बीएचयू में जेआर की हड़ताल जारी, शुक्रवार से इमरजेंसी में कार्य बहिष्कार की भी चेतावनी
आइएमएस के जेआर अपनी मांगों को लेकर शनिवार से हड़ताल पर चल रहे हैं। इस बीच संस्थान के निदेशक प्रो. बीआर मित्तल दो बार जेआर से हड़ताल से लौटकर कार्य करने की अपील की लेकिन उनपर कोई असर नहीं पड़ा।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। नीट-पीजी 2021 की काउंसिलिंग के लिए सुप्रीमकोर्ट में देरी के खिलाफ चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू के जूनियर रेजिडेंट (जेआर) ने गुरुवार को लगातार छठवें दिन भी हड़ताल जारी रखा। इस दौरान जेआर ने ओपीडी सेवा बाधित करने के साथ ही संस्थान, सर सुंदरलाल अस्पताल में प्रदर्शन भी किया। हड़ताल की आगामी रणनीति के लिए शाम को एक बैठक भी किया। इसमें तय किया कि अगर कोई निर्णय नहीं हुआ तो शुक्रवार की शाम से इमरजेंसी में भी जेआर कार्य करना बंद कर देंगे।
मालूम हो कि आइएमएस के जेआर अपनी मांगों को लेकर शनिवार से हड़ताल पर चल रहे हैं। इस बीच संस्थान के निदेशक प्रो. बीआर मित्तल दो बार जेआर से हड़ताल से लौटकर कार्य करने की अपील की, लेकिन उनपर कोई असर नहीं पड़ा। जूनियर रेजिडेंटों का कहना है कि शुक्रवार की दोपहर में यह तय करेंगे कि हड़ताल आगे बढ़ेगी और या फिर इसे और उग्र किया जाएगा। उनका कहना है कि जूनियर रेजिडेंट के नए बैच की नियुक्ति हर साल मई में हो जाती है। हालांकि, इस साल कोरोना के कारण सारी प्रक्रिया देरी से हुई। आरोप लगाया कि सुप्रीमकोर्ट के विलंबित निर्णय की वजह से अभी तक जेआर की नियुक्ति नहीं हो पाई है। जेआर प्रथम वर्ष की नियुक्ति नहीं हो पाने के कारण उनपर अतिरिक्त भार पड़ गया है और चिकित्सा शिक्षा भी प्रभावित हो रही है। जेआर ने अपने आंदोलन में सुप्रीमकोर्ट के खिलाफ भी नारेबाजी की।
चिकित्सा विज्ञान संस्थान, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के निदेशक एवं मेडिसीन संकाय के प्रमुख ने रेजिडेंट डाक्टरों से अपील की है कि वे मरीजों के हित में सेवाएं बाधित न करें एवं शीघ्रातिशीघ्र जरूरतमंदों की सेवा में पुनः काम पर लौटें। निदेशक कार्यालय द्वारा जारी अपील में निदेशक एवं संकाय प्रमुख ने कहा है कि सर सुंदरलाल चिकित्सालय एवं ट्रामा सेंटर देश की एक बड़ी आबादी की चिकित्सा आवश्यकताओं को पूरा करता है, जिसमें रेजिडेंट्स की सेवाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसे में रेजीडेन्ट डॉक्टरों का चिकित्सालय की सेवाओं से अलग रहना मरीजों को समय पर चिकित्सा मिलने के उनके अधिकार से वंचित करता है।