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एलपीजी वितरक जागरुकता अभियान को और देंगे रफ्तार, मिलता है 50 लाख तक के अनुदान का प्रावधान

मऊ में हुए हादसे के बाद एलपीजी वितरक ग्राहकों को जागरुक किए जाने के रफ्तार में तेजी लाएंगे। इसके लिए कंपनी के अधिकारियों से भी बातचीत करने का निर्णय लिया गया है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 16 Oct 2019 10:22 AM (IST)Updated: Wed, 16 Oct 2019 10:22 AM (IST)
एलपीजी वितरक जागरुकता अभियान को और देंगे रफ्तार, मिलता है 50 लाख तक के अनुदान का प्रावधान

वाराणसी, जेएनएन। मऊ में हुए हादसे के बाद एलपीजी वितरक ग्राहकों को जागरुक किए जाने के रफ्तार में तेजी लाएंगे। इसके लिए कंपनी के अधिकारियों से भी बातचीत करने का निर्णय लिया गया है। हादसों पर अंकुश को सेफ्टी क्लिनिक के नाम से जागरुकता अभियान चलाया जाता रहा है।

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ट्राली मैन ने बताया कि ग्राहकों को देते जरूरी जानकारी 

ट्राली मैन राम मनोहर ने बताया कि अब तो आनलाइन बुकिंग की जाती है। ग्राहकों से हम नीली बुक मांगकर उसमें सिलिंडर का विवरण चढ़ाते हैं। कई बार ग्राहक नीली बुक नहीं मिलने का बहाना भी करते हैं। लेकिन गैस वापसी में एजेंसी में जवाबदेही सुनिश्चित की जाती है। ऐसे में हम कोशिश करते कि ग्राहक उनकी बात मान लें।

सेफ्टी क्लीनिक क्या है?

सेफ्टी क्लिनिक में ग्राहकों को एलपजी के उपयोग के बारे में बताया जाता है। मसलन, कुछ नियमों को अपनाने से अग्निकांड की घटना को टाला जा सकता है। वाराणसी गैस वितरक संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि सेफ्टी क्लिनिक ग्राहकों को भी बुलाते हैं। 

सेफ्टी क्लिनिक में बताई जाने वाली जरूरी बातें 

1-एलपीजी सिलिंडर को हमेशा सीधा खड़ाकर उपयोग करें। 

2-चूल्हा सिलिंडर से कम से कम छह इंच ऊपर होना चाहिए। 

3- चूल्हे को ऐसी जगह रखें जहां से सीधी हवा न आए। 

4-सूती कपड़ा पहनकर ही भोजन बनाना लाभादायी। 

5- प्रत्येक पांच वर्ष में सुरक्षा होज जरूर बदलें। 

6- एलपीजी में रिसाव होने पर वितरक या हेल्पलाइन नंबर 1906 पर संपर्क करें। 

7- एलपीजी संबंधी शिकायतों के लिए टोल फ्री नंबर 1800, 2333, 555 पर काल करें। 

तबाही में 50 लाख तक के अनुदान का प्रावधान

एलपीजी अग्निकांड में तबाही पर 50 लाख के तक के अनुदान का प्रावधान है। यह धनराशि एकमुश्त नहीं, अलग-अलग मदों के लिए निर्धारित धनराशि को जोडऩे के बाद तैयार होती है। एलपीजी कंपनियां बाकायदा इसका प्रचार-प्रसार करने के अलावा  वितरकों के जरिये भी ग्राहकों तक पहुंचाती हैं।

एलपीजी कंपनियां अग्निकांड की मुश्किल के बाद ग्राहकों संग खड़ा होने को उन्हें बीमा कवर दिया है। मसलन, मृत्यु होने पर छह लाख प्रति व्यक्ति दुर्घटना कवर मिलेगा। इसके अलावा प्रति घटना 30 लाख चिकित्सा खर्च कवर, अधिकतम 20 हजार प्रति व्यक्ति एवं 25 प्रति व्यक्ति तुरंत सहायता मिलेगा। प्राधिकृत ग्राहक के पंजीकृत परिसर में अधिकतम 20 लाख की संपत्ति क्षति का नुकसान देने का प्रावधान है। वाराणसी एलपीजी वितरक संघ के प्रवक्ता मनीष चौबे ने बताया कि कंपनी ने ही जागरूकता को पर्चियां दी हैं। इसे ग्राहकों तक पहुंचाया गया है। उज्ज्वला के ग्राहकों को कनेक्शन के साथ दिया भी गया था। यह जरूर है कि ग्राहक एलपीजी उपयोग के नियमों का पालन करके ही बीमा कवर प्राप्त कर सकते हैं। 


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