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भारत-नेपाल के संबंध हृदय से सदियों पुराने, राष्ट्रीय प्रतिष्ठान को वास्तविक स्थितियों पर ध्यान देना जरूरी

भारत व नेपाल के संबंध सदियों पुराने हैं। दोनों देशों यह संबध हृदय हैं। नेपाल के कुछ राजनीतिक प्रतिनिधि अपने व्यक्तिगत फायदे के लिए भारत विरोधी माहौल बनाने में जुटे हुए हैं

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 07:10 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2020 07:10 PM (IST)
भारत-नेपाल के संबंध हृदय से सदियों पुराने, राष्ट्रीय प्रतिष्ठान को वास्तविक स्थितियों पर ध्यान देना जरूरी
भारत-नेपाल के संबंध हृदय से सदियों पुराने, राष्ट्रीय प्रतिष्ठान को वास्तविक स्थितियों पर ध्यान देना जरूरी

वाराणसी, जेएनएन। भारत व नेपाल के संबंध सदियों पुराने हैं। दोनों देशों यह संबध हृदय हैं। नेपाल के कुछ राजनीतिक प्रतिनिधि अपने व्यक्तिगत फायदे के लिए भारत विरोधी माहौल बनाने में जुटे हुए हैं। वह राष्ट्रवाद के नाम पर नेपाली युवाओं को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं जो अनुचित है। यह बात नेपाल के बुद्धिजीवी भी समझ रहे हैं।

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पं. दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ व राष्ट्रीय सेवा योजना, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के संयुक्त तत्वाधान में भारत-नेपाल राष्ट्र सहस्तित्व: पं. दीन दयाल उपाध्याय के विचारों की प्रासंगिकता विषयक वेबिनार का यह निष्कर्ष रहा। बतौर मुख्य अतिथि नेपाल सरकार के पूर्व उप वित्त मंत्री उदय शमशेर राना ने कहा कि भारत-नेपाल दोनों देश सदियों से एक-दूसरे का सहयोग करते आ रहे हैं। ऐसे में किसी विषय पर मीडिया व राष्ट्रीय प्रतिष्ठान को संयम एवं वास्तविक स्थितियों का ध्यान रखना जरूरी है। नेपाली कांग्रेस के संसद सदस्य डा. अभिषेक प्रताप शाह ने कहा कि भारत-नेपाल को तकनीकी, चिकित्सा व औषधि संयुक्त रूप से शोध करने की जरूरत है। मुख्य वक्ता इंडो-नेपाल संबंध के विशेषज्ञ व जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के एसोसएट प्रोफेसर डा. एसडी मुनी ने कहा कि भारत-नेपाल के संबंध क्षेत्रीय शक्ति संतुलन को प्रभावित करता है। अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. टीएन सिंह ने कहा कि भारत नेपाल संबंध हृदय से है। दोनों देश सांस्कृतिक एकता विषम भौगोलिक आर्थिक तथा राजनीतिक समस्याओं के निराकरण में सक्षम हैं। स्वागत यूजीसी नोडल अधिकारी प्रो. निरंजन सहाय, संचालन डा. पारिजात सौरभ, संयोजक डा. केके सिंह व धन्यवाद ज्ञापन डा. कुंवर पुष्पेंद्र प्रताप सिह ने किया।

कांग्रेसजन ने काली पट्टी बांध जताया विरोध

राजस्थान में सत्ता की खरीद-फरोख्त व प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की गिरफ्तारी के विरोध में सोमवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने घरों से ही काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। इसके अलावा पार्टी के विधानसभा घेराव कार्यक्रम में लॉकडाउन के कारण काशी के कांग्रेस कार्यकर्ता हिस्सा नहीं ले सके। पूर्व मंत्री अजय राय ने कहा कि इस सरकार ने लोकतंत्र को हाशिये पर रख दिया है और संवैधानिक मूल्यों का लगातार हनन किया जा रहा है। महामारी में जनता से जुटाए पैसे का हिसाब देने की बजाय राजस्थान में विधायकों के खरीद-फरोख्त में लगाया जा रहा है, जो निंदनीय है। जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल व महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने कहा कि लोकतंत्र में चुनी हुई सरकारों के साथ यह खिलवाड़ है। कांग्रेस कार्यकर्ता यदि आवाज उठाते है तो उन्हेंं जेल भेज दिया जाता है। तीन महीने के दौरान प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को सरकार ने 21 बार गिरफ्तार किया है


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