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JEEE-Advanced 2020 : वाराणसी के 350 मेधावियों को मिली कामयाबी, कई को अच्छी रैंंक

जेईई-2020 एडवांस्ड में वाराणसी के करीब 350 परीक्षार्थियों को कामयाबी मिली है। हालांकि सफल विद्यार्थियों की संख्या घट-बढ़ सकती है। वहीं अर्पित राय ऑल इंडिया स्तर पर 155वीं रैंक हासिल जनपद में अव्वल रहे। जनपद के 19 केंद्रों पर पंजीकृत 2750 अभ्यर्थियों में से परीक्षार्थियों की 99 फीसद उपस्थिति रही।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 05 Oct 2020 09:07 PM (IST)Updated: Mon, 05 Oct 2020 09:45 PM (IST)
JEEE-Advanced 2020 : वाराणसी के 350 मेधावियों को मिली कामयाबी, कई को अच्छी रैंंक
वाराणसी के 19 केंद्रों पर पंजीकृत 2750 अभ्यर्थियों में से परीक्षार्थियों की 99 फीसद उपस्थिति रही।

वाराणसी, जेएनएन। ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (जेईई-2020) एडवांस्ड में जनपद के करीब 350 परीक्षार्थियों को कामयाबी मिली है। हालांकि सफल विद्यार्थियों की संख्या घट-बढ़ सकती है। वहीं अर्पित राय ऑल इंडिया स्तर पर 155वीं  रैंक हासिल जनपद में अव्वल रहे। जबकि डीरेका निवासी आकाश सिन्हा ने ऑल इंडिया स्तर पर 420वीं रैंक व  सार्थक को 428 वीं रैंक मिली है।

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एडवांस्ड परीक्षा 27 सितंबर को हुई थी। जनपद के 19 केंद्रों पर पंजीकृत 2750 अभ्यर्थियों में से परीक्षार्थियों की 99 फीसद उपस्थिति रही। वही परीक्षा के आठ दिनों के भीतर सोमवार को सुबह 11 बजे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (दिल्ली) ने परिणाम घोषित कर दिया गया है। एडवांस्ड में सफल परीक्षार्थियों का देश के टॉप 100 संस्थानों में आइआइटी, एनआइटी, आइआइआइटी व जीएफटीआइ संस्थानों में दाखिले का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

ग्रामीण परिवेश में पढ़-लिख कर अर्पित ने भरी उड़ान

ग्रामीण परिवेश में बढ़े- पढ़े अर्पित राय को जेईई एडवांस्ड में 155 वीं रैंक पाकर काफी खुशी हो रही थी। उनकी उम्मीदों को जैसे पंख लग गए हों। उनका कहना है कि यदि लक्ष्य निर्धारित हो और उसके साथ-साथ निरन्तर मेहनत भी हो तो मंजिल मिलनी तय है। मूलत: आजमगढ़ जिले के रहने वाले अर्पित के पिता पेशे से चिकित्सक हैं। माता गृहिणी हैं। वे अपनी सफलता का श्रेय माता- पिता को मानते हैं। गुरुओं से मिला ज्ञान व आशीर्वाद उन्हें सफलता की मंजिल तक ले आया है। उनका उद्देश्य कम्प्यूटर इंजीनियर बनना है। उन्होंने बताया कि उनका मन कम्प्यूटर में पहले से ही लगता है।। वे प्रोग्रामिंग इंजीनियर बनना पसन्द करेंगे। उन्होंने बताया कि कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग में नई तकनीक विकसित करने का भरपूर मौका है। वे इस मौके को अपनी पढ़ाई से प्राप्त करना चाहेंगे।उन्हें कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग को ठीक से पढऩा और सीखना है। इसके बाद कुछ न कुछ नया जरूर करेंगे। उनका कहना है कि कम्प्यूटर का प्रयोग हर जगह  होता है। आगामी समय के अनुसार कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग में नए परिवर्तन करेंगे।

कंप्यूटर इंजीनियर बनने की तमन्ना : आकाश

जनपद में दूसरे स्थान पर आने वाले आकाश सिन्हा की इच्छा कंप्यूटर इंजीनियर बनने की है। जबकि पिता अमरेंद्र कुमार सिन्हा फैजाबाद जिला अस्पताल में वरिष्ठ चिकित्सक हैं। मां रंजना रंजन कण गृहणी हैं। आकाश की बड़ी बहन भी एमबीबीएस कर रही है। वहीं आकाश का रूझान शुरू से ही कंप्यूटर क्षेत्र में रहा है। वर्ष 2018 में आकाश ने सेंट जॉन्स स्कूल (मड़ौली) से हाईस्कूल व वर्ष 2020 में सनबीम स्कूल (लहरतारा) से इंटर किया। हाईस्कूल में 97.17 व इंटर में 97.2 फीसद अंक मिले थे। वहीं इंजीनियरिंग की तैयारी ओरिजेन्स कोचिंग से की थी। आकाश ने बताया कि प्रतिदिन आठ से दस घंटे घर पर पढ़ाई करता था। हालांकि देररात तक पढऩे के कारण दोपहर में उठता था। वहीं मोबाइल व इंटरनेट का उपयोग पढ़ाई के लिए किया। टीवी भी बहुत कम देखता था। उन्होंने बताया कि सफलता हासिल करने के लिए भोर या टाइम टेबल बनाकर पढऩा जरूरी नहीं। अपनी इच्छानुसार बगैर किसी दबाव में ईमानदारी से पढ़ाई किया जाय तो लक्ष्य हासिल होना तय है।


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