बीएचयू में जूनियर रेजिडेंट की हड़ताल स्थगित, कल सुबह 8 बजे से काम पर लौटेंगे
नीट-पीजी काउंसिलिंग के लिए सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई में देरी होने के विरोध में चिकित्सा विज्ञान संस्थान बीएचयू के जूनियर रेजिडेंटों (जेआर) ने लगातार तीसरे दिन गुरुवार को भी इमरजेंसी सेवाएं बाधित की। इस बीच दोपहर को हडताल स्थगित हो गई है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। अपनी मांगों को लेकर करीब 2 सप्ताह से हड़ताल कर रहे चिकित्सा विज्ञान संस्थान बीएचयू के जूनियर रेजिडेंट 10 दिसंबर को सुबह 8:00 बजे से काम पर लौटने वाले हैं। उनके काम पर लौटने से मरीजों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी। साथ ही अस्पताल प्रशासन को भी इलाज को लेकर हो रही परेशानी दूर हो जाएगी।
नीट पीजी की काउंसलिंग का सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। इसकी अगली सुनवाई 6 जनवरी को होनी है सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के देरी के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर सभी संस्थानों में जूनियर रेजिडेंट हड़ताल पर चल रहे हैं। बीएचयू के रिजल्ट करीब 3 दिन से इमरजेंसी सेवाओं को बाधित कर दिए हैं। इसके कारण मरीजों को भारी परेशानी हो रही थी। गुरुवार को हड़ताल जारी है। हालांकि गुरुवार की दोपहर जूनियर रेजिडेंट शुक्रवार सुबह 8:00 बजे से हड़ताल स्थगित करने का फैसला लिया है। चेताया है कि अगर 1 सप्ताह में उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो वह फिर से हड़ताल पर जा सकते हैं।
हडताल के कारण दूर-दराज से आने वाले मरीजों को वापस लौटना पड़ रहा है। हालांकि सीनियर डाक्टरों, सीनियर रेजिडेंट मोर्च पर डटे हुए हैं। इसके कारण ओपीडी सेवा सामान्य रूप से चल रही है। वहीं इमरजेंसी में आने वाले सभी गंभीर मरीजों को भर्ती भी किया जा रहा है। वहीं जेआर ने अपनी मांगों में कुछ आैर जोड़ किया है।
इस हड़ताल से निजी अस्पतालों की भी खूब चांदी कट रही है। जो सामर्थवान हैं वे तो अपना उपचार प्राइवेट अस्पतालों में कर ले रहे हैं, लेकिन गरीब मरीजों को सबसे अधिक परेशानी झेलनी पड़ रही है। अपनी मांगों को लेकर जेआर ने बुधवार की दोपहर व शाम में बैठक कर आगे की रणनीति तैयार की। काउंसिलिंग के साथ ही कुई नई मांगें जोड़ी है। अपना मांग पर जेआर गुरुवार को संस्थान के निदेशक को सौपेंगे। वहीं संस्थान की ओर से हड़ताली डाक्टरों के लिए महामारी एक्ट का ध्यान करते हुए एडवाजरी जारी कर दी गई है। साथ ही आगे की विधिक कार्रवाई के लिए विश्वविद्यालय को पत्र लिखा जा चुका। ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके। जेआर का कहना है कि नए बैच के जेआर की नियुक्ति हर साल मई में हो जाती है, लेकिन सुप्रीमकोर्ट के विलंबित निर्णय की वजह से अभी तक नियुक्ति नहीं हो पाई है। जेआर प्रथम वर्ष की नियुक्ति नहीं हो पाने के कारण उनपर अतिरिक्त भार पड़ गया है और चिकित्सा शिक्षा भी प्रभावित हो रही है। सर सुंदरलाल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. केके गुप्ता ने बताया कि जो गंभीर मरीज नहीं है उन्हें कबीरचौरा मंडली व दीनदयाल अस्पताल में जाने की सलाह दी जा रही है। ट्रामा सेंटर के आचार्य प्रभारी प्रो. सौरभ सिंह ने ट्रामा सेंटर में इमरजेंसी सेवा सुचारू चल रही है। साथ ही यहां पर ओपीडी व ओटी भी संचालित की जा रही है। अभी भी जेआर से अपील की जा रही है कि वे काम पर लौट आएं।
बुधवार को बीएचयू अस्पताल की स्थिति
सेवा एसएस अस्पताल ट्रामा सेंटर
ओपीडी 3348
भर्ती 70
डिस्चार्ज 84
इमरजेंसी 36
कुल आपरेशन 65
जांच रेडियोलाजी 215
सीसीआइ लैब 4835
ब्लड शुगर 80