Move to Jagran APP

गंगा को गंदा करने वाले उद्योगों पर कसेगा शिकंजा : सत्यपाल

वाराणसी : केंद्रीय मानव संसाधन, जल स्रोत व गंगा निर्मलीकरण राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह ने शुक्रवार क

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Oct 2017 02:52 AM (IST)Updated: Sat, 28 Oct 2017 02:52 AM (IST)
गंगा को गंदा करने वाले उद्योगों पर कसेगा शिकंजा : सत्यपाल
गंगा को गंदा करने वाले उद्योगों पर कसेगा शिकंजा : सत्यपाल

वाराणसी : केंद्रीय मानव संसाधन, जल स्रोत व गंगा निर्मलीकरण राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह ने शुक्रवार को कहा कि गंगा को गंदा करने वाले उद्योगों की अब खैर नहीं। मंत्रालय की ओर से उन पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली गई है। मंत्रालय के अधीन टॉस्क फोर्स का गठन किया गया है जो जांच करेगा कि उद्योगों में एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) है या नहीं और है तो संचालित होता है या नहीं।

loksabha election banner

केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि कल कारखाने से निकलने वाले रासायनिक अवजल को ईटीपी द्वारा शोधित नहीं किया जा रहा। इसका खुलासा एनजीटी की रिपोर्ट से हुआ है। स्पष्ट कहा कि बहुत से कल-कारखानों ने ईटीपी लगाया ही नहीं है और जिसने लगाया है वो संचालित नहीं करता क्योंकि इसमें खर्च आता है जो उद्योगपतियों को फिजूल लगता है। राज्यमंत्री ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अब ऐसा नहीं होगा। गंगा को गंदा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी। कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि गंगा निर्मल हों और उस दिशा में बराबर कार्य किया जा रहा है। इसी कड़ी में टॉस्क फोर्स का गठन किया गया है। इतना ही नहीं टॉस्क फोर्स की निगरानी के लिए भी मंत्रालय की ओर से कमेटी गठित की गई है जिसके अध्यक्ष स्वयं केंद्रीय राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह हैं। हर 15 दिन पर कमेटी अपनी रिपोर्ट देगी।

दिसंबर 2018 तक निर्मल दिखेंगी गंगा : केंद्रीय राज्यमंत्री का दावा है कि जिस प्रकार गंगा के निर्मलीकरण को लेकर कार्य हो रहा है उससे दिसंबर 2018 तक गंगा काफी हद तक निर्मल दिखाई देने लगेंगी। इसके लिए गंगोत्री से गंगा सागर तक लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इतना ही नहीं कोशिश हो रही है कि गंगा के किनारे स्थित गांवों में सफाई से लेकर अन्य प्रबंधन जिससे गंगा मैली न हो, के लिए उनको गोद लिया जाए।

एसटीपी संचालक नहीं हैं पूर्ण दक्ष : केंद्रीय राज्यमंत्री ने गंगा को लेकर दैनिक जागरण से सर्किट हाउस में बात की। कहा कि गंगा निर्मलीकरण के तहत संचालित अब तक के एसटीपी की शोधन क्षमता बेहतर नहीं है और न ही उसको संचालित करने वाले ही पूर्ण दक्ष हैं। इसलिए अब जो भी एसटीपी बन रहे हैं वह विश्व स्तरीय हैं जिसे संचालित करने के लिए दक्ष कर्मी नियुक्त किए जाएंगे।

दिसंबर तक पूरा करें गोइठहां एसटीपी : केंद्रीय राज्यमंत्री ने गोइठहां व दीनापुर में निर्माणाधीन 120 व 140 एमएलडी एसटीपी का निरीक्षण किया। गोइठहां एसटीपी पूर्ण करने के लिए दिसंबर तक की मियाद तय की। जल निगम के अफसरों ने भी उन्हें पूरा भरोसा दिया। चिरईगाव प्रतिनिधि के अनुसार दीनापुर में निर्माणाधीन एसटीपी के लिए भी अंतिम मियाद दिसंबर ही तय किया गया। निर्माण कर रही कंपनी के अधिकारी विवेक ने बताया कि 31 दिसम्बर तक निर्माण पूरा हो जाएगा लेकिन प्लांट का संचालन मार्च 2018 तक होगा। निरीक्षण के दौरान कंपनी के अफसरों ने केंद्रीय राज्यमंत्री से भुगतान की बाबत अनुरोध किया तो उन्होंने जल निगम के महाप्रबंधक को सख्त हिदायत देते हुए भुगतान में कोई समस्या न आने की चेतावनी दी। इस दौरान मंत्री ने जनरेटर चलवाकर एसटीपी संचालन का निरीक्षण किया। इस मौके पर मुख्य अभियंता जलनिगम एके श्रीवास्तव, परियोजना प्रबंधक विवेक सिंह, प्रदीप कुमार सिंघल, धमर्ेंद्र कुमार, दयाशकर मिश्र दयालु आदि मौजूद थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.