रोजगार से जोड़ेगा नई शिक्षा नीति, स्नातक छात्रों को अंतिम छह माह व्यवसायिक प्रशिक्षण : नीलिमा कटियार
उच्च विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री नीलिमा कटियार ने कहा कि नई शिक्षा नीति युवाओं की ऊर्जा को आगे बढ़ाने वाला होगा।
वाराणसी, जेएनएन। उच्च विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री नीलिमा कटियार ने कहा कि नई शिक्षा नीति युवाओं की ऊर्जा को आगे बढ़ाने वाला होगा। इसका प्रारुप भी बनकर लगभग तैयार है। नई शिक्षा नीति जल्द ही आपके सामने मौजूद होगी। इसमें स्नातक करने वाले छात्रों को अंतिम छ्ह माह तक व्यावसायिक प्रशिक्षण देने का प्रावधान किया गया है ताकि युवाओं को कौशल विकास के जरिए रोजगार से जोड़ा जा सके। इस प्रकार नई शिक्षा नीति युवाओं को ज्ञान और विवेकी बनाने के साथ-साथ राेजगार से जोड़ने वाला भी होगा।
वह सोमवार को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के शताब्दी समारोह के तहत आयोजित 'विद्यापीठ की गौरवशाली यात्रा : एक झलक' नामक समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहीं थी। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के मसौदे के लिए लगभग चार लाख से अधिक लोगों के सुझाव आए थे। उन सभी को ध्यान में रखते हए नई शिक्षा नीति में एक नए भारत की परिकल्पना की गई है। शिक्षा और ज्ञान व्यवसायीकरण की भेंट न चढ़े इसमें इसका भी पूरा-पूरा ध्यान रखा गया है। पर्यावरण, शिक्षा की गुणवत्ता, नए परिवेश के अनुरुप मानव व मानवता के साथ नए तकनीकी से जोड़ा जाय।
इन तमाम वैश्विक चुनौतियों को भी ध्यान में रखा गया । उन्होंने कहा कि काशी विद्यापीठ की स्थापना मानवता व मानवीय मूल्यों के संरक्षण के लिए की गई थी। वैश्विक स्तर पर आज भी यह चुनौती बनी हुई है। इस दिशा में विद्यापीठ को सकारात्मक कदम उठाने की जरूरत है। विशिष्ट अतिथि स्टांप एवं न्याय शुल्क पंजीयन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल ने कहा कि शिक्षा का अर्थ सिर्फ डिग्री हासिल करना नहीं है। शिक्षा का उद्देश्य सोच व विचार में परिवर्तन लाना भी है। युवाओं के सामने वर्तमान में सबसे बड़ी चुनौती रोजगार हैI सरकार सबको नौकरी तो नहीं दे सकती है लेकिन रोजगार उपलब्ध कराने के लिए तमाम मंत्रालय वित्तीय सहयोग कर रही है। युवाओं को इसका लाभ उठाने की जरुरत हैI
उन्होंने विद्यापीठ को राष्ट्रीय महत्व का दर्जा दिलाने के लिए प्रदेश सरकार से एनओसी दिलाने का भी आश्वासन दिया। अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. टीएन सिंह ने कहा कि सूबे में दो संस्थाओं में महिलापीठ स्थापित करने की सैद्धांतिक मंजूरी देती है। उसमें एक महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ भी है। इसका प्रजेंटेशन कल होना है। कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी स्ववित्तपोषित होने के कारण इसका विकास अवरुद्ध है। उन्होंने प्रदेश सरकार से अध्यापकों के पद स्वीकृत करने की भी मांग की। इस दौरान डा. बंशीधर पांडेय ने विद्यापीठ की गौरवशाली परंपरा का बखान किया। स्वागत कुलसचिव डा. एसएल मौर्य, संचालन डॉ. दुर्गेश कुमार उपाध्याय और धन्यवाद ज्ञापन वित्त अधिकारी राधेश्याम ने किया कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से हुआ। वहीं शाम चार बजे से सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया है।