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बीएचयू में का बा..., बॉलीवुड आने के बाद पता चला, बोले बंबई में का बा...गाने के गीतकार डा. सागर

बंबई में का बा...गाने से भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर के प्रवासी खुद से जोड़ रहे हैं। इसके गीतकार डा. सागर को गीत-संगीत का असली परिचय बीएचयू ने ही कराया जब वह 1999 में बीएचयू में हिंदी से एम ए कर रहे थे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 11:25 PM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 12:18 AM (IST)
बीएचयू में का बा..., बॉलीवुड आने के बाद पता चला, बोले बंबई में का बा...गाने के गीतकार डा. सागर
बंबई में का बा...गाने के गीतकार डा. सागर को गीत-संगीत का असली परिचय बीएचयू ने ही कराया

वाराणसी, जेएनएन। बंबई में का बा...गाने से भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के प्रवासी खुद से जोड़ रहे हैं। इसके गीतकार डा. सागर को गीत-संगीत का असली परिचय बीएचयू ने ही कराया, जब वह 1999 में बीएचयू में हिंदी से एम ए कर रहे थे। आज गाना सुपर वायरल होने के बाद डा. सागर बताते हैं कि बीएचयू में का बा... वह अब मुंबई में आकर समझ आया। वो सुरमयी बगिया न होती, तो वह इस मायानगरी का कभी सपना ही नहीं देख पाते। यहां पर मिले उनके मित्रों और हिंदी विभाग ने उन्हें पगडंडी के लेखक से बॉलीवुड के गीतकार में बदल दिया।

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डा. सागर जागरण संवाददाता से बातचीत में कहते हैं कि जब वह बलिया से बनारस आये तो, बीएचयू में छात्रावास उन्हें नहीं मिला। बेहद अभावग्रस्त परिवार से ताल्लुक रखने वाले सागर को बीएचयू के बाहर कमरा लेना पड़ा, मगर किराया नहीं दे सके और मकान मालिक ने किताब, बर्तन व राशन संग उन्हें बाहर फेंकवा दिया था। इस दशा में बिरला छात्रावास के उनके मित्र आलोक सिंह, ताराशंकर, राजेश यादव, पप्पू सिंह, इंदू जैन, नीलिमा और रुचि शर्मा आदि ने काफी मदद की व हॉस्टल में रहना, मेस व पढ़ाई सब कुछ मुफ्त में हो गया। इसके बाद तो विभाग, छात्रावास, लाइब्रेरी और खेल के मैदान सब कुछ प्रेरित करने लगे। सागर के अजीज मित्र अजय कुमार जो आज बीएचयू के इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में डिप्टी रजिस्टार हैं, उन्होंने ही सागर को जेएनयू जाने के लिए प्रेरित किया, फॉर्म भरवाया और एडमिशन तक का खर्च उठाया। वह एम ए बीएचयू में पूरा नहीं कर सके, लेकिन यहां पर एक साल की पढ़ाई में उन्हें अपनी जिंदगी का लक्ष्य स्पष्ट हो चुका था और जेएनयू में जाते ही उन्हें फिल्मों में गीत लिखने का काम मिलने लगा।

फिल्म सिटी बनने से निकलेंगे प्रतिभावान स्टार

डा. सागर के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नोएडा में फिल्म सिटी बनाये जाने से पूर्वांचल और बनारस के प्रतिभावान स्थानीय कलाकारों को अपनी पहचान, रोजगार और मान-सम्मान सब कुछ मिलेगा। सरकार का यह फैसला घर-घर से फिल्म स्टार पैदा करेगा और उत्तर प्रदेश को फिल्म का दूसरा बड़ा हब बनाएगा।


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