देव दीपावली : सुरक्षा व्यवस्था करें चौकस, लाखों की भीड़ पर सिर्फ 300 एनडीआरएफ जवान
वाराणसी में देव दीपावली देखने गंगा के 84 घाटों पर लाखों लोगों की भीड़ रहेगी। उनकी सुरक्षा के लिए महज 300 एनडीआरएफ के जवान तैनात किए गए हैं।
वाराणसी, जेएनएन। हर वर्ष की तरह इस बार भी देव दीपावली देखने गंगा के 84 घाटों पर लाखों लोग जुटेंगे। इस उत्सव की भव्यता पर प्रशासन का पूरा ध्यान है, लेकिन आपदा प्रबंधन को भी चौकस करने की जरूरत है। देव दीपावली के मौके पर उमड़ने वाले जनसैलाब के बीच किसी प्रकार की आपदा की स्थिति से निबटने के लिए मौजूदा इंतजाम नाकाफी हैं। लाखों की भीड़ के बीच मात्र लगभग 300 एनडीआरएफ के जवानों की तैनाती की जाएगी। फिलहाल अभी तैयारी पूरी नहीं हुई है। इसे लेकर बुधवार को मंथन किया जाएगा। यह हो सकते हैं इंतजाम : मोटराइज बोट- देव दीपावली के लिए 20 से 25 मोटराइज बोट को गंगा में उतारा जाएगा। एनडीआरएफ के पास 35 बोट हैं जिनमें दस को रिजर्व रखा जाएगा। एक बोट पर पांच कुशल तैराक रहेंगे। इसमें एक गोताखोर होगा। इसके अलावा दस लाइफ जैकेट, सात लाइफबॉय रहता है। इतने बड़े आयोजन को देखते हुए बोट की संख्या कम से कम 100 होनी चाहिए। पैदल सेना-आपदा की स्थिति में लोगों को प्राथमिक उपचार देने के लिए लगभग पांच से छह टीमें रहेंगी। एक टीम में 35 से 40 जवान रहेंगे।
जल एंबुलेंस- गंगा में चल रही एक मात्र जल एंबुलेंस ही देव दीपावली के दिन उपलब्ध रहेगी। इसमें मेडिकल किट के साथ चार नर्सिग असिस्टेंट रहते हैं। इनकी संख्या कम से कम पांच होनी चाहिए, लेकिन एनडीआरएफ के पास एक ही एंबुलेंस है।
आपदा की स्थिति-भगदड़ की स्थिति, किसी के डूबने की घटना, नाव डूबने की घटना।
मुख्य कार्य-भीड़ नियंत्रण, आपदा की स्थिति में राहत कार्य, प्राथमिक उपचार, लाउड स्पीकर के जरिए सुरक्षा निर्देश देते रहना, पार्किंग आदि की व्यवस्था पर नजर रखना, किसी की तबियत खराब होने पर तत्काल प्राथमिक उपचार करना।
संभावित तैयारी : एक कमांडेंट, दो डिप्टी कमांडेंट, चार असिस्टेंट कमांडेंट, 15 इंस्पेक्टर, 200 से 250 जवान।