प्रवासी सम्मेलन के दौरान शहर को साफ रखना बड़ी चुनौती, वैकल्पिक उपाय की तलाश
वाराणसी में 21 से 23 जनवरी तक होने वाले प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दौरान कूड़ा उठान दुरूस्त रखने के लिए संबंधित विभाग को काफी पापड़ बेलने पड़ेंगे।
वाराणसी, जेएनएन। आने वाले दिन नगर निगम के लिए कठिनाइयों से भरे होंगे। समय रहते उपाय नहीं किए गए तो लाज बचा पाना मुश्किल होगा। महीनों से लड़खड़ाई कूड़ा प्रबंधन की व्यवस्था अभी तक पटरी पर नहीं आ पाई है। शहर के साथ प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दौरान कूड़ा उठान दुरूस्त रखने के लिए काफी पापड़ बेलने पड़ेंगे। शहर में रोज लगभग 550 टन कूड़ा निकलता है। 90 वार्डों में अलग-अलग एजेंसियां सफाई व्यवस्था संभालती हैं। इसमें कियाना 30, आएलएफएस 14, नगर निगम 21 व ईकोपाल के जिम्मे 35 वार्ड थे। ईकोपाल ने अक्टूबर के बाद से काम बंद कर दिया। तब से नगर निगम किसी तरह व्यवस्था चला रहा है। कई वार्डों में सफाई की स्थिति बदतर है।
महीनों से कूड़ा नहीं उठाया जा रहा है। लोगों में आक्रोश है। इसके निदान के लिए नया प्रस्ताव बनाया गया है। उसके मंजूर होने में काफी वक्त लग सकता है। 21 से 23 जनवरी तक होने वाले प्रवासी भारतीय सम्मेलन के लिए शहर को चकाचक रखने के लिए शासन-प्रशासन का काफी दबाव है। इन सब के बीच चल रहे स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान वार्डों में सामने आ रही कमियां भी परेशानी का सबब बनी हुई हैं। रैंकिंग में पिछडऩे के भय से अफसर बेचैन हैं।