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काशी व‍िश्‍वनाथ कार‍िडोर: मुस्लिम महिलाओं ने मनाई शिव दीपावली, बोलीं- सुबह बनारस, शाम बनारस, भोले तेरे नाम बनारस

Kashi Vishwanath Corridor श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के अवसर पर काशी में मुस्लिम महिलाओं ने शिव दीपावली मनाई। मुस्लिम महिला फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी के नेतृत्व में मुस्लिम महिलाओं ने यह आयोजन लमही स्थित सुभाष भवन पर किया। इस दौरान मिट्टी का दीपक जलाया।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Mon, 13 Dec 2021 08:03 PM (IST)Updated: Tue, 14 Dec 2021 07:29 AM (IST)
काशी व‍िश्‍वनाथ कार‍िडोर: मुस्लिम महिलाओं ने मनाई शिव दीपावली, बोलीं- सुबह बनारस, शाम बनारस, भोले तेरे नाम बनारस
काशी में दीपावली मनातीं मुसल‍िम मह‍िलाएं। - जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। Kashi Vishwanath Corridor: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के अवसर पर काशी में मुस्लिम महिलाओं ने शिव दीपावली मनाई। मुस्लिम महिला फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी के नेतृत्व में मुस्लिम महिलाओं ने यह आयोजन लमही स्थित सुभाष भवन पर किया। इस दौरान मिट्टी का दीपक जलाया व ओम लिखकर दीपावली मनाई। मुस्लिम महिलाएं विश्वनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण से बेहद खुश दिखीं। महिलाओं ने 'सुबह बनारस, शाम बनारस, भोले तेरे नाम बनारस' का नारा लगाया व प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी को शुक्रिया कहा।

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पीएम मोदी ने क‍िया उद्धार

नाज़नीन अंसारी ने कहा कि क्रूर अत्याचारी नृशंस मंगोल शासक औरंगजेब ने 1669 ई. में श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर तोड़कर मस्जिद बनवा दिया था, लेकिन सनातन धर्मियों ने कोई प्रतिकार नहीं किया। औरंगजेब के कलंक को कुछ हद तक महारानी अहिल्याबाई होलकर ने धोया और अब नरेन्द्र मोदी ने विश्वनाथ जी के मंदिर को पुनर्स्थापित कर भारतीय संस्कृति के इतिहास में अपना नाम स्वर्णाक्षरों में लिखवा लिया। अब दुनियाभर के सनातनी संस्कृति को मानने वाले काशी आएंगे व हमारी संस्कृति के गौरव से परिचित होंगे।

मंगोलों ने तलवार के बल पर धर्म बदलने को मजबूर क‍िया

भारतीय उपमहाद्वीप के रहने वाले सभी सनातनियों के लिए गर्व का क्षण है, भले ही आज वे किसी भी मत पंथ को मानने वाले हों। मंगोलों ने तलवार के बल पर धर्म बदलने को मजबूर कर दिया। धर्म बदलने से न ही पूर्वज बदलते है और न ही संस्कृति। भगवान शिव आदिदेव हैं। किसी भी धर्म के पहले पूरी दुनियां इन्हीं की पूजा करती थी। काशी कोई शहर नहीं, पूरी दुनिया की सभ्यता का केंद्र बिन्दु है और दुनिया की सांस्कृतिक राजधानी है।

सनातनियों के पूजा स्थलों को उनको सौंप दें

औरंगजेबी मुस्लिमों को चाहिए कि वे सनातनियों के पूजा स्थलों को उनको सौंप दें, इसी से शांति आएगी। आज पूरी दुनियां सनातन संस्कृति की ओर भाग रही है। आतंकवाद और हिंसा से उब चुके विश्व को अब काशी ही शांति के पथ पर ले जाएगी। इस मौके शम्स, नगीना बेगम, जमीला, हदीसुन, शमसुन्निशा, सहीदुन, नाजमा बेगम, कौसर, शहनाज, रशीदा, शमीमा, नजमा, सबीना, रजिया आदि महिलाओं ने शिव दीपावली मनाई।


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