बढ़े रसोई गैस सिलेंडर के दाम तो उपयोग कर दिया कम, सिलेंडर और गैस चूल्हा बगल में रखकर मिट्टी के चूल्हे पर काम
छह महीने के भीतर रसोई गैस सिलेंडर के दामों में 250 रुपये की वृद्धि हुई है। इसका सीधा असर अब सिलेंडर के उपभोग पर दिखाई दे रहा है। ग्रामीण इलाकों में लोग रसोई गैस का उपयोग करना बंद नहीं बल्कि कम कर दिए हैं।
वाराणसी, जेएनएन। छह महीने के भीतर रसोई गैस सिलेंडर के दामों में 250 रुपये की वृद्धि हुई है। इसका सीधा असर अब सिलेंडर के उपभोग पर दिखाई दे रहा है। ग्रामीण इलाकों में लोग रसोई गैस का उपयोग करना बंद नहीं बल्कि कम कर दिए हैं। वहीं शहरी क्षेत्रों में लोग अपने अन्य खर्चों में कटौती करके रसोई गैस रीफिल करा रहे हैं। इस बात की जानकारी शनिवार को दैनिक जागरण के पड़ताल में हुई।
उज्ज्वला योजना के 50 फीसद लाभार्थी चूल्हे की ओर लौटे
पड़ताल में पता चला कि रसोई गैस के दामों में वृद्धि से उज्ज्वला योजना के 50 फीसदी लाभार्थी फिर से वापस चूल्हे की ओर लौट गए हैं। आंकड़े बताते हैं कि लाभाॢथयों ने सिलेंडर रिफिल करना कम कर दिया है। वह बहुत जरूरी होने पर ही रसोई गैस का इस्तेमाल कर रहे हैं। पहले जहां वह हर महीने सिलेंडर रिफिल करवाते थे अब वह दो से तीन माह में सिलेंडर रिफिल करवा रहे हैं।
मेहमानों के आने पर इस्तेमाल हो रहा रसोई गैस
ग्रामीण क्षेत्रों में लोग महंगे रसोई गैस को छोड़कर वापस चूल्हे की ओर लौट गए है। दोनों पहर का खाना वह चूल्हे पर बना रहे हैं। इस बीच यदि कोई मेहमान आ गया तो विशेष परिस्थितियों में ही लोग रसोई गैस का प्रयोग कर रहे हैं।
रोजमर्रा के खर्चे कम करके रिफिल करा रहे सिलेंडर
अर्ध शहरी क्षेत्रों में लोग अपने रोजमर्रा के खर्चों को कम करके रसोई गैस सिलेंडर भरवाने का इंतजाम कर रहे हैैं। भक्तिनगर कालोनी निवासी आकांक्षा उपाध्याय ने बताया कि पहले हम डेढ़ लीटर दूध मंगाते थे अब खर्चे को कम करने के लिए एक लीटर दूध में ही काम चला रहे हैैं। कुछ इसी तरह लंका निवासी रजनी शाह ने बताया कि कई शौकों को नजरअंदाज करके इस समय रसोई का बजट खींचा जा रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में रिफिलिंग में आई 40 फीसद की कमी
बाबतपुर स्थित बाटलिंग रिफिल प्लांट के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि जब से रसोई गैस के दामों में वृद्धि हुई है तब से ग्रामीण इलाकों के एजेंसियों पर 40 फीसदी रिफिलिंग की कमी हुई है।
दूसरे खर्चे को काटकर गैस सिलेंडर भरवा रहा है
घरेलू गैस सिलेंडर के दाम लगातार बढऩे से मध्यम व निम्न वर्गीय परिवार का बजट बिगड़ गया है। मध्यम वर्गीय परिवार किसी तरह दूसरे खर्चे को काटकर गैस सिलेंडर भरवा रहा है।
-विनीता सिंह
उज्जवला योजना में मिले सिलेंडर और चूल्हे शो-पीस बने हुए हैं
उज्जवला योजना में मिले सिलेंडर और चूल्हे शो-पीस बने हुए हैं। रसोई में योजना के तहत मिले गैस सिलेंडर और चूल्हे को बगल में रखकर चूल्हे पर भोजन पकाने को हम विवश है।
-वंदना मिश्रा