प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 को करेंगे भूमि पूजन और बनने लगेगा काशी विश्वनाथ कारिडोर
बाबा दरबार से गंगा तट पर ललिता-मणिकर्णिकाघाट तक श्रद्धालु हित में प्रस्तावित विशेष मार्ग यानी श्रीकाशी विश्वनाथ कारिडोर का प्रधानमंत्री शिलान्यास के बजाय भूमि पूजन करेंगे।
वाराणसी [प्रमोद यादव]। बाबा दरबार से गंगा तट पर ललिता-मणिकर्णिकाघाट तक श्रद्धालु हित में प्रस्तावित विशेष मार्ग यानी श्रीकाशी विश्वनाथ कारिडोर का प्रधानमंत्री शिलान्यास के बजाय भूमि पूजन करेंगे। विधि-विधान से पूजन-अनुष्ठान के साथ प्रथम चरण का निर्माण कार्य तत्काल शुरू कर दिया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी शासन स्तर पर राजकीय निर्माण निगम को दी गई है। श्रीकाशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद ने इसकी तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। इस लिहाज से भवनों को ध्वस्त करने का कार्य रोक कर मंदिर के आसपास के इलाके में समतलीकरण शुरू कर दिया गया है। कारिडोर के नक्शे में यह क्षेत्र प्रथम चरण के कार्य के लिए चिह्नित है।
श्रीकाशी विश्वनाथ कारिडोर पीएम व सीएम की प्राथमिकता में शामिल है। प्रदेश में सरकार गठन बाद बनारस के अफसरों संग बैठक में ही श्रद्धालु हित के इस खास प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिली थी। पीएम ने भी सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर बाबा दरबार का विकास, विस्तार व सुंदरीकरण कराने का सुझाव दिया था। इसका कार्य भी लगातार उनकी ही निगरानी में हो रहा है। बनारस दौरे में पीएम कारिडोर की कार्य प्रगति और स्थलीय निरीक्षण कर चुके हैं। पहले इसका शिलान्यास नवंबर में ही किया जाना था लेकिन डिजाइन समेत हर स्तर पर सुदृढ़ किए जाने के उद्देश्य से नक्शे में लगातार संशोधन किया जाता रहा। फिलहाल डीपीआर कैबिनेट में रखा जाना है लेकिन माना जा रहा है कि कार्य में किसी तरह की देरी से बचने के लिए निर्माणदायी एजेंसी का चयन कर लिया गया। साथ ही भूमि पूजन के लिहाज से हर स्तर पर तैयारियां भी की जा रही हैं।
कारिडोर निर्माण के चार चरण : परामर्शदात्री कंपनी एचसीपी की ओर से बनाए गए नक्शे में पूरे कार्य को चार चरणों में बांटा गया है। इसमें प्रथम चरण मंदिर और आसपास का इलाका तो तीसरे चरण में गंगा घाट का किनारा शामिल है। पहले चरण में बाबा दरबार क्षेत्र को शामिल करने का उद्देश्य यह कि श्रद्धालुओं को जल्द से जल्द सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएं। वहीं तीसरे चरण के कार्य के पीछे मंशा गंगा की ओर से कारिडोर दिखाने की है। हालांकि दूसरे व चौथे चरण में घनी अबादी क्षेत्र को रखा गया है।
229 भवनों की खरीद, 180 का ध्वस्तीकरण : कारिडोर के दायरे में 276 भवन आ रहे हैं। इसमें 229 भवनों की खरीद पूरी की जा चुकी है। हालांकि शेष भवनों में करीब तीन दर्जन देवालय, नगर निगम व ट्रस्ट की संपत्ति हैं। इसके अलावा 180 भवनों का ध्वस्तीकरण किया जा रहा है।
बोले अधिकारी : पीएम के हाथों भूमि पूजन की तैयारियां की जा रही हैं। इस लिहाज से ध्वस्तीकरण रोक कर समतलीकरण किया जा रहा है। राजकीय निर्माण निगम का कार्यदायी एजेंसी के तौर पर चयन किया गया है। भूमि पूजन के साथ निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। -विशाल सिंह, सीईओ, श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर व विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद।