वाराणसी में युवा स्त्री रोग विशेषज्ञों को दी नए वैज्ञानिक अविष्कारों की जानकारी, तीन दिवसीय राष्ट्रीय कांफ्रेंस
कार्यशाला का उद्देश्य स्त्रियों के विभिन्न रोगों गांठों व ट्यूमर के बारे में नए वैज्ञानिक अविष्कारों का आदान-प्रदान करना है। बताया गया कि दूरबीन विधि से किए गए आपरेशन पूरी तरह सुरक्षित है। इससे जटिल आपरेशन भी ब्लड लेस सफलता पूर्वक किया जा सकता है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। आइएजीई (इंडियन एसोसिएशन आफ गायनेकोलाजिकल एंडोस्कोपी) की ओर से शुक्रवार को नदेसर स्थित एक होटल में तीन दिवसीय राष्ट्रीय कांफ्रेंस व कार्यशाला की शुरूआत की गई। इसमें वाराणसी के साथ ही मुंबई से महिलाओं के आपरेशन का सजीव प्रसारण कर युवा डाक्टरों को नई तकनीक की जानकारी दी गई। मुंबई से डा. एस कृष्ण कुमार, डा. अभिषेक चंद्रावरकर, डा. संकेत पिसट, डा. अनुराग, डा. नितिन शाह, डा. नितिन शाह, डा. रोहन कृष्ण व डा. सौमिल त्रिवेदी ने युवाओं को आपरेशन थिएटर से बारिकियों को समझाया। वहीं वाराणसी से डा. श्रीकांत ओहरी, डा. धवल बक्शी, डा. सोनू सिंह, डा. सुजल मुंशी, डा. लोना मेहरोत्रा, डा. यशोधन डेका ने आपरेशन के क्षेत्र में शुरू किए गए उपाय के बारे में बताया।
कार्यशाला का उद्देश्य स्त्रियों के विभिन्न रोगों, गांठों व ट्यूमर के बारे में नए वैज्ञानिक अविष्कारों का आदान-प्रदान करना है। बताया गया कि दूरबीन विधि से किए गए आपरेशन पूरी तरह सुरक्षित है। इससे जटिल आपरेशन भी ब्लड लेस सफलता पूर्वक किया जा सकता है। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डा. नीलम ओहरी, प्रो. अनुराधा खन्ना, प्रो. सुलेखा पांडेय, प्रो. मंजरी माटा, प्रो. मधु जैन, प्रो. लबीना चौबे, डा. स्वाती वर्मा, डा. नम्रता रे, डा. कीर्ति, डा. रिव्या अग्रवाल, डा. अनु अग्रवाल, डा. नेहा तिवारी, डा. शिखा सचान, डा. नूतन जैन आदि मौजूद थी।
कार्यशाला में बच्चेदानी के अंदर से गांठ निकलाने के लिए हिस्टेरोस्कोपिक मारसेलेटर आदि की जानकारी दी गई। युवा स्त्री रोग विशेषज्ञों को आपरेशन की नई तकनीक के बारे में बताया गया। डा. नीलम ओहरी बताया कि इस कार्यशाला से युवा चिकित्सकों में चिकित्सा क्षेत्र में नई व आधुनिक जानकारियां विकसित होगी। उन्होंने बताया कि यह आयोजन 27 व 28 नवंबर को भी किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न कंपनियों की ओर से स्टाल भी लगाए गए हैं।