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बीएचयू में जूनियर रेजिडेंटों की हड़ताल जारी, सामान्य मरीजों की भर्ती और ओटी स्थगित

सुप्रीप कोर्ट में नीट-पीजी काउंसिलिंग के लिए देरी से होने वाली सुनवाई के खिलाफ चिकित्सा विज्ञान संस्थान बीएचयू के जूनियर रेजिडेंटों (जेआर) ने बुधवार को भी लगातार दूसरे दिन इमरजेंसी सेवाएं बाधित रही। इसके कारण सामान्य मरीजों की भर्ती व ओटी स्थगित हो गई है

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 08 Dec 2021 12:40 PM (IST)Updated: Wed, 08 Dec 2021 12:40 PM (IST)
बीएचयू में जूनियर रेजिडेंटों की हड़ताल जारी, सामान्य मरीजों की भर्ती और ओटी स्थगित
सर सुंदरलाल चिकित्सालय में चिकित्सकों के हड़ताल के कारण परेशान मरीज व तीमारदार।

जागरण संवाददाता, वाराणसी : सुप्रीप कोर्ट में नीट-पीजी काउंसिलिंग के लिए देरी से होने वाली सुनवाई के खिलाफ चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू के जूनियर रेजिडेंटों (जेआर) ने बुधवार को भी लगातार दूसरे दिन इमरजेंसी सेवाएं बाधित रही। इसके कारण सामान्य मरीजों की भर्ती व ओटी स्थगित हो गई है। इसके कारण यहां आने वाले सैकड़ों मरीजों को वापस लौटना पड़ रहा है। इमरजेंसी वार्ड में उन्हीं मरीजों को लिया जा रहा है जो गंभीर हैं। वहीं ओपीडी में सीनियर डाक्टर व सीनियर रेजिडेंट मोर्चा संभाले हुए हैं।

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अपनी मांगों को लेकर जेआर ने बुधवार की दोपहर में बैठक कर आगे की रणनीति तैयार की। वहीं प्रशासन का दावा है कि स्थिति नियंत्रण में है। वहीं प्रशासन ने हड़ताली डाक्टरों के लिए महामारी एक्ट का ध्यान करते हुए एडवाजरी जारी कर दी है। साथ ही आगे की विधिक कार्रवाई के लिए विश्वविद्यालय को पत्र लिखा जा चुका। इसके अलावा संस्थान की ओर से इंटर्न की अस्थायी नियुक्ति के लिए भी विज्ञापन जारी कर दिया गया है।

जेआर ने बताया कि सामान्य दिनों में इमरजेंसी वार्ड में प्रतिदिन करीब 400 मरीज आते हैं। हड़ताल के कारण यह संख्या आधे से भी कम हो गई है। वहीं इमरजेंसी वार्ड से रोजना करीब 50 मरीजों को वार्ड में शिफ्ट कर भर्ती की जाती है। साथ ही इमरजेंसी भी में उन्हीं मरीजों को भर्ती किया जा रहा है जो बहुत गंभीर हैं, बाकी को कबीरचौरा मंडली व दीनदयाल अस्पताल में जाने की सलाह दी जा रही है। जेआर ने कहा कि नए बैच के जेआर की नियुक्ति हर साल मई में हो जाती है। हालांकि इस साल कोरोना के कारण सारी प्रक्रिया देरी से हुई। जेआर का आरोप है कि सुप्रीमकोर्ट के विलंबित निर्णय की वजह से अभी तक जेआर की नियुक्ति नहीं हो पाई है। जेआर प्रथम वर्ष की नियुक्ति नहीं हो पाने के कारण उनपर अतिरिक्त भार पड़ गया है और चिकित्सा शिक्षा भी प्रभावित हो रही है। वहीं सुप्रीम कोर्ट में इसकी सुनवाई की तिथि छह जनवरी की गई। इस देरी के खिलाफ करीब दो सप्ताह से जेआर पूरे देश में फोर्डा (फेडरेशन आफ रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया) के आह्वान पर हड़ताल कर रहे हैं। इसी के तहत बीएचयू में भी जेअर इमरजेंसी सेवा बाधित की है। वहीं एनएसयूआई बीएचयू इकाई जूनियर डाक्टरों के हड़ताल को अवैध करार दी है। इनके खिलाफ पुतला भी दहन किए थे। चेताया था कि यदि अविलंब या धरना खत्म नहीं हुआ तो वे इसके खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।

सर सुंदरलाल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. केके गुप्ता ने बताया कि जेआर के हड़ताल से चिकित्सीय कार्य प्रभावित हो रहा है। हालांकि फैकल्टी व एसआर अपना कार्य कर रहे हैं। बताया कि इमरजेंसी में हो भी मरीज आ रहे हैं उनका उपचार किया जा रहा है। वहीं ट्रामा सेंटर के आचार्य प्रभारी प्रो. सौरभ सिंह ने बताया कि जेआर के प्रति हमारी पूरी सहानुभूति हैं। इसलिए उन्हें शांति प्रिय तरीके से चिकत्सीय कार्य करते हुए अपनी मांग को रखने के लिए कहा गया है।

30 इंटर्न की होगी अस्थायी नियुक्त

आइएमएस की ओर से मंगलवार को अस्थायी तौर पर इंटर्न की नियुक्ति के लिए एक विज्ञापन जारी किया गया। इसके तहत 30 इंटर्न की नियुक्ति होनी है, जिसके लिए 15 दिसंबर को साक्षात्कार किया जाएगा। इसके लिए एमबीबीएस पास इंटर्नशिप पूरा कर चुके अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं।

हड़ताल से काम पर लौटने के लिए बार-बार जेआर से अपील की जा रही है

हड़ताल से काम पर लौटने के लिए बार-बार जेआर से अपील की जा रही है। इसके लिए उन्हें एक एडवाइजरी भी जारी की गई है। साथ ही विश्वविद्यालय से विविध सलाह के लिए पत्र भी लिख दिया गया है। ताकि आगे का कदम उठाया जा सके।

- प्रो. बीआर मित्तल, निदेशक, चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू


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