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Jagran Forum 2021 पांचवां सत्र : श्रीकाशी विश्वनाथ धाम देगा पर्यटन को रफ्तार, परिसर में दिखेगा कला व संस्कृति का संगम

देश-दुनिया के सनातन धर्मावलंबियों की श्रद्धा से जुड़ा श्रीकाशी विश्वनाथ धाम इस साल आकार ले लेगा। श्रद्धा का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि निर्माण की प्रक्रिया को देखने-समझने को एक साल में डेढ़ गुना अधिक भक्तों की जुटान हुई।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 15 Mar 2021 07:52 PM (IST)Updated: Mon, 15 Mar 2021 07:59 PM (IST)
Jagran Forum 2021 पांचवां सत्र : श्रीकाशी विश्वनाथ धाम देगा पर्यटन को रफ्तार, परिसर में दिखेगा कला व संस्कृति का संगम
जागरण फोरम के पांचवें सत्र में श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर-संकल्पना, निर्माण व परिणाम का आयुक्त दीपक अग्रवाल ने पावर प्रजेंटेशन दिया।

वाराणसी [विकास ओझा]। देश-दुनिया के सनातन धर्मावलंबियों की श्रद्धा से जुड़ा श्रीकाशी विश्वनाथ धाम इस साल आकार ले लेगा। श्रद्धा का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि निर्माण की प्रक्रिया को देखने-समझने को एक साल में डेढ़ गुना अधिक भक्तों की जुटान हुई। निर्माण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद कई गुना बढ़ोत्तरी होनी तय है। पर्यटन की दृष्टि से एक बहुत बड़ा बदलाव दिखेगा। इसी को ध्यान में रखकर भक्तों की सुविधा से जुड़ी सभी चीजों को इस कॉरिडोर में शामिल किया गया है।

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जागरण फोरम के पांचवें सत्र में श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर-संकल्पना, निर्माण व परिणाम का आयुक्त दीपक अग्रवाल ने पावर प्रजेंटेशन दिया। इस दौरान बताया कि अब बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने के लिए श्रद्धालु सीधे जल मार्ग से मंदिर पहुंच सकेंगे। गंगा जल का आचमन कर गर्भगृह में मत्था टेक सकेंगे। इसकी भव्यता का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं। गंगा से सीधे चढऩे के दौरान बुजुर्गों के बैठने की व्यवस्था होगी। दिव्यांगजन को मंदिर परिसर तक पहुंचने को एक्सीलेटर की सुविधा मुहैया होगी। कॉरिडोर में बनारस की कला-संस्कृतिक विरासत को समाहित करने के लिहाज से बनारस गैलरी, सिटी म्यूजियम के साथ ही वैदिक केंद्र व आध्यात्मिक वाचनालय होगा। इसमें 24 बेड का मुमुक्षु भवन भी खास होगा। जलासेन घाट पर सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए ओपन थिएटर, मल्टीपरपज हाल, विश्रामालय, पुलिस व प्रशासनिक भवन आदि होंगे। इसके अलावा देश के जीआई प्रोडक्ट के लिए व्यवसायिक केंद्र भी होगा। इसके अलावा तीन अन्य द्वार भी तकनीकी सुविधाओं से लैस होंगे। यात्री सुविधा केंद्र, भक्तों को बेहतरीन लॉकर की सुविधा दी जाएगी।

कमिश्नर ने इससे पूर्व धाम के निर्माण आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कहा कि धाम के निर्माण की सोच को आकार देना शुरू में बहुत मुश्किल लग रहा था। क्षेत्र में 400 मकानों को हटाना आदि बड़ी बाधा थी। सब कुछ बाबा की कृपा से होता गया। प्रधानमंत्री की सोच को आकार मिलता गया। स्वेच्छा से बहुतों ने आगे आकर मकान दिया। सभी को तत्काल मुआवजा दिया गया। मकानों को तोडऩे का कार्य शुरू हुआ तो 63 मंदिर मिले। सर्वे के बाद धाम में इन्हें स्थान दिया गया। 


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