वाराणसी में लंका पुलिस ने वाहन चोरी के गिरोह का किया खुलासा, सात चोरों संग 10 बाइक बरामद
लंका पुलिस ने वाहन चोरी करने वाले एक शातिर गैंग का खुलासा किया है। चारों की निशानदेही पर 10 चोरी की मोटरसाइकिल बरामद हुई। एडीसीपी विकाश चन्द्र त्रिपाठी ने मंगलवार को चोरों को लंका थाने पर मीडिया के सामने पेशकर खुलासा किया।
वाराणसी, जेएनएन। लंका पुलिस ने वाहन चोरी करने वाले एक शातिर गैंग का खुलासा किया है।चारों की निशानदेही पर 10 चोरी की मोटरसाइकिल बरामद हुई। एडीसीपी विकाश चन्द्र त्रिपाठी ने मंगलवार को चोरों को लंका थाने पर मीडिया के सामने पेशकर खुलासा किया। उन्होंने बताया है कि मुखबिर से सूचना मिलने पर सीओ भेलूपुर चक्रपाणि त्रिपाठी के पर्यवेक्षण में इंस्पेक्टर लंका महेश पांडेय,बीएचयू चौकी प्रभारी राजकुमार पांडेय तथा चितईपुर चौकी प्रभारी अर्जुन सिंह सहित टीम के साथ सामनेघाट मुरारी चौक से मलहिया विश्वसुंदरी पुल तक सक्रिय हो गई। इस दौरान तीन चार मोटरसाइकिल आती दिखाई पड़ी। पुलिस को इशारा करने पर सभी भागने लगे। सामनेघाट की तरफ दो तीन मोटरसाइकिल फिसल कर गिर गई।
पुलिस घेराबन्दी कर पकड़ लिया। गैंग का सरगना पंकज पासवान डीढिंखीरी पोस्ट अकोढ़ी दुर्गावती बिहार का रहने वाला है।पंकज ने पुलिस को पूछताछ में बताया है कि भगवानपुर इलाके में वह कमरा किराये पर लेकर रहता है।सप्ताह दो तीन गाड़ियों को चुराता बिहार ले जाकर 4 से 5 हजार रुपये में बेच देता है। चोरी की मोटरसाइकिल से बिहार में शराब की तस्करी करते हैं। पंकज कक्षा 7 वीं तक पढ़ाई करने के बाद काम की तलाश में बनारस आ गया। इसके बाद धीरे धीरे मोटरसाइकिल चोरी करने का मुख्य पेशा बना लिया।केवल लंका इलाके से अभी तक 50 मोटरसाइकिल से अधिक चुराकर बिहार में बेच चुका है। मोहनिया कैमूर के विभिन्न थानों में दर्जनों मोटरसाइकिल पंकज की बेची पकड़ी गई। उसके गैंग के सदस्य बिहार में बन्द है।
पंकज वाहन चोरी करने के लिए अपने टीम का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया है। गाड़ी को चुराने के पहले उसकी फोटो खींचकर ग्रुप में डालता हैं। ग्रुप में खरीदने बेचने और मध्यस्थता करने वाले जुड़े हैं। गाड़ियों की फोटो देखने के बाद उधर हां की हरी झंडी मिलते ही गाड़ी को लेकर निकल जाता। गाड़ी को चुराने के बाद सीधे बिहार में ही जाकर रुकता था।उसका कहना है कि जब तक वाहन स्वामी चोरी की सूचना पुलिस को देंगे तब तक वह हाइवे पकड़ कर चन्दौली पहुंचता और वहां से सीधे बिहार पहुंच जाता।गाड़ी चोरी करने के लिए मास्टर चाबी बनवाकर अंजाम देता है।
पंकज अपने गांव के बगल की रहने वाले एक करीबी मित्र की मां को लेकर हैदराबाद भाग गया। उसे हैदराबाद में शादी करके रखा हैं। चोरी घटना से बचने के लिए अपनी पत्नी की मोबाइल से कांफ्रेंस काल खरीददारों से बातचीत करता था।सारा पैसा ऑनलाइन अपनी पत्नी के खाते में ट्रांसफर करवाता।अपने गांव घर परिचितों से बनारस में मजदूरी की सप्लाई करने की बातें करता था।उसके निशाने पर अधिक माइलेज देने वाली मोटरसाइकिलें होती थीं। होंडा साइन और स्प्लेंडर की मांग उसके गैंग में अधिक होती। बिहार में 3 से चार हजार में गाड़ियों को खरीदकर उससे शराब की तस्करी करते हैं। पकड़े जाने पर मोटरसाइकिल छोड़कर भाग जाते। कभी कभी पकड़े भी जाते हैं।
लाख रुपये तक की मोटरसाइकिल को चुराकर 4 से 5 हजार रुपये में बेचते हैं। वह भी ज्यादातर पैसा किस्त बाई उसकी पत्नी के खाते में जाता हैं।उसके गैग के पकड़े गए रमजान अंसारी ग्राम व पोस्ट अकोढ़ी दुर्गावती मोहनिया कैमूर, अमन सिंह नवनेर डीहरा ओबरा सोनभद्र,जितेंद्र कुमार सेमरा थाना सोनहन कैमूर, दीपक कुमार अकोढ़ी दुर्गावती मोहनिया,संदीप चौरसिया उसरी मोहनिया कैमूर,दीपक चौरसिया बेतरी भभुआ बिहार का रहने वाले हैं। सभी की उम्र 22 से 25 साल के बीच हैं।