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शंघाई सहयोग संगठन की सांस्कृतिक और पर्यटन राजधानी बनेगी काशी, कमिश्नर की अध्यक्षता में आज होगी महत्वपूर्ण बैठक

Shanghai Cooperation Organization शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में काशी को सांस्कृतिक व पर्यटन राजधानी के रूप में दर्जा मिला तो यह बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर की बैठक भी यहां होगी। एससीओ के प्रतिनिधियों की सितंबर में यहां उच्चस्तरीय बैठक होने की उम्मीद है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 10:43 AM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 10:43 AM (IST)
शंघाई सहयोग संगठन की सांस्कृतिक और पर्यटन राजधानी बनेगी काशी, कमिश्नर की अध्यक्षता में आज होगी महत्वपूर्ण बैठक
शंघाई सहयोग संगठन की सांस्कृतिक और पर्यटन राजधानी बनेगी काशी

जागरण संवाददाता, वाराणसी : देश-दुनिया में सांस्कृतिक राजधानी के रूप में काशी की पहचान पहले से ही है, लेकिन अब एक और उपलब्धि जुड़ने जा रही है। इसे शंघाई सहयोग संगठन (शंघाई कोरपोरशन आर्गेनाइजेशन-एससीओ ) की सांस्कृतिक व पर्यटन राजधानी घोषित कराने का प्रयास हो रहा है। शासन ने इस बाबत वाराणसी के जिला प्रशासन से डोजियर तैयार करने व वर्ष भर की गतिविधियों का कैलेंडर तैयार करा कर तत्काल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। उद्देश्य यह कि इसे शंघाई सहयोग संगठन के राष्ट्राध्यक्षों के होने वाले शिखर सम्मेलन-2022 में काशी को एससीओ की प्रथम सांस्कृतिक व पर्यटन राजधानी के लिए अधिकारिक नामांकन के रूप में प्रस्तुत किया जा सके।

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इस बाबत जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने क्षेत्रीय संस्कृति अधिकारी, नगर आयुक्त, पर्यटन अधिकारी समेत 15 विभागों के अधिकारियों के साथ गुरुवार को जूम एप पर बैठक की। साथ ही आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। कमिश्नर दीपक अग्रवाल की अध्यक्षता में इस बाबत 28 जनवरी को कमिश्नरी सभागार में विभागीय अफसरों की बैठक बुलाई गई है।

काशी को मिलेगी दुनिया में पहचान

अधिकारियों का कहना है कि शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में काशी को सांस्कृतिक व पर्यटन राजधानी के रूप में दर्जा मिला तो यह बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर की बैठक भी यहां होगी। बताया जा रहा है कि एससीओ के प्रतिनिधियों की सितंबर में यहां उच्चस्तरीय बैठक होने की उम्मीद है।

शंघाई सहयोग संगठन का बीजिंग में मुख्यालय

चीन, कजकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस और तजकिस्तान ने 1996 में शंघाई-5 नाम से संगठन बनाया। वर्ष 2001 में आयोजित शिखर सम्मेलन में उज्बेकिस्तान को शामिल कर इसे शंघाई -6 नाम दिया गया। अब यह शंघाई सहयोग संगठन के नाम से जाना जाता है। 24 जून, 2016 को इस संगठन में भारत व पाकिस्तान सदस्य बनें। यह राजनीतिक, आर्थिक व सैनिक संगठन है। संगठन का मुख्यालय बीजिंग चीन में है। आधिकारिक भाषा चाइना व रसिया है।


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