वाराणसी में ट्रायल पिट से आरोपों की जांच, 10 इंच की पाइप में 12 इंच की पाइप कैसे चली जाएगी
वाराणसी में पहली बार हुआ है कि बिजली विभाग पर ही पाइप ध्वस्त करने का आरोप लगा है। ऐसे में एक ट्रायल पिट खोदकर जलकल के आरोपों की जांच कराने का निर्णय लिया गया है।
वाराणसी, जेएनएन। आए दिन ऐसा मामला सामने आता है कि बिजली विभाग की लाइन को कभी जलकल विभाग तो कभी अन्य संस्थाओं द्वारा काट दिया गया। इस कारण अक्सर ही संबंधित क्षेत्र की आपूर्ति बाधित हो जाती है। हालांकि, बिजली विभाग आरोप-प्रत्यारोप के चक्कर में न पड़कर आपूर्ति बहाली के लिए फाल्ट दूर करने में जुट जाता है। यह पहली बार हुआ है कि बिजली विभाग पर ही पाइप ध्वस्त करने का आरोप लगा है। जलकल विभाग द्वारा लगाए गए आरोप पर आइपीडीएस के दूसरे चरण का कार्य करा रही टाटा कंपनी ने कहा है कि यह सोचने वाली बात है कि 10 इंच की पाइप में आखिरकार 12 इंच की पाइप कैसे चली जाएगी।
मलदहिया में भी भूमिगत केबल का कार्य अंतिम चरण में
मालूम हो कि दूसरे चरण के तहत शहर के सात रूटों पर कार्य चल रहा है। इसमें से पांच मार्गों पर करीब 90 फीसद कार्य हो चुका है। मलदहिया में भी भूमिगत केबल का कार्य अंतिम चरण में चल रहा है। इसी बीच जलकल विभाग द्वारा आरोप लगाए जाने पर नगरीय विद्युत वितरण मंडल प्रथम के अधीक्षण अभियंता विजय पाल ने कहा है कि तीन संस्थाओं जलकल, बिजली विभाग व टाटा कंपनी के प्रतिनिधियों के सामने जांच हो, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए। आरोप है कि इसके बाद जलकल विभाग के कर्मचारी इससे कतरा रहे हैं। टाटा कंपनी के निर्माण प्रबंधक प्रवीन सिंह ने बताया कि जल संस्थान के अनुसार उनकी पाइप लाइन 10 इंच की डाली गई है, जबकि हमारी लाइन 12 इंच की डाली जा रही है।
आइपीडीएस के तहत आधुनिक मशीन से हो रहा खोदाई का काम
वैसे भी आइपीडीएस के तहत खोदाई का काम आधुनिक मशीन से हो रहा है, जिससे कहीं भी कोई चीज टकराती है तो मशीन तुरंत रूक जाती है। बताया कि संस्थान के आरोपों की जांच के लिए एक ट्रायल पिट खोदकर मामले की जांच कराई जाएगी। बताया जा रहा है कि अपनी कमियों को छिपाने के लिए जल संस्थान की ओर से इस तरह के आरोप लगाए गए हैं। वहीं विद्युत वितरण, वाराणसी जोन के मुख्य अभियंता मनोज कुमार अग्रवाल ने बताया कि जांच में अगर कार्यदायी कंपनी दोषी पाई जाती है तो कार्रवाई पर विचार किया जाएगा।