भृगु धरती की आध्यात्मिकता से विभोर हुए फ्रांसेस्को गैली, गंगा किनारे के शहरों की कर रहे पदयात्रा
बागी धरती की आध्यात्मिक ऐतिहासिक व सांस्कृतिक पहचान सदियों से आकर्षण का केन्द्र रही है।
बलिया, जेएनएन। बागी धरती की आध्यात्मिक, ऐतिहासिक व सांस्कृतिक पहचान सदियों से आकर्षण का केन्द्र रही है। गंगा, घघरा व तमसा से घिरे इस परिक्षेत्र के दामन में सिमटे विविध साक्ष्य व धरोहरों से परिचित होने की उत्कंठा लोगों को यहां का सफर करने को विवश करती रही है। इन्हीं में एक है इटली निवासी फ्रांसेस्को गैली। देश व प्रदेश की बहुधर्मी संस्कृति को जानने निकले 71 वर्षीय गैली शुक्रवार की देर शाम जनपद पहुंचे।
पैदल यात्रा कर बहुआयामी सभ्यता व संस्कृति का दीदार करने के इच्छुक गैली ने नगर के भृगु मंदिर, बालेश्वरनाथ, ददरी मेला व गंगा की दर्शन किया। शहर के एक होटल में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि इसके पूर्व वे स्पेन, जापान व साउथ कोरिया की पदयात्रा कर चुके हैं। इस बार उनका उद्देश्य गंगा के किनारे बसे शहरों का भ्रमण कर उसकी जानकारी प्राप्त करना है। बताया कि लगभग चार हफ्ते पूर्व सात नवंबर को भागलपुर से यात्रा का शुभारंभ किया था।
इसके बाद बिहार के सुल्तानगंज, मुंगेर, बरियारपुर, सबदलपुर, बेगूसराय, मोकामा व बख्तियारपुर होते हुए 20 नवंबर को पटना पहुंचे थे। इसके बाद छपरा के रास्ते 29 तारीख को जनपद पहुंचे पदयात्री ने यहां की ऐतिहासिक व धार्मिकता को बारीक नजरों से पढ़ा। 30 नवम्बर को गाजीपुर प्रस्थान करते हुए बताया कि मेरी यह यात्रा वाराणसी पहुंच कर समापत होगी। इस दौरान रे बैन गेस्ट हाउस में बब्लू चौरसिया, सचिन ङ्क्षसह ने इनका जोरदार स्वागत कर हौसला अफजाई किया।