काशी विश्वनाथ कारीडोर : बनारस दिखाएगा अपना हुनर, सुनाएगा उद्यमशीलता की कहानी
ट्रेड फैसीलिटेशन सेंटर (टीएफसी) में माहपर्यंत चलने वाली प्रदर्शनी। इसमें काशी के जीआइ व ओडीओपी उत्पाद प्रदर्शित किए जाएंगे। वहीं दलित इंडियन चैंबर्स आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री (डिक्की) भी उद्योग क्षेत्र में अपनी बढ़ती भूमिका से अवगत कराएगा।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। काशीपुराधिपति का सजा संवरा विस्तारित दरबार जब लोकार्पित होगा तब उनकी नगरी काशी अपना हुनर दिखाएगी। इस शहर की उद्यमशीलता भी आगंतुओं को देखने को मिल जाएगी। इसके लिए काशी विश्वनाथ धाम यात्रा, दिव्य काशी-भव्य काशी-चलो काशी की श्रृंखला में उद्योग विभाग दिसंबर से लेकर जनवरी तक कई आयोजन करेगा। इसमें खास होगी ट्रेड फैसीलिटेशन सेंटर (टीएफसी) में माहपर्यंत चलने वाली प्रदर्शनी। इसमें काशी के जीआइ व ओडीओपी उत्पाद प्रदर्शित किए जाएंगे। वहीं दलित इंडियन चैंबर्स आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री (डिक्की) भी उद्योग क्षेत्र में अपनी बढ़ती भूमिका से अवगत कराएगा।
बीते कुछ वर्षों में बनारस की ताकत का अहसास ट्रेड फैसीलिटेशन सेंटर में लगने वाली प्रदर्शनी से कराया जाएगा। इसमें काशी क्षेत्र से बनारस के ब्रोकेड एवं साड़ी, गुलाबी मीनाकारी, वुडेन लेकर वेयर एंड ट्वायज, ग्लास बीड्स, साफ्ट स्टोन जाली वर्क, जरी-जरदोजी व हैंड इंब्रायडरी, हैंड ब्लाक प्रिंटिंग क्राफ्ट व वूड कार्विंग क्राफ्ट समेत निजामाबाद की ब्लैक पाटरी, गाजीपुर की वाल हैंगिंग, चुनार का बलुआ पत्थर व रेडक्ले ग्लेज पाटरी, गोरखपुर का टेराकोटा क्राफ्ट, मीरजापुर का पीतल बर्तन, मऊ की साड़ी मेला की शोभा बढ़ाएंगे। वहीं बनारस के एक जिला एक उत्पाद में शामिल बनारस की साड़ी भी मेला का हिस्सा होगी जिसे दुनिया देख सकेगी। यह मेला 16 दिसंबर से लगेगा।
16 दिसंबर को विभागवार बताएंगे उपलब्धि : टीएफसी में आयोजित प्रदर्शनी के पहले दिन 16 दिसंबर को कई विभागों द्वारा अपनी उपलब्धियां गिनाई जाएंगी। जानकारी के मुताबिक इसमें प्रमुख रूप से सहायक आयुक्त हथकरघा, सहायक निदेशक हस्तशिल्प, डीजीएफटी, निफ्ट, निट्रा, बुनकर सेवा केंद्र आदि विभाग और अधिकारी मौजूद रहेंगे। इसी दिन प्रदर्शनी का शुभारंभ भी हो जाएगा।
वहीं डिक्की का तीन दिवसीय कार्यक्रम 30 दिसंबर से शुरू होगा। टीएफसी में संगठन के केंद्रीय पदाधिकारी जुटेंगे, जहां उद्योग के क्षेत्र में स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका को लेकर अहम जानकारी देंगे। यह आयोजन भी काशी विश्वनाथ धाम यात्रा, दिव्य काशी-भव्य काशी-चलो काशी की श्रृंखला में है। बता दें कि डिक्की का गठन 2005 में हुआ था। तीन दिनों में सेमिनार, वर्कशाप व तकनीकी सत्र निश्चित है।
बोले अधिकारी : पूरा कार्यक्रम विश्वनाथ कारीडोर धाम यात्रा, दिव्य काशी-भव्य काशी-चलो काशी की श्रृंखला में किया जा रहा है। टीएफसी में एक महीने की प्रदर्शनी 16 दिसंबर से लगेगी। डिक्की का कार्यक्रम 30 दिसंबर से शुरू होगा। - वीरेंद्र कुमार, उपायुक्त, जिला उद्योग केंद्र।