग अब ऊपर उठने लगे हैं। पंडे भी अपनी चौकियां हटाने में जुटे हैं। शुक्रवार शाम से गंगा के जलस्तर में सातसेंटीमीटर प्रति घटे की रफ्तार से बढ़ाव दर्ज किया गया जो शनिवार को भी बरकरार रहा।
केंद्रीय जल आयोग के आकड़ों के मुताबिक सोमवार को गंगा का जलस्तर 58.64 मीटर था। शनिवार को 63.760 मीटर रिकॉर्ड किया गया। जलस्तर तेजी से बढ़ने से गंगा घाटों की कई सीढि़या जलमग्न हो चुकी हैं।
जलस्तर तेजी से बढ़ने के चलते घाटों पर पंडों की चौकिया ऊपर की ओर खिसकने लगी हैं। वहीं मल्लाहों ने अपनी नौकाओं की निगरानी बढ़ा दी है। छोटी नावों को किनारे बाध दिया है। जलस्तर बढ़ने के दौरान गंगा के प्रवाह में तीव्रता न होने के कारण मल्लाहों का मानना है कि रात में अचानक और जलस्तर में वृद्धि हो सकती है।
अब गंगा आरती स्थल भी डूबने की वजह से गंगा आरती का स्थल भी ऊंचे स्थान पर कर दिया गया है। जबकि अगले दो दिनों में गंगा की गति को देखते हुए सुरक्षा कारणों से नावों के संचालन पर भी रोक लगाने की तैयारी की जा चुकी है। इस दौरान अब घाटों से नदी का रुख करने के लिए लोगों को अलर्ट भी किया गया है। गंगा के रुख को देखते हुए अब जल पुलिस भी सतर्क हो गई है।