लॉकडाउन और कोरोना वायरस संक्रमण के कारण सिजेरियन को ना, सामान्य डिलीवरी की बढ़ी संख्या
तीन महीने के आंकड़े पर गौर करें तो मीरजापुर में 2000 महिलाओं की डिलीवरी हुई। इसमें मात्र 500 सिजेरियन से तो 1500 नार्मल डिलीवरी कराई गई।
मीरजापुर, जेएनएन। कोरोना का खौफ आम जनता में ही नहीं बल्कि चिकित्सकों में भी है। यहीं कारण हैं कि वे महिलाओं की सिजेरियन डिलीवरी कराने की बजाय नार्मल डिलीवरी करा रहे हैं। इसका फायदा गर्भवती महिलाओं को मिल रहा है। पिछले तीन महीने के आंकड़े पर गौर करें तो जनपद में 2000 महिलाओं की डिलीवरी हुई। इसमें मात्र 500 सिजेरियन से तो 1500 नार्मल डिलीवरी कराई गई।
लॉकडाउन के पहले अधिकांश गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी आपरेशन से करा दी जाती थी। चिकित्सक समय बचाने के लिए नार्मल डिलीवरी का इंतजार नहीं करते थे यहीं कारण हैं कि महिलाओं की डिलीवरी आपरेशन से करा देते थे। लेकिन जब से लॉकडाउन लगा है तब से चिकित्सकों में भी कोरोना की चपेट में आने का खौफ सताने लगा है। जिससे वहां आने वाली महिलाओं का अब आपरेशन से डिलीवरी कम कराई जा रही है। उनको भर्ती कर नार्मल डिलीवरी कराने का इंतजार किया जा रहा है। महिला मरीज सुलेखा का कहना है कि गर्भवती होने के बाद वह एक निजी चिकित्सालय में अपना इलाज करा रही थी। इलाज के दौरान डाक्टर ने बताया था कि उसके बच्चेदानी का मुंह कम खुला है इसलिए आपरेशन से बच्चा पैदा होगा। इसके लिए उन्होंने कहा कि पहले स्वास्थ्य विभाग के पास जाएं और अपनी जांच कराकर आएं, तभी उसका इलाज होगा। जब उसके परिवार के लोग तैयार नहीं हुए तो उसे भर्ती कर लिया। एक दिन बाद उसकी नार्मल डिलीवरी से बेटा पैदा हुआ। वहीं नगर निवासी सुमन का कहना है कि उसे भी कहा गया था कि सिजेरियन से बच्चा होगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। समय आने पर वह तीन दिन चिकित्सालय में भर्ती रही और नार्मल डिलीवरी से मां बनी।
मीरजपुर में आंकड़ों में डिलीवरी
माह सिजेरियन नार्मल
अप्रैल 150 350
मई 145 355
जून 79 421
निजी अस्पताल में 374 की नार्मल डिलीवरी
लॉकडाउन के दौरान नार्मल डिलीवरीे की संख्या में अधिक बढ़ोतरी हुई
लॉकडाउन के दौरान नार्मल डिलीवरीे की संख्या में अधिक बढ़ोतरी हुई हैं। लेकिन जहां तक सिजेरियन से डिलीवरी कराने की बात है तो उससे भी कराया जा रहा है। लेकिन इस दौरान पूरी सावधानी बरती जा रही है। आपरेशन के बाद मरीज का कोरोना जांच भी कराया जा रहा है।
-संजय पांडेय, चिकित्साधिकारी।