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एक साल से स्कूल बंद होने से फंसी बीएड के छात्रों की इंटर्नशिप, एनसीटीई की गाइडलाइन प्रभावित

कोरोना महामारी के प्रकोप के चलते पिछले एक साल से जूनियर हाईस्कूल स्तर के विद्यालय लगभग बंद चल रहे हैं। इसका प्रभाव विश्वविद्यालयों व बीएड कालेजों पर भी पड़ रहा है। स्कूल बंदी से बीएड के छात्राें की इंटर्नशिप फंसी गई है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 11 Jul 2021 02:05 PM (IST)Updated: Sun, 11 Jul 2021 02:05 PM (IST)
एक साल से स्कूल बंद होने से फंसी बीएड के छात्रों की इंटर्नशिप, एनसीटीई की गाइडलाइन प्रभावित
कोरोना महामारी के प्रकोप के चलते पिछले एक साल से जूनियर हाईस्कूल स्तर के विद्यालय लगभग बंद चल रहे हैं।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। कोरोना महामारी के प्रकोप के चलते पिछले एक साल से जूनियर हाईस्कूल स्तर के विद्यालय लगभग बंद चल रहे हैं। इसका प्रभाव विश्वविद्यालयों व बीएड कालेजों पर भी पड़ रहा है। स्कूल बंदी से बीएड के छात्राें की इंटर्नशिप फंसी गई है। वही राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने अब बीएड में इंटर्नशिप अनिवार्य कर दिया गया है। अंतिम परीक्षा परिणाम इंटर्नशिप का प्रमाण पत्र देने के बाद जारी करने का नियम है।

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बीएड, बीटीसी-डीएलएड प्रशिक्षुओं को पढ़ाई के दौरान ही कक्षा एक से 8 तक के सरकारी स्कूलों में इंटर्नशिप करने का मौका दिया जाता है। प्रशिक्षु बच्चों को पढ़ाने जाते हैं जिन्हें वहां पर तैनात प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापकों से शिक्षण से जुड़े टिप्स लेते हैं और सीखते हैं। इस पूरी प्रक्रिया को माइक्रोटीचिंग के रूप में जाना जाता है। स्कूल बंदी के कारण छात्रों के सामने भी संकट खड़े हो गए हैं। बच्चों में अनुशासन व शिक्षण अभिरुचि बढ़ाने का जरुरी कार्य करने वाली स्कूलिंग की प्रक्रिया दूर हो चली है। बीएड विभाग, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के अध्यक्ष डा. शैलेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि स्कूल बंदी होने के कारण बीएड के छात्रों को इस वर्ष आनलाइन टीचिंग कराने का निर्देश दिया गया था। विश्वविद्यालय ही नहीं संबद्ध कालेजों के बीएड के छात्राें ने इस वर्ष आनलाइन टीचिंग की है।

इसके आधार पर बीएड के छात्रों को अंक देने की प्रक्रिया की जा रही है। वहीं इंटर्नशिप के लिए बीएड के छात्रों को एक दूसरे को पढ़ाने का अभ्यास विश्वविद्यालय में ही कराया जा रहा है। इसके तहत क्लास में बीएड के छात्रों बारी-बारी से एक पीरियड क्लास प्रतिदिन दिया जा रहा है। ताकि इंटर्नशिप हो सके। उन्होंने स्वीकार किया कि इंटर्नशिप के माध्यम से बीएड में छोटे बच्चों को पढ़ाने के लिए अभ्यास कराया जाता है। स्कूल बंदी के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा है। कहा कि जैसे ही स्कूल खुलेंगे इंटर्नशिप भी कराया जाएगा। हालांकि अभी विकल्प के तौर पर एक-दूसरे को पढ़ाकर इंटर्नशिप कराया जा रहा है ताकि उनकी डिग्री न फंसे।


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