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खुशियों से भरा है आइएएस अरविंद कुमार शर्मा का संयुक्त परिवार, मऊ के पैतृक गांव काझाखुर्द में निवासी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद निवर्तमान आइएएस अरविंद कुमार शर्मा के मऊ में पैतृक गांव काझाखुर्द में उनके सभी भाई माता-पिता के निधन के बाद भी संयुक्त परिवार के संस्कार में बंधे हैं। गांव पर जब भी अरविंद होते हैं तो तीनों भाइयों का परिवार न सिर्फ मिलकर खिलखिलाता है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 06:10 AM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 09:36 AM (IST)
खुशियों से भरा है आइएएस अरविंद कुमार शर्मा का संयुक्त परिवार, मऊ के पैतृक गांव काझाखुर्द में निवासी
मऊ के काझाखुर्द गांव स्थित आइएएस एके शर्मा के घर के बाहर बैठे ग्रामीण।

मऊ, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद निवर्तमान आइएएस अरविंद कुमार शर्मा के पैतृक गांव काझाखुर्द में उनके सभी भाई, माता-पिता के निधन के बाद भी संयुक्त परिवार के संस्कार में बंधे हैं। गांव पर जब भी अरविंद होते हैं तो तीनों भाइयों का परिवार न सिर्फ मिलकर खिलखिलाता है, बल्कि एक ही रसोई में भोजन का भी लुत्फ उठाता है। भाइयों के बच्चों के साथ होने पर अरविंद कुमार उनसे घुल-मिल कर बातें करते हैं।

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स्व.शिवमूर्ति राय व माता स्व.शांति देवी के पुत्रों में अरविंद सबसे बड़े हैं। उनकी पत्नी किरन शर्मा गृहिणी तथा बेटे अभिनव शर्मा लावा कंपनी में मैनेजर हैं। बेटी चित्रा और दामाद श्वेताभ बंगलुरु में निजी क्षेत्र की कंपनी में नौकरी करते हैं। अरविंद के छोटे भाई अनिल कुमार शर्मा नोएडा विकास प्राधिकरण में तैनात हैं। इनकी पत्नी अर्चना शर्मा व्यवसायी हैं। उनका 21 वर्ष का एक बेटा पढ़ाई कर रहा है। सबसे छोटे भाई अरुण कुमार शर्मा लखनऊ रिलायंस कंपनी में मैनेजर हैं। इनकी पत्नी चेतना शर्मा लोहाटिकर प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक हैं। बेटी अदिति वाराणसी स्थित सेंट्रल हिंदू गल्र्स स्कूल में नौवीं कक्षा की छात्रा है, जबकि बेटा युवराज शर्मा अभी छोटा है। अरविंद की चार सगी बहनें ऊषा, प्रेमबालिका, मीना तथा रीना विवाहित हैं। रीना को छोड़कर सभी बहनें शिक्षिका हैं।

स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद गुरुवार को आइएएस एके शर्मा के लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने की सूचना जैसे ही उनके पैतृक गांव काझाखुर्द में मिली, उनके घर के सामने शुभचिंतकों का तांता लग गया। श्रीशर्मा के साथ बचपन बिताने वालों की खुशी की ठिकाना नहीं रहा। घंटों लोग उनके पैतृक घर के सामने बैठे और एक-दूसरे को मिठाइयां खिलाते रहे। भाजपा में श्रीशर्मा के शामिल होते ही उन्हें शीघ्र प्रदेश में बड़ी जिम्मेदारी मिलने की अटकलों को लेकर क्या पक्ष क्या विपक्ष, आवास पर जुटा हर शख्स जोश और उत्साह मेें मोदी-मोदी के नारे लगाने लगा।

काझाखुर्द गांव में पलिगढ़ रेलवे हाल्ट के पास बने एक तल के उनके मकान के सामने स्थित अहाते में सुबह 10 बजे से शुभचिंतकों के आने का सिलसिला शुरू हुआ जो देर शाम तक बना रहा। परिजनों से मिलकर बधाई देने आने वाले हर व्यक्ति के चेहरे पर दिव्य मुस्कान थी। गांव का बच्चा-बच्चा इस बात से भली-भांति परिचित है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीशर्मा को बहुत प्रिय मानते हैं। आइएएस एके शर्मा की सादगी, ईमानदारी, निश्छलता, व्यक्तित्व की सहजता और प्रतिभा पर पूरा गांव गौरवान्वित था। बधाई देने आने वाले जितने लोग उतनी बातें, उतने ही संस्मरण। सभी उनके साथ बिताए पल एक-दूसरे से साझा कर रहे थे। उधर, घर के भीतर भविष्य की सियासी गतिविधियों से अनजान श्रीशर्मा के छोटे भाई अरुण कुमार शर्मा की धर्मपत्नी चेतना राय शुभचिंतकों का अभिवादन स्वीकार कर रही थीं और एक कुशल गृहणी की भांति सबके चाय-पानी के प्रबंध में लगी हुई थीं। शुभचिंतकों को सहेजने में पूरे गांव के लोग एक-दूसरे की मदद भी कर रहे थे।


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