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BHU : जुलाई में आ सकती है बीएचयू समेत एक समान प्रवेश परीक्षा की सूचना, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की तैयारी

इस साल बिना परीक्षा दिए उत्तीर्ण हो गए छात्रों को बीएचयू की प्रवेश परीक्षा के लिए अब और अधिक इंतजार नहीं करना होगा। जुलाई में बीएचयू समेत सभी 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षा की सूचना आ सकती है। इसके बाद नेशनल टेस्टिंग एजेंसी कामन एंट्रेंस टेस्ट करा सकता है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 28 Jun 2021 09:10 AM (IST)Updated: Mon, 28 Jun 2021 12:02 PM (IST)
BHU : जुलाई में आ सकती है बीएचयू समेत एक समान प्रवेश परीक्षा की सूचना, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की तैयारी
जुलाई में बीएचयू समेत सभी 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षा की सूचना आ सकती है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। इस साल बिना परीक्षा दिए उत्तीर्ण हो गए छात्रों को बीएचयू की प्रवेश परीक्षा के लिए अब और अधिक इंतजार नहीं करना होगा। जुलाई में बीएचयू समेत सभी 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षा की सूचना आ सकती है। इसके बाद नेशनल टेस्टिंग एजेंसी कामन एंट्रेंस टेस्ट करा सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार स्नातक में प्रवेश की परीक्षा एक साथ कराने को लेकर गठित कमेटी ने शिक्षा मंत्रालय और यूजीसी को अपने सुझाव सौंप दिया है। अब इन सिफारिशों पर विचार कर एक साथ परीक्षा कराने के फैसले पर सरकार की मुहर लगनी बाकी है। इधर बीएचयू में छात्र, प्रोफेसर और अधिकारी काफी ऊहापोह में हैं कि इस साल प्रवेश परीक्षा कब तक संभव हो सकती है। वहीं कमेटी के सदस्य प्रो. एचसीएस राठौर ने कमेटी की सिफारिश सौंपने की बात पर सहमति जताई है। संभावना है कि अब जल्द ही सरकार कोई फैसले ले सकती है। नीट की तर्ज पर इस साल यूजी कोर्स के लिए कामन एग्जाम या सीयूसीईटी (सेंट्रल यूनिवर्सिटी कामन एंट्रेंस टेस्ट) की तैयारी है। सरकार द्वारा गठित सात सदस्यीय कमेटी में बीएचयू के पूर्व कुलपति प्रो. राकेश भटनागर और पूर्व चीफ प्राक्टर और दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एचसीएस राठौर को सदस्य नियुक्त किया गया था।

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इस साल नए सत्र 2021-22 से बीएचयू और उसके सभी संबंद्ध कालेजों में स्नातक की प्रवेश परीक्षा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा कराने की चर्चा है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने एनटीए को यह जिम्मेदारी दी है कि सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्नातक की एकसमान परीक्षा आयोजित कराए। बीएचयू की ओर से मार्च में ही पाठ्यक्रमों और सीटों की संख्या का विवरण यूजीसी को भेज दिया गया था। संगीत और दृश्य कला समेत कुछ रचनात्मक कोर्सों को इस परिधि से बाहर रखे जाने की भी बात सामने आई है। इस कमेटी को बीएचयू समेत पूरे भारत भर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश परीक्षा के लिए एक पैटर्न तय करने की जिम्मेदारी की गई थी।


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