अधिक आक्सीजन उत्सर्जित करने वाले पौधों की बढ़ी डिमांड, बलिया के नर्सरियों में पौधे 25 फीसद महंगे
कोरोना संक्रमण के दौर में लोगों की दिनचर्या बदल गई है। दूसरी लहर में आक्सीजन को लेकर मची मारामारी के बाद सांसों की सलामती के लिए लोग सजग हुए हैं। अब वे अधिक आक्सीजन उत्सर्जित करने वाले पौधों का सहारा ले रहे हैं।
बलिया, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के दौर में लोगों की दिनचर्या बदल गई है। दूसरी लहर में आक्सीजन को लेकर मची मारामारी के बाद सांसों की सलामती के लिए लोग सजग हुए हैं। अब वे अधिक आक्सीजन उत्सर्जित करने वाले पौधों का सहारा ले रहे हैं। ऐसे पौधों की डिमांड काफी बढ़ गई है। इससे इनके दाम भी चढ़ गए हैं। पौधों का दाम 25 फीसद तक बढ़ गया है। नर्सरियों में अधिकांश लोग इस तरह के पौधों की तलाश में पहुंच रहे हैं।
इस समय घरों में कमरे से लेकर आंगन में स्नेक प्लांट, मनी प्लांट, एरिका पाम, एरोकेरिया, तुलसी, रबर प्लांट सहित अन्य ज्यादा आक्सीजन उत्सर्जित करने वाले पौधे लगाए जा रहे हैं। वहीं खुली जगहों पर पीपल, पाकड़, बरगद, फाइकस, मौलश्री, समी, नीम के पौधे लगाने को लेकर जागरूकता आई है। नर्सरियों में लोग पौधों को लगाने व उसे गमले में बचाए रखने के उपाय पूछ रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर के पहले एक नर्सरी में इस तरह के 15-20 पौधे बिकते थे। अब एक दिन में ही लगभग 20 पौधे बिक जा रहे हैं। इनकी शहर से सटे जलालपुर में नर्सरी चलाने वाले सुशील पुष्पक ने बताया कि इस समय आने वाले लोग ज्यादातर लोग आक्सीजन देने वाले और घरों व बेडरूम में लगाने वाले पौधों के बारे में पूछ रहे हैं। इसके कारण कीमत बढ़ी है।