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वाराणसी में औद्योगिक क्षेत्र करखियांव में आवंटित भूखंडों की जांच पूरी, फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापना को बढ़ावा

वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए एडीएम प्रशासन की अध्यक्षता में समिति गठित की थी। समिति में उप जिलाधिकारी पिंडरा उपायुक्त उद्योग क्षेत्रीय प्रबंधक यूपी सीडा सदस्य की भूमिका में होंगे।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Fri, 13 Aug 2021 07:11 PM (IST)Updated: Fri, 13 Aug 2021 07:11 PM (IST)
वाराणसी में औद्योगिक क्षेत्र करखियांव में आवंटित भूखंडों की जांच पूरी, फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापना को बढ़ावा
वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने शिकायत को गंभीरता से लिया है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। औद्योगिक क्षेत्र करखियांव में जमीन आवंटन के बाद उद्यमियों की ओर से कारखाना स्‍थापित नहीं करने के मामले की जांच पूरी कर ली गई है। जांच समिति ने डीएम को रिपोर्ट सौंप दी है।

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इंडस्ट्रीज स्थापना न होने की शिकायत बकायदा उद्यमियों की ओर से की गई थी। साथ ही मांग की थी कि सरकार की ओर से इस समय फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापना को बढ़ावा दिया जा रहा है।

ऐसे में कई यूनिट उक्त स्थल पर स्थापित हो सकते हैं। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए एडीएम प्रशासन की अध्यक्षता में समिति गठित की थी। समिति में उप जिलाधिकारी पिंडरा, उपायुक्त उद्योग, क्षेत्रीय प्रबंधक यूपी सीडा सदस्य की भूमिका में होंगे। 

जिलाधिकारी की ओर से आदेश दिया गया था कि समिति छह अगस्त से दस अगस्त के बीच स्थलीय निरीक्षण कर जमीनी स्थिति की जानकारी प्राप्त करे। औद्योगिक क्षेत्र का कुल क्षेत्रफल, यूपी सीडा के कब्जे में उपलब्ध जमीन, यूपी सीडा का निर्धारित जमीन पर उद्यम स्थापित करने का प्लान, कब्जा नहीं प्राप्त करने की क्या वजह है। यूपी सीडा के पक्ष में भूमि अभिलेखों की स्थिति, विवाद है तो गाटा संख्या समेत स्थिति, यूपी सीडा के प्लान मुताबिक औद्योगिक इकाईयों की संख्या, आवंटित इकाई की संख्या व इसकी सूची, संचालित इकाईयों की संख्या, रिक्त प्लांट की स्थिति, प्लांट नहीं लगे तो इस बाबत क्या कार्रवाई हुई।

तत्काल कोई प्लांट आवंटित किए जा सकते हैं तो उसकी स्थिति आदि की रिपोर्ट समिति देगी। बताया जा रहा है कि औद्योगिक क्षेत्र करखियांव में कुल 250 प्लांट हैं। इसमें से 175 पर यूनिट चल रही हैं। 75 प्लाट पर निरस्तीकरण की कार्रवाई के कारण कुछ लोग रिस्टोर करा लिए हैं। कुछ न्यायालय में चले गए हैं। इस वजह से कई मामले लंबित चल रहे हैं। ऐसे में प्‍लाट को लेकर भी कई बार स्थिति अस्‍पष्‍ट नजर आती है।  


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