भदोही में चाइनीज रेशम कारोबार पर भारत-चीन तनाव की छाया, कारोबार पर असर
भारत-चीन के बीच जारी तनाव की छाया भदोही के कालीन कारोबार पर पड़ी है। भदोही मीरजापुर व बनारस के निर्यातकों ने कालीन बनाने में चाइनीज सिल्क को बाय-बाय बोलना शुरू कर दिया है।
भदोही [संग्राम सिंह] भारत-चीन के बीच जारी तनाव की छाया भदोही के कालीन कारोबार पर पड़ी है। भदोही, मीरजापुर व बनारस के निर्यातकों ने कालीन बनाने में चाइनीज सिल्क को बाय-बाय बोलना शुरू कर दिया है। कालीन को आकर्षक बनाने के लिए सिल्क का इस्तेमाल एक्सपोर्टर करते हैं। एक सप्ताह पहले तक चाइनीज सिल्क छाया हुआ था, लेकिन अब देशी सिल्क की डिमांड बढ़ गई है। चाइनीज सिल्क के कारोबार में करीब एक टन गिरावट आई है। पूर्वांचल में सिल्क की आपूर्ति करने वाली सात चाइना सिल्क कंपनियों को भारी चपत लगी है। जिले में करीब डेढ़ सौ निर्यातक सिल्क लेते हैं। सिल्क कारोबारी सुमित राव ने बताया कि एक सप्ताह से देशी सिल्क खूब बिक रहा है। डेढ़ टन बिकने वाला चाइनीज सिल्क 500 किलो में सिमट गया है।
इन देशों में कालीन निर्यात
अमेरिका, चाइना, इजराइल, हांगकांग, ऑस्ट्रिया, इंग्लैंड, स्पेन, जर्मनी व ऑस्ट्रेलिया।
कालीन में पांच प्रतिशत सिल्क
कालीन निर्यातक उमेश गुप्ता ने बताया कि कालीन का पांच फीसद हिस्सा सिल्क से तैयार किया जाता है। भदोही, मीरजापुर और बनारस में करीब करीब पांच टन सिल्क की खपत है। देशी रेशम की तुलना में चाइनीज सिल्क में थोड़ी चमक ज्यादा होती है, इसलिए पिछले दिनों निर्यातक इसका इस्तेमाल करते थे लेकिन अब सवाल देश का है इसलिए देशी ही प्राथमिकता होगी। हैंडनॉटेड कालीन में सिल्क का ज्यादा प्रयोग होता है। निर्यातक संजय गुप्ता ने बताया कि अब प्रयास हो रहा है कि देशी रेशम ही प्रयोग में लाया जाए। कारपेट में लगते चार तरह के सिल्क
कालीन बनाने में चार तरह के सिल्क इस्तेमाल किये जाते हैं, इसमें गोल्ड, मलबरी, मूंगाटसक व ऐरी। इनकी आपूर्ति कर्नाटक और तमिलनाडु द्वारा की जा रही है। चाइना की कंपनियां सिर्फ मलबरी सिल्क ही यहां आपूर्ति करते हैं। 70 प्रतिशत कारोबार इसी सिल्क का ही है, यह निर्यातकों को 1800 से 2200 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बिक रहा है।
इस रेट पर बिक रहा देशी सिल्क
1800 से 2000 : रुपये प्रति किलो गोल्ड
1100 से 1500 : रुपये प्रति किलो मलबरी
1200 से 1800 : रुपये प्रति किलो ऐरी
2000 से 2300 : रुपये प्रति किलो मूंगाटसक
फीसद वार होता है कालीन निर्यात
50 : फीसद नॉटेड कालीन
30 : फीसद टप्टेड कालीन
10 : फीसद दरी व हैंडलूम
10 : फीसद आउटडोर, कष्टम व डिजाइनर कारपेट
प्रति वर्ग मीटर कालीन निर्यात मूल्य
15-50 : डॉलर तक हैंडलूम
6-40 : डॉलर तक कॉटन दरी
12-40 : डॉलर तक आउटडोर
15-70 : डॉलर तक टप्टेड
150-400 : डॉलर तक कस्टम
200-600 : डॉलर तक डिजाइनर
100-500 : डॉलर तक नॉटेड