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लाखों रुपये बकाए पर बीएचयू अस्पताल में मरीजों का भोजन बंद, मार्च माह से नहीं हुआ भुगतान

अन्नपूर्णा सेवा समिति इस दौरान भी बीएचयू अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए सेवा देती रही लेकिन सात माह बीत जाने के बाद भी जब अस्पताल प्रशासन ने समिति का भुगतान नहीं किया तो समिति ने गुरुवार से सेवा बंद कर दी। कारण कि अस्पताल पर लाखों रुपये बकाया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 01 Oct 2020 08:21 PM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2020 08:21 PM (IST)
लाखों रुपये बकाए पर बीएचयू अस्पताल में मरीजों का भोजन बंद, मार्च माह से नहीं हुआ भुगतान
सात माह से भु्गतान नहीं होने पर अन्नपूर्णा सेवा समिति ने मरीजों के लिए भोजना देना बंद कर दिया।

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना से बचने के लिए मार्च में लगे लॉकडाउन के दौरान जहां सभी होटल, रेस्टोरेंट व अन्य प्रतिष्ठान बंद थे। वहीं दूसरी ओर अन्नपूर्णा सेवा समिति इस दौरान भी बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए सेवा देती रही। चाहे कोरोना के मरीज हो या, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग के वार्ड में भर्ती महिलाएं सभी के लिए समय पर खाना पहुंचते रहा। बावजूद इसके सात माह बीत जाने के बाद भी जब अस्पताल प्रशासन ने समिति का भुगतान नहीं किया तो समिति ने गुरुवार से सेवा बंद कर दी। कारण कि अस्पताल पर लाखों रुपये बकाया है।

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मालूम हो कि बीएचयू अस्पताल में जो मरीज या उनके जो परिजन आते हैं उनके अन्नपूर्णा की ओर से 25 रुपये में भरपेट भोजन दिया जाता है। इसके अलावा जननी सुरक्षा योजना के तहत लेबर वार्ड, कोरोना व अन्य वार्ड में भी इसी संस्था की ओर से भोजन आपूर्ति कराई जाती है। मरीजों को तो मुफ्त में भोजन मिलता है, लेकिन इसका भुगतान अस्पताल प्रशासन संस्था को करता है। आरोप है कि मार्च से अभी तक बकाए का भुगतान ही नहीं किया गया। जुलाई में भी संस्था ने भुगतान के लिए लिखकर दिया था, लेकिन उस समय भी सिर्फ आश्वासन ही नहीं किया। संस्था ने उस समय मदद की जब कही कोई दुकानें नहीं खुल रही थी। हजारों मरीज या उनके परिजन अन्नपूर्णा भोजनालय या लंका स्थित ठेला-पटरी पर भोजन करते थे। अन्नपूर्णा सेवा समिति के प्रबंधक अरुण सिंह ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने मार्च से लेकर 30 सितंबर तक उनसे कोविड मरीजों का और भारत सरकार की जननी सुरक्षा योजना में गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाली डाइट ली लेकिन उसका पेमेंट नहीं किया। इस लिए मजबूरन सेवाएं बंद करनी पड़ी। इस संबंध में सर सुंदरलाल अस्पताल के डिप्टी रजिस्ट्रार ने कहा कि बार-बार संस्था को इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के कहा गया, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इस कारण मजबूरन पेमेंट रोकना पड़ा है। कारण कि आडिट में भी आब्जेक्शन लगा है।


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