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वाराणसी के नदेसर मस्जिद के पास मुख्य सड़क पर पेयजल पाइपलाइन की लीकेज दुरुस्त नहीं कर पाया जल निगम

वाराणसी के नदेसर मस्जिद के पास मुख्य सड़क पर जल निगम सोमवार को भी पेयजल पाइपलाइन की लीकेज दुरुस्त नहीं कर पाया। इसके चलते अंधरापुल चौकाघाट नदेसर छावनी व मिंट हाउस क्षेत्र दोपहर तक जाम में जकड़ा रहा। झुलसती धूप में फंसे लोग तड़फड़ाते रहे तो बारिश में भीगे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 13 Sep 2021 09:54 PM (IST)Updated: Mon, 13 Sep 2021 09:54 PM (IST)
वाराणसी के नदेसर मस्जिद के पास मुख्य सड़क पर पेयजल पाइपलाइन की लीकेज दुरुस्त नहीं कर पाया जल निगम
जल निगम सोमवार को भी पेयजल पाइपलाइन की लीकेज दुरुस्त नहीं कर पाया।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। नदेसर मस्जिद के पास मुख्य सड़क पर जल निगम सोमवार को भी पेयजल पाइपलाइन की लीकेज दुरुस्त नहीं कर पाया। इसके चलते अंधरापुल, चौकाघाट, नदेसर, छावनी व मिंट हाउस क्षेत्र दोपहर तक जाम में जकड़ा रहा। झुलसती धूप में फंसे लोग तड़फड़ाते रहे तो बारिश में भीगे। यातायातकर्मी जरूर लगे थे, लेकिन नदेसर तालाब के किनारे बीते एक सप्ताह से भारी मात्रा में सड़क निर्माण के लिए फेंकी गिट्टी कोढ़ में खाज का काम कर रही थी।

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दरअसल, जलनिगम ने यातायात विभाग से शनिवार सुबह 11 से सोमवार सुबह पांच बजे तक काम करने की अनुमति मांगी थी। निगम ने शनिवार सुबह की बजाय देर रात काम शुरू किया। इसके चलते अगले दिन रविवार को काशीवासियों को जो दुश्वारी झेलनी पड़ी वो तो लोगों ने झेला ही सोमवार की सुबह काम खत्म न होने के चलते दोपहर तक लोगों को झेलना पड़ा। आटो या ई-रिक्शा में बैठे बुजुर्ग गमछा झलते नजर आए तो वहीं माताएं साड़ी या दुपट्टे के पल्लू से बच्चों की तकलीफ दूर करती नजर आईं। जाम में फंसे लोग गर्मी से परेशान रहे। नदेसर तलाब के पास गिट्टी से आधी सड़क फंसी होने के चलते ट्रैफिक व्यवस्था की सारी कवायद धरी रह गई। हालांकि दोपहर बाद मस्जिद के पास जब गड्ढा पाट दिया गया तो उधर की सड़क पर भी वाहन छोड़े गए और लोगों को राहत मिली। यातायात विभाग के मुताबिक मंगलवार सुबह तक गड्ढा पूरी तरह पाट कर सड़क दुरुस्त कर दी जाएगी, जिसके बाद लोगों की समस्या दूर होगी।

 

यातायात विभाग ने बनाए गए थे चार प्वाइंट

जाम से निजात को अंधरापुल से जागरण चौराहा से नदेसर तालाब व नदेसर पुलिस चौकी हाेते हुए छावनी से वाहनों को निकाला जा रहा था। वहीं मिंट हाउस से चौकाघाट की तरह वाहन भेजे जा रहे थे। सरकारी बसों को भोजूबीर से अर्दली बाजार, चौकाघाट होते हुए निकाला जा रहा था। इसके लिए भोजूबीर पर दो हेड कांस्टेबल, एक कांस्टेबल व दो होमगार्ड लगाए गए थे। वहीं मस्जिद के सामने फैंटम दस्त के दो जवान सहित कैंट सर्किल के ट्रैफिक इंस्पेक्टर चार हमराहियों के साथ मुस्तैद थे। जागरण चौराहे पर एक टीएसआई, एक कांस्टेबल व एक होमगार्ड लगाए गए थे, जबकि एयरफोर्स चौराहे के पास एक कांस्टेबल व एक होमगार्ड विपरीत दिशा से आ रहे वाहनों को रोक रहे थे।

सिगरा से नदेसर तक पहुंचने में आधा घंटा से अधिक का समय लग गया। रास्ता रोकना ही था, तो पहले वैकल्पिक मार्ग को ही दुरुस्त कर लिया होता।

- प्रशांत श्रीवास्तव, सिगरा

जाम में वाहनों के हार्न सुन-सुनकर सिर दर्द करने लगा। ट्रैफिक वालों का हिसाब-किताब कुछ समय ही नहीं आया। आखिर ये लोग कर क्या रहे हैं।

- प्रशांत, सुसुवाही।

इस तरह के डायवजर्न की सूचना पहले से ही आमजन को देनी चाहिए। डायवर्जन करते समय वैकल्पिक रास्ता ठीक है या नहीं आखिर इसे देखने की जिम्मेदारी किसकी है।

- जुनैद खान, नदेसर।

कड़ी धूप में वाहनों के बीच खड़े-खड़े शरीर झुलस सा गया है। काम कोई भी कराना हो कराएं, लेकिन सड़क पर यातायात सुगम हो इसका भी तो ख्याल महकमे को रखना ही चाहिए।

- पीयूष, सुसुवाही।


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