वाराणसी के रामनगर एसटीपी में लगेगा इटली का डेस्क फिल्टर, गंगा प्रदूषण नियंत्रण खंड पूरा करेगा लक्ष्य
गंगा निर्मलीकरण के तहत रामनगर में 10 एमएलडी का एसटीपी बनाया जा रहा है। प्लांट में इटली से मंगाया गया डेस्क फिल्टर लगाया जा रहा है जो मलजल को इस स्तर पर शोधित कर देगा कि वह शुद्ध जल हो जाएगा। इस डेस्क फिल्टर की कीमत 80 लाख रुपये है।
वाराणसी [संजय यादव] । गंगा निर्मलीकरण के तहत रामनगर में 10 एमएलडी का एसटीपी बनाया जा रहा है। इस प्लांट में इटली से मंगाया गया डेस्क फिल्टर लगाया जा रहा है जो मलजल को इस स्तर पर शोधित कर देगा कि वह शुद्ध जल हो जाएगा। इस डेस्क फिल्टर की कीमत 80 लाख रुपये है।
एसटीपी का निर्माण गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई की ओर से किया जा रहा है। डेस्क फिल्टर से पानी शुद्ध होने के बाद गंगा नदी में जाएगा। एसटीपी निर्माण के लिए जम्मू, हैदराबाद, कोलकाता, नागपुर व इंदौर से भी पाइप समेत अन्य उपकरण मंगाया जा रहा है। एसटीपी का कार्य बीते सितंबर तक पूरा करना था लेकिन बाढ़ और कोरोना के कारण समय सीमा बढ़ा कर मार्च 2021 कर दिया गया है। अभी नगर के सीवर का गंदा पानी सीधे गंगा नदी में गिरता है। इस कारण गंगा जल अशुद्ध हो रहा है। प्रदेश की भाजपा सरकार ने गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए कवायद शुरू की। नमामि गंगे योजना के तहत सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की योजना बनाई गई। इसके लिए श्मशान घाट के समीप गंगा प्रदूषण नियंत्रण खंड ने पालिका प्रशासन के नाम आठ करोड़ में 80 बिस्वा जमीन किसानों से खरीदी गई। गंगा तट के किनारे 72 करोड़ की लागत से योजना शुरू की गई। इसके तहत गंगा में गिरने वाले 4 नालों को 400 मीटर तक ट्रैपकर एसटीपी से मिलाने को पाइप लाइन बिछाई जा रही है। इसके पूरा हो जाने से नगर के चार नालों से गंगा नदी में गिरने वाले दूषित जल पर रोक लगेगी। प्लांट अब मूर्तरूप लेने लगा है।
75 फीसद काम पूरा हो चुका है
75 फीसद काम पूरा हो चुका है। जनवरी के दूसरे सप्ताह तक काम पूरा हो जाएगा। बाहर से अत्याधुनिक मशीनें मंगाई जा रही हैं। ट्रीटमेंट प्लांट के बन जाने से सीवर का गंदा पानी गंगा नदी में नहीं जाएगा।
-एसके बर्मन, प्रोजेक्ट मैनेजर, गंगा प्रदूषण नियंत्रण खंड वाराणसी।