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पंजाबी गीतों पर कलाकारों संग झूमते रहे दर्शक

वाराणसी : धर्म व संस्कृति की राजधानी काशी में लघु भारत की छवि को उकेरने व विभिन्न प्रांतों की लोक वि

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Jun 2018 09:45 AM (IST)Updated: Sat, 09 Jun 2018 09:45 AM (IST)
पंजाबी गीतों पर कलाकारों संग झूमते रहे दर्शक
पंजाबी गीतों पर कलाकारों संग झूमते रहे दर्शक

वाराणसी : धर्म व संस्कृति की राजधानी काशी में लघु भारत की छवि को उकेरने व विभिन्न प्रांतों की लोक विधा को दर्शकों के समक्ष रखने के लिए आयोजित कार्यक्रम भारत आनंद-काशी आनंद में शुक्रवार को गायन, वादन व नृत्य में पंजाब की सोंधी खुशबू बिखरी। लोकप्रिय पंजाबी गीतों में कलाकारों ने नृत्य की प्रस्तुति कर घाट पर एकत्र हजारों संगीत प्रेमियों को झूमने को विवश कर दिया। धीरे-धीरे सफलता के मुकाम पर पहुंच रहे इस आयोजन को देशी-विदेशी पर्यटकों संग अन्य लोगों ने सराहा।

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दैनिक जागरण द्वारा लोक संस्कृति को संरक्षित रखने व काशी में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से डा. राजेंद्र प्रसाद घाट पर आयोजित कार्यक्रम भारत आनंद-काशी आनंद में स्थानीय कलाकारों ने अपनी-अपनी प्रस्तुतियों से कार्यक्रम स्थल पर पंजाब प्रांत की लोक संस्कृति को जीवंत कर दिया। अग्रसेन कन्या पीजी कालेज की छात्राओं ने मां गंगा की धारा के विपरित गायन, वादन व नृत्य की ऐसी रस धारा बहाई जिसमें दर्शक मंत्रमुग्ध हो गोता लगाते रहे। पंजाबी लोकनृत्य की प्रस्तुति के दौरान युवा स्वयं कलाकारों के साथ ताल से ताल मिलाकर उनका उत्साहवर्धन करते रहे।

पंजाब प्रांत की प्रस्तुति का आरंभ युवा कलाकार खुशबू निशा ने वायलिन पर वंदेमातरम् की धुन बजाकर किया। इसी कड़ी में कालेज की छात्रा सुमन ठाकुर ने गणेश वंदना 'एक दंताय वक्रतुंडाय गौरी..' की मनोहारी प्रस्तुति की। पंजाबी लोकगीत 'लौंग इलायची' पर ईशिका कुमारी ने एकल नृत्य पेश कर घाट पर मौजूद दर्शकों की वाहवाही बटोरी। तालियां बजाकर लोग कलाकार का उत्साहवर्धन करते रहे। लोकनृत्य की प्रस्तुति के बाद कालेज की छात्रा अंतरा रोकड़िया ने सुमधुर आवाज में भजन 'आली मने लागे वृंदावन नी को' की प्रस्तुति कर दर्शकों को आनंद से विभोर कर दिया। साथ ही अग्रसेन कन्या पीजी कालेज के संगीत विभाग की शिक्षिक चेतना गुजराती ने भी भजन 'अखियां श्याम मिलन को प्यासी' सुनाकर संगीत संध्या को परवान चढ़ाया। इन कलाकारों के साथ तबले पर अरुण शाह व हारमोनियम पर जमुना वल्लभ दास गुजराती (भैय्यनजी) ने संगत किया। इसी कड़ी में सामूहिक सितार वादन कर कलाकारों ने उपस्थिति दर्ज कराई। कालेज की असिस्टेंट प्रो. डा. अंजलि शर्मा, ममता यादव व शिवम मिश्रा ने सितार पर राग किरवानी की अवतारणा कर सुधि श्रोताओं के दिल के तारों को झंकृत कर दिया। इनके साथ तबले पर विशाल गुप्ता ने कुशल संगत कर तारीफ बटोरी। पंजाबी लोक नृत्य गिद्दा की प्रस्तुति कर कलाकारों ने माहौल में जोश भर दिया। ईशिका कुमारी, अर्चना मौर्या, जह्नवी पांडेय, दीपशिखा सेठ, मोनिका अग्रहरि व मिताक्षरा पांडेय ने सबसे पहले पंजाबी भाषा के लोकप्रिय गीत 'तोड़-तोड़ तारे' पर समूह नृत्य की प्रस्तुति की। इसी के तहत खुशी वर्मा, यशवी, शेफाली व सोनाली ने गीत 'तारे गिन-गिन' पर गिद्दा की प्रस्तुति की। इन्हीं कलाकारों 'हुल्ले हुल्लारे हुल्ले-हुल्ले' गीत पर जोरदार सामूहिक नृत्य की प्रस्तुति कर कार्यक्रम को विराम दिया। संपूर्ण कार्यक्रम का संयोजन पवन कुमार सिंह ने व नृत्य निर्देशन अमित कुमार ने किया। इस मौके पर कालेज की प्राचार्या डा. कुमकुम मालवीय, डा. निशा दिशावाल समेत संगीत विभाग की तमाम छात्राएं मौजूद थीं। सभी प्रतिभागी कलाकारों को प्रमाण पत्र प्रदान कर उनका उत्सावर्धन किया गया। संचालन राजेश त्रिपाठी व धन्यवाद ज्ञापन काशी मिश्र ने किया।


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