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बांग्‍लादेश में हिंदुओं की हत्या और मंदिरों को क्षतिग्रस्‍त करने के विरोध में इस्कॉन का वाराणसी में प्रदर्शन

हिंदू नागरिकों पर हो रहे हमलों के खिलाफ इस्कॉन वाराणसी ने शनिवार को शांति मार्च निकाल कर ज्ञापन सौंपा। यह पूरी दुनिया में इस्कॉन के लगभग 850 मंदिरों में एक साथ एक ही समय पर जताया गए विरोध का स्वरूप था।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 23 Oct 2021 03:42 PM (IST)Updated: Sat, 23 Oct 2021 03:42 PM (IST)
बांग्‍लादेश में हिंदुओं की हत्या और मंदिरों को क्षतिग्रस्‍त करने के विरोध में इस्कॉन का वाराणसी में प्रदर्शन
इस्कॉन वाराणसी ने शनिवार को शांति मार्च निकाल कर ज्ञापन सौंपा।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। बांग्लादेश में हिंदू नागरिकों पर हो रहे हमलों के खिलाफ इस्कॉन वाराणसी ने शनिवार को शांति मार्च निकाल कर ज्ञापन सौंपा। यह पूरी दुनिया में इस्कॉन के लगभग 850 मंदिरों में एक साथ एक ही समय पर जताया गए विरोध का स्वरूप था। इस्‍कॉन समर्थकों की ओर से पीएम नरेन्‍द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में उनके संसदीय जनसंपर्क कार्यालय गुरुबाग में मार्च निकालकर ज्ञापन सौंपते हुए बांग्‍लादेश के हिंदुओं के हितों के संरक्षण की मांग की। 

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अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) वाराणसी ने बांग्लादेश में इस्कान और अन्य हिंदू मंदिरों और हिंदू नागरिकों पर हो रहे वीभत्स हमलों के खिलाफ भेलूपुर स्थित इस्कॉन मंदिर से एक शांति मार्च निकाला। शांति मार्च जवाहर नगर कॉलोनी होते हुए पीएम मोदी के संसदीय कार्यालय पहुंचा। वहां प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। शांतिपूर्ण मार्च में इस्कॉन, भारत सेवाश्रम संघ, परमार्थ साधक संघ सहित अनेक हिंदू संगठनों के लोग अपने हाथों में पोस्टर व तख्तियां लिए हुए चल रहे थे जिस पर वी वांट जस्टिस, जस्टिस फॉर बांग्लादेशी हिंदूज, बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्या बंद हो सहित अनेक नारे लिखे हुए थे। यहां संक्षिप्त सभा में इस्कॉन वाराणसी प्रमुख अच्युत मोहनदास, भारतसेवा संघ के स्वामी ब्रह्ममयनंद, परमार्थ साधक संघ के प्रण चैतन्यपुरी ने कहा कि वैदिक संस्कृति ने सदैव से जियो और जीने दो की राह दिखाई है।

हिंदू धर्म सनातन काल से सभी मानव के कल्याण के लिए अग्रसर रहा है। यही कारण है कि सभी धर्मों के लोग भारत भूमि को अपना घर समझते हैं। बांग्लादेश की सरकार इस पर तत्काल अंकुश लगाये । हमारी सहनशीलता को कमजोरी न समझे। वक्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है। इस अवसर पर सत्य संकर्षण, साक्षी मुरारी प्रभु, रसिक गोविंद प्रभु, मुरारी गुप्त दास, निर्मल प्रभु इस्कॉन लखनऊ के उत्तम श्रीवास्तव सहित अनेकों लोग उपस्थित थे।


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