पार्टी कार्यकर्ता की मौत की खबर सुन जौनपुर आकर गरजे थे लालजी टंडन, सदन में भी उठाया था मुद्दा
पार्टी कार्यकर्ता की मौत की खबर सुन जौनपुर आकर गरजे थे लालजी टंडन सदन में भी मुद्दा उठाया था।
जौनपुर, जेएनएन। भाजपा के शीर्ष नेता अटल बिहारी वाजपेयी के अत्यंत करीबियों में शुमार मध्य प्रदेश के राज्यपाल पूर्व विधानसभा अध्यक्ष रहे लालजी टंडन ने मंगलवार को भले ही इस दुनिया को अलविदा कह दिया लेकिन उनके राजनीतिक जीवन की कई अहम यादें इस जिले से जुड़ी हुई हैं। पार्टी के प्रति समर्पण व कुशल संगठन कर्ता के रूप में उनकी हमेशा से अलग पहचान रही। वे अपने इन्हीं गुणों की बदौलत यहां के भी कार्यकर्ताओं से भावनात्मक रूप से जुड़े रहे। बात सन् 2004-05 की है।
सन् 2004 के दिसंबर महीने के आखिर में मडिय़ाहूं क्षेत्र के परशुरामपुर दौड़ी निवासी पार्टी के मंडल अध्यक्ष रहे लालता प्रसाद गिरि किसी मामले में मडिय़ाहूं तहसील में पहुंचे थे। वहां तहसील के तत्कालीन नायब तहसीलदार व अन्य कर्मियों से उनकी किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। बताया जाता है कि तहसील कर्मियों ने उनके साथ इस कदर दुर्व्यवहार किया कि उन्हें वहां से हट जाना पड़ा। वे अभी कुछ दूर एक अस्पताल के पास पहुंचकर वहां के चिकित्सक से अपनी मनोदशा का वृतांत सुना ही रहे थे कि इस घटना का कुछ ऐसा सदमा लगा कि वहीं हृदयाघात से उनकी मौत हो गई। इस प्रकरण को बताते हुए भाजपा के तत्कालीन जिला मंत्री अशोक कुमार श्रीवास्तव व पूर्व जिलाध्यक्ष ब्रह्मदेव मिश्रा ने कहा कि श्री गिरि की इस प्रकार से हुई मौत से पार्टी कार्यकर्ताओं में आक्रोश व्याप्त हो गया। उन्होंने अपनी बातें प्रदेश नेतृत्व तक पहुंंचायी। इस खबर को सुनते ही उस समय नेता विरोधी दल रहे लालजी टंडन अगले ही दिन एक जनवरी को मडिय़ाहूं के लिए चल दिए। यहां आकर उन्होंने मडिय़ाहूं कस्बा स्थित भगत ङ्क्षसह प्रतिमा के समक्ष बड़ी तादाद में मौजूद पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच सभा कर अपने तल्ख तेवर दिखाए। श्री टंडन ने पार्टी कार्यकर्ता के मौत का ठीकरा तहसील कर्मियों के सिर फोड़ते हुए कहा कि इस मामले को सदन में उठाकर शासन प्रशासन के जिम्मेदारों को कटघरे में खड़ा करूंगा। हालांके िइसके पहले स्थानीय कार्यकर्ताओं ने संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करवा दिया था। श्री टंडन के इस तेवर व कार्यकर्ताओं के हितों के प्रति समर्पण की चर्चा आज उनके निधन के बाद एक बार फिर पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच होती रही।
इसके पहले नगर विकास मंत्री के रूप में श्री टंडन ने यहां आकर नगर पालिका परिसर की कई अहम परियोजनाओं का शिलान्यास किया था। तत्कालीन पालिकाध्यक्ष दिनेश टंडन ने बताया कि उन्होंने हमारे आग्रह को स्वीकार कर यहां आकर कई सौगातें दी थी। आज भले ही लालजी टंडन नहीं रहे लेकिन पार्टी के प्रति उनके समर्पण और कार्यकर्ताओं से आत्मीय लगाव लंबे समय तक याद किया जाता रहेगा।