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वाराणसी जिले में कोरोना संक्रमण की दर सुस्त, तेजी से स्वस्थ होने में लोग आगे

अब तक 90.30 फीसद मरीज स्वस्थ भी हुए हैं जबकि केवल 1.60 फीसद मरीजों की कोरोना से मौत हुई है। कांटैक्ट ट्रेसिंग के साथ ही अधिक जांच दर से मरीजों की जल्द पहचान हो रही है जिसकी वजह से मृत्युदर नियंत्रित हुई है।

By Edited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 06:50 PM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 03:00 AM (IST)
वाराणसी जिले में कोरोना संक्रमण की दर सुस्त, तेजी से स्वस्थ होने में लोग आगे
बड़ी संख्या में ठीक होने के बाद भी लोग प्लाज्मा दान करने को आगे नहीं आ रहे हैं।

वाराणसी, जेएनएन। जिले में कोरोना संक्रमण की दर सुस्त पड़ गई है। संक्रमण की जद में आने वाले तेजी से ठीक भी हो रहे हैं। अब तक 93.30 फीसद मरीजों ने कोरोना पर जीत हासिल की है। इतनी बड़ी संख्या में ठीक होने के बाद भी लोग प्लाज्मा दान करने को आगे नहीं आ रहे हैं। हाल ये है कि जिला प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य विभाग व स्वयं सेवी संस्थाओं की ओर से प्रेरित करने के बाद भी कोरोना विजेता घर से कम ही निकल रहे हैं। बीएचयू ब्लड बैंक में अब तक केवल 0.56 फीसद कोरोना विजेताओं ने ही प्लाज्मा दान करने के लिए पंजीयन कराया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से 22 अक्टूबर को जारी आंकड़ों के मुताबिक जिले में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 16050 पहुंच गई, मगर इनमें से 15045 मरीज पूरी तरह ठीक भी हो चुके हैं।

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केवल 85 कोरोना विजेता प्लाज्मा दान करने के लिए बीएचयू ब्लड बैंक पहुंचे। वहीं, इक्का-दुक्का विजेताओं ने एपेक्स व आइएमए में भी पंजीयन कराया। बीएचयू ब्लड बैंक के प्रभारी डा. संदीप कुमार के मुताबिक 85 लोगों की स्क्री¨नग में केवल 46 प्लाज्मा दान करने के योग्य पाए गए, शेष 39 के सैंपल रिजेक्ट हो गए। यानी जो 0.56 फीसद विजेता पहुंचे भी उनमें से तकरीबन आधे प्लाज्मा दान करने की स्थिति में ही नहीं थे।

महज 5.09 फीसद हैं सक्रिय केस : 22 अक्टूबर के आंकड़ों के मुताबिक जनपद में 821 सक्रिय केस थे जो संक्रमितों की कुल संख्या का महज 5.09 फीसद था। अब तक 90.30 फीसद मरीज स्वस्थ भी हुए हैं, जबकि केवल 1.60 फीसद मरीजों की कोरोना से मौत हुई है। कांटैक्ट ट्रेसिंग के साथ ही अधिक जांच दर से मरीजों की जल्द पहचान हो रही है जिसकी वजह से मृत्युदर नियंत्रित हुई है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग कोरोना मरीजों के निकट संपर्कियों को आइवर्मेक्टिन दवा वितरित करने को भी सक्रिय मरीजों की संख्या कम करने की वजह मान रहा है। सीएमओ डा. वीबी सिंह के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग सहित आपूर्ति विभाग, सिविल डिफेंस व अन्य विभागों के सहयोग से अब तक 1.37 लाख जरूरतमंद लोगों में 11.01 लाख आइवर्मेक्टिन दवा बांटी जा चुकी है।


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